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Showing posts from September, 2015

मित्रों.... राजधानी रायपुर के कालीबाड़ी में शिवलिंग के आकार का गणेशपूजा पंडाल बनाया गया है, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

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कान के रास्ते कलेज़े में उतरने का फ़न जानते हैं रमन

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आरपी. सिंह   वक्त के पांव अनायास ठहर जाएंगे, गौर से देखोगे कुछ और नज़र आएंगे। प्यार से इनको सुनोगे तो ये रफ्ता-रफ्ता कान के रास्ते कलेजेÞ में उतर जाएंगे।।   जी हां कुछ ऐसा ही नज़ारा रविवार को  राजधानी के चारों ओर देखने को मिला, जब रमन के गोठ को सुनने के लिए जो जिधर पाया उधर ही ट्रांजिस्टर से चिपक गया। इस घटना ने एक बात तो साबित कर ही दिया कि प्रदेश के मुखिया डॉ. रमन सिंह कान के रास्ते कलेज़े में उतरने का हुनर जानते हैं। दूसरा ये कि न जाने कितने दिनों से घर के कोने में पड़े रेडियो सेट्स में एक बार फिर से बैटरी लगाई गई और बाहर निकल आए फिलिप्स और बुश के रेडियो सेट। इन में कुछेक चाइनीज़ सेट भी दिखाई दिए। अपने वक्तव्य के दौरान उन्होंने जिस तरह से प्रदेश की जनता के दिल में उतरने में सफलता हासिल की उसके नि:संदेह दूरगामीं परिणाम होंगे। पूरे प्रदेश में पार्कों से लेकर मुहल्ले की गलियों और गांवों की चौपालों तक में लोगों ने रेडियो पर अपने प्रदेश के मुखिया को ध्यान लगाकर सुना। इससे डॉ. रमन सिंह की लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है। वे अपने इस संबोधन के दौरान लोगों से पूरी तरह से जुड़ने में का

इनके जज्बे का हमारा सलाम......

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महतारी एक्सप्रेस के चालक मिथलेश और ईएमटी नेतराम ने दर्द से कराहती द्रौपदी को पार कराया नाला- बुधवार को सुबह से कसडोल में भारी बारिश हो रही थी। नाले उफान पर थे। नारायणपुर से कसडोल जाने वाली सड़क पर सेमरिया नाला के ऊपर डेढ़ फीट पानी बह रहा था। नाले के एक किनारे पर गर्भवती द्रोपती को लिए उसके परिजन 102 महतारी एक्सप्रेस के आने का इंतजार कर रहे थे। महतारी एक्सप्रेस दोपहर 1 बजे दूसरे किनारे पर पहुंच गई, लेकिन नाले को पार करना मुश्किल था, एम्बुलेंस को नाले में उतारना जान जोखिम में डालने जैसा था। चालक मिथलेश साहू, ईएमटी नेतराम पटेल ने द्रोपती के परिवारवालों को आवाज लगाई- चिंता मत करो...हम नाला पार कर आ रहे हैं।

इस हिम्मत की दाद दो यारों....

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मित्रों.... ये छत्तीसगढ़ के सामरी विधायक डॉ प्रीतम राम हैं जो राजपुर के ग्रामीणों का इलाज करने के लिए पैदल ही नदी पार कर रहे हैं। यही नहीं उस पहुंच विहीन गांव में जाकर गरीबों का इलाज किया और  अपने पैसे से दवाएं भी दीं।

2 सितंबर को अमन पथ के संपादकीय पेज में प्रकाशित मेरा आलेख

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