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Showing posts from June, 2014

ये फक्कड़पन और अक्खड़पन

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कलम की नोंक दबाकर लिखने की आदत ने नाक तो ऊँची की मगर पता नहीं कितने हमले भी करवाए! इस सफ़र में कितनों ने किनारा किया तो कितनों से मजबूरन किनारा करना पड़ा! इतना सब कुछ होने बहुत पाने और कुछ खोने के बाद भी न हम बदले और न हमारी लेखनी! ये फक्कड़पन और अक्खड़पन और उम्र के साथ हावी होता भुलक्कड़पन क्या-क्या दिखाएगा ऊपरवाला जाने!

भगवान से बड़ी कविता....लिखने वाले आप बहुत याद आ रहे हैं!

 मित्रों.....कोलकाता के हिन्दी के जानकारों के लिए सिर्फ़ दादा कह देने मात्र से जो एक अक्स उभर कर सामने आता था, वो पंडित छविनाथ मिश्र ..... जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी कविता के नाम कर दी! आज सुबह से ही उनकी याद आ रहे है!--- मेरे दोस्त.. मेरे हमदम, तुम्हारी कसम कविता जब किसी के पक्ष में अथवा विपक्ष में अपनी पूरी अस्मिता के साथ खड़ी होती है तो वो भगवान से भी बड़ी होती है!!

लेट के रेंगने वाले देश में वो बुलेट की बात करते हैं! लगता है भारतीय रेल के खेल से वाकिफ़ नहीं हैं! ये उसे भी अगर पैसेंजर न बना दें तो कहना!

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देश की दशा और दिशा सुधारने के लिए ज़रूरी है की चीन के सामरिक बाजार पर हम कब्जा जमाएँ, मगर सवाल यही है की क्या इसी रफ़्तार से? जो अजगर को भी लज्जित कर देती है?

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मुझको मेरा कमाया दे दो

उनको सारी माया दे दो, गैंडे जैसी काया दे दो!  अपने मरे भले ही भूखों,  उनको मित्र पराया दे दो!!  बापू को  वनवास दे दिया, लेकिन चाचा, ताया दे दो!     ठूंठ दास तो हूट हो गये,     वो कहते हैं छाया दे दो!! घून्स घास खाओ "कपूत"तुम, मुझको मेरा कमाया दे दो!

महारानी लक्ष्मी बाई की असली तस्वीर है जिसे आपके लिए खास प्रस्तुत कर रहा हूँ! 160 साल से अधिक पुरानी है ये फोटो!!

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महारानी लक्ष्मी बाई के बलिदान दिवस पर भारत राष्ट्र की ओर से सदर नमन और वंदन.......मित्रों ये महारानी की असली तस्वीर है जिसे आपके लिए खास प्रस्तुत कर रहा हूँ! 160 साल से अधिक पुरानी है ये फोटो!!

पत्रकारों के अपमान और सम्मान पर आर.पी सिंह की दो टूक-

विधान सभा में 39 सीटें जीतने पर पत्रकारों पर पैसे लेने का आरोप लगाने वाला भी कांग्रेसी और लोकसभा में एक सीट जीतने पर पत्रकारों को सम्मानित करने वाला भी कांग्रेसी? कोई मुझ अकिंचन को समझाए कि आख़िर मज़रा क्या है? ये बाँटने, डाँटने, फिर चूमने चाटने और किसी दिल्ली के बड़े नेता के आते ही काटने और अपना मतलब निकालने के लिए उसी पत्रकारिता को घोंटने-घांटने के पीछे का गणित क्या है? अगर पत्रकार चोर हैं तो उन चोरों का नाम बेखौफ़ वो प्रवक्ता क्यों नहीं बताता, उनको कांग्रेस भवन में घुसने पर रोक क्यों नहीं लगाया? आख़िर ग़लत कौन है वो प्रवक्ता या फिर प्रदेश कांग्रेस के वो कद्दावर नेता जिन्होने प्रेस क्लब में पत्रकारों को संम्मानित किया

फेल हो गया यार.....एक 30 साल का पत्रकार......!

दोस्तों आज मैं जिंदगी में पहली बार भिंडी की सब्जी बनाने जा रहा था, तो जैसे ही उसको काटकर धोया सारे कटे टुकड़े आपस में नेताओं की तरह मिल गये! ये देखकर हम तो एकबारगी हिल गये, पीछे से पत्नी की हँसी आई और बोली हे पुराने पत्रकार अब रहने दो......! फेल हो गया यार.....एक 30 साल का पत्रकार......!

जाँच के नाम पर ये नाच आख़िर कब तक?

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36गढ़ के बलोद में 3 साल की बच्ची से बलात्कार के बाद स्वास्थ्या विभाग ने पीडिता के पिता को भूखे पेट 150 किलोमीटर का ना सिर्फ़ चक्कर लगवाया बल्कि खरी-खोटी सुनाने में भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी! सबसे बड़ा सवाल तो ये कि जाँच के नाम पर ये नाच आख़िर कब तक?

प्रकृति की कलाकारी

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प्रकृति की कलाकारी क्या-क्या संदेश देती है ज़रा आप भी देखिए......क्या आपको इस कटहल के फल में थी कुछ दिखाई दे रहा है! गौर से देखिए......!