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Showing posts from January, 2015

कुंडा को कर दिए मुंडा

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आर.पी. सिंह की दो टूक-  मामला उत्तर प्रदेश के दाउदपुर झील के किनारे आस्था का केंद्र रहे बुढऊ बाबा धाम का स्थानीय गुंडा ने कुंदा बेंचकर कुंडा को मुंडा कर दिया। पहले वहां एक ही संत बाबा ब्रह्मानंद रहते थे। जो सिर और दाढ़ी मूंछ घुंटाए बाबा भोगशरण की उपासना किया करते थे। बचपन में हम भी वहां कड़ा प्रसाद खाने जाते थे। ऐसा बताया जाता है कि वहां बाबा गंगादास की धूनी है, जिससे कभी बाबा तोताराम ने सोने की र्इंटें निकाल कर महाराजा पृथ्वीपाल सिंह को लगान के लिए दी थीं। बाबा ब्रह्मानंद उन्हीं बाबा तोताराम के शिष्य बताए जाते हैं।  स्थानीय लोग भी बाबा का बड़ा सम्मान करते थे, मगर इन्हीं गुंडों ने उस संत पर उसी कुंडा आश्रम में कल्हाड़ियों से हमला करवाया। किसी तरह उनकी जान तो बच गई मगर एक साल के अंदर ही बाबा ब्रह्मानंद ब्रम्हलीन हो गए। हां एक बात और हुई उस दौरान कि बाबा दिन में भले कुंडा आश्रम पर रहते थे, मगर शाम होते ही वो आश्रम छोड़ दिया करते थे,जिसका फायदा भी वहां के कुछ लोगों ने खूब उठाया। बाबा पर भी आरोप लगाए जाते रहे कि उन्होंने भी वहां की कुछ जमीन बेंच दी थी। हालांकि ये बात प्रमाणित नहीं हो पा

दाउदपुर झील की मौत का मातम

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आरपी. सिंह की दो टूक- उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की दाउदपुर झील जहां कभी धान की दो फसलें होती थीं। मछली बेंचकर तमाम परिवारों का गुजारा होता था। आसपास के लोग भी मछलियों का शिकार किया करते थे। गन्ने की अच्छी पैदावार हुआ करती थी। पुराने समय का लोहगढ़ उत्तर की ओर तो दक्षिण की ओर वहां किसी राजा का किला हुआ करता था जिसके पुरावशेष आज भी वहां मौजूद हैं। इसी किले पर बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला ने आक्रमण किया था। उसकी तोपों ने इतने गोले उगले थे कि उस किले की एक भी र्इंट सुरक्षित नहीं मिली। लोहगढ़ जो कुंडा के बाबा भोगशरण के आश्रम के उत्तर की ओर है वहां आल्हा-ऊदल ने कभी बड़ी विकट लड़ाई लड़ी थी। ऐसा वहां के पुराने जानकार बताते थे। हमने ये सारी बातें बचपन में बड़े भइया महादेव सिंह उर्फ पोंगी सिंह से सुनी थी। इसकी पुष्टि हरीपुर निवासी सुखराज सरोज ने भी की थी। बरदैंता के मुनई यादव और ठाकुर रणबहादुर सिंह उर्फ डिप्टी साहेब ने भी बताई थी। ठाकुर महावीर सिंह मुख्तार साहेब ने भी इस बात का जिक्र किया था। बाबूजी राजनारायण सिंह उर्फ गोसार्इं सिंह ने भी  इस बात को बताया था। इसके बाद जब ग्रंथों को खंगाला गया तो

