Posts

Showing posts from April, 2012

२३ अप्रैल को जनदखल में प्रकाशित मेरा स्तम्भ -खटर-पटर

Image

२३ अप्रैल २०१२ के कही अनकही हिंदी दैनिक में प्रकाशित मेरी बाई लाइन स्टोरी -

Image

२१ अप्रैल के जन दखल में प्रकाशित मेरा स्तम्भ -खटर-पटर -- जिसको मैं निखट्टू के नाम से लिखता हूँ .

Image

सम्माननीय मित्रों ! आज से खटर-पटर को पढ़िए एक नए अंदाज में और बताइये की कैसा लगा...

Image

सम्माननीय मित्रों ! आज से खटर-पटर को पढ़िए एक नए अंदाज में और बताइये की कैसा लगा...

Image

कही अनकही में मेरी सम्पादकीय

Image

कही अनकही में मेरी सम्पादकीय

Image

१५ अप्रैल २०१२ के जन दखल संध्या दैनिक में प्रकाशित मेरा कलम खटर- पटर

Image

१५ अप्रैल२०१२ के जनदखाल में प्रकाशित मेरा स्तम्भ

Image

पत्रकारिता की पीड़ा

पत्रकारिता के क्षेत्र में भी अब जिस तरह से पूंजीवादी लोगों की पकड़ बढ़ती जा रही है वही निष्पक्ष पत्रकारिता को ख़त्म कर रही है.वहीं इस क्षेत्र में कुछ ऐसे लोग भी आ गे हैं जिनका इससे दूर-दूर तक कोई ताल्लुक नहीं है. जाहिर है ऐसे लोग महज अपनी हनक दिखाने के लिए अपनी लाक्सारी गाड़ियों पर आराम से प्रेस लिखवा कर मजे से घूम रहे हैं. कुछ लोग उन्हीं को बड़ा पत्रकार मानकर सलाम भी ठोंक देते हैं. जबकि अगर एक इंट्रो लिखने को दे दिया जाए तो साहब के पैंट ढीली हो जायेगी. जो इसके जानकार हैं उनकी पूंछ परख दिनों दिन कम होती जा रही है. शायद यही कारण है की पत्रकारों की दशा बंधुआ मजदूरों से भी बदतर है. यहाँ बस एक ही चीज बची है दलाली अगर आप वह कर सकते हैं तो फिर आपका स्वागत है आप आइये पत्रकारिता जगत में. वरना अगर इसको मिशन समझते हैं तो हुज़ूर भूल जाइए अब न तो वे अखबार रहे न वे सम्पादक अगर कहीं हैं भी तो वे भी अपना स्तित्वा बचाने के लिए जंग लड़ रहे हैं. पत्रकारिता खोखली हो चली है. ऐसे में इस पोल में रहकर अगर आप खुद को सुरक्षित महसूस कर सकते हों तो करें मुझे तो लगता है की गलत जगह में आकर फंस गया.

रायपुर के प्रतिष्ठित संध्या दैनिक जन दखल में प्रकिषित मेरा आलेख -

Image

रायपुर से प्रकाशित सांध्य दैनिक जन दखल में प्रकाशित मेरी खबर -

Image