रसूखदार गए लील दाउदपुर की झील

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आर.पी. सिंह की दो टूक- प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश जिला अपनी गोखुरी आकृति वाली झीलों को लेकर मशहूर है। कानून के टायर में ठोंकर कर तर्कों की कील, जिले की सबसे बड़ी दाउदपुर झील को वहां के रसूखदार गए लील, जनता कर रही बैड फील तो सरकार रही है प्याज छील। पहले बाहर से आने वाली प्रवासी चिड़ियों को मार कर खाया, फिर भी पेट नहीं भरा तो मछलियां मारी उससे भी पेट नहीं भरा तो पूरी झील ही लील गए। इन लीलाधरों की लीला में यहां के एक ऐसे सांसद का विशेष योगदान रहा जो कुछ घरों में बाढ़ का पानी जाने से बचाने के नाम पर एक नहर खोद कर इस झील की हत्या कर डाली। जहां कभी कमल के फूल खिला करते थे वहां  खेत बन गए। जहां पक्षी कलरव करते थे वहां मैदान हो गया। पेड़ ही नहीं तो पक्षी कहां बैठेंगे।  राज्य के इतिहासकार, विद्वान सो रहे हैं। लोग पानी के लिए रो रहे हंै। महज दो प्रतिशत लोग मौज कर रहे हंै और 98 प्रतिशत उनको ढो रहे हैं। मजेदार बात कि यहां हर कोई इसको अपने -अपने एंगल से तोलता है,इतना सब कुछ होने के बावजूद भी कोई कुछ नहीं बोलता है। हम तो बस यही कहेंगे कि- खुशी से आग लगाओ कि इस मुहल्ले में, मेरा मकां ही नहीं है तुम्हा

आरपी सिंह की दो टूक-

 पी लिया राजधानी रायपुर में पीलिया ने 28 जिंदगियों को पी लिया। जिम्मेदारों ने इस पर अपनी जुबान सी लिया और अमली अमले ने इस शर्म को शराब में घोलकर पी लिया। इनकी जुबानी नूराकुश्ती और सियासी धींगामुस्ती के चलते गरीब तबके  का आदमीं पिस रहा है। निगम ह्वाइट हाउस में जनता के लहू से घिस रहा है लाल चंदन। ऐसे नि-ग़म को एक बूढ़े पत्रकार का वंदन।  जो कर रहे हो किए जाओ दनादन....। 

आरपी. सिंह की दो टूक मित्रों......

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कल इक साइकिल पीएसएलवी रॉकेट को टक्कर मार कर खुश हो रही थी। उसने सोचा कि वो उसको ओवर टेक कर गई। रॉकेट ये देखकर हंसा....... उसे साइकिल की ये बचकाना हरकत काफी पसंद आई। वहीं साइकिल अपने गुरूर में चूर सरसराती हुई दूर चली जा रही थी। गर्व से अपने पर इतरा रही थी। उसे पड़े हुए रॉकेट की रफ्तार का अंदाजा नहीं , खैर रॉकेट मुस्कुराता देखता रहा और वो आंखों से ओझल हो गई।

इसे कहते हैं पत्रकारिता का जज्बा

मित्रों... इसे कहते हैं पत्रकारिता का जज्बा. .. अगर सीखना है तो सीख लें। खबर है  कि फ्रांसीसी पत्रिका शार्ली एब्डो अगले हफ़्ते अपने समय पर फिर निकलेगी। पत्रिका से जुड़े स्तंभकार पैट्रिक पेलू नेबताया कि पत्रिका अगले हफ़्ते बुधवार को फिर निकलेगी ताकि बताया जा सके कि ''बेवकूफ़ी नहीं जीत सकती।'' पेलू ने कहा, "यह बहुत मुश्किल है। हम सभी दुखी हैं और डरे हुए हैं लेकिन हम इसे इसलिए छापेंगे क्योंकि बेवकूफ़ी नहीं जीत सकती।" उन्होंने कहा कि पत्रिका को शार्ली एब्डो के मुख्यालय के सामने रखा जाएगा जो फिलहाल हमले के बाद बंद है। 

सामने आया छत्‍तीसगढ़ में वनकर्मी को खाते भालू का VIDEO

URL:http://www.bhaskar.com/news-ht/c-16-815313-NOR.html?seq=1

सामने आया छत्‍तीसगढ़ में वनकर्मी को खाते भालू का VIDEO

रायपुर/सूरजपुर. सूरजपुर के प्रेमनगर के जंगल में एक भालू ने वनकर्मी पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। यह घटना पिछले साल 22 दिसंबर की है, लेकिन इसका वीडियो सोमवार को सामने आया। इस भालू ने 24 घंटे के अंदर दो लोगों की जान ली थी। इसके बाद आदमखोर भालू को गोली मार दी गई थी।http://www.bhaskar.com/news-ht/c-16-815313-NOR.html?seq=1