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Showing posts from January, 2017

बिना पुलिस की इजाजत के शूटिंग पड़ेगी महंगी

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इस फिल्म के अभिनेता, अभिनेत्री, निर्माता, निर्देशक को हो सकती है जेल  रायपुर। बिना अनुमति फिल्म की शूटिंग करना कितना नुकसान पहुंचा सकता है। इस बात का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है। क्योंकि हालत यह है कि फिल्म अभी तक रिलीज भी नहीं हुई और एक्टर, एक्ट्रेस, प्रोड्यूसर, डॉयरेक्टर को हकीकत में हवालात की हवा खानी पड़ सकती है। दरअसल, रील लाइफ की वजह से रियल लाइफ में जेल जाने का ये पहला मौका है। जब रायपुर पुलिस शहर में बिना इजाजत शूटिंग कर रहे अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और गायब टीम की तलाश जारी है। क्या है पूरा मामला- जानकारी के मुताबिक, बिना सूचना बीच शहर में गोलीबारी के विजुअल शूट करने की खबर से पुलिस इस कदर खफा है कि वो इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर डायरेक्टर, प्रोड्यूसर के साथ-साथ नकली गोली मारने वाली एक्ट्रेस की भी तलाश कर रही है। या ये कह लीजिए कि उस फिल्मी कहानी में विलेन का रोल हो या न हो, लेकिन पुलिस विलेन बनकर फिल्म का क्लाइमेक्स बढ़ाने जा रही है। महावीर नगर में मर्डर का किया पिक्चराइजेशन- आपको बता दें, राजधानी के महावीर नगर में कुछ दिन पहले फिल्म की शूटिंग हुई थी

अफसरशाही दिखाने वाले निपट गए, अधिकारियों पर हावी हमारे मंत्री

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यूं तो शासन और प्रशासन के बीच तल्खियां कोई नई बात नहीं है। यही वजह है कि कभी मंत्री व विधायक अधिकारियों की शिकायत करते हैं, तो कभी अधिकारी मंत्री व विधायकों की शिकायत करते हैं, कभी-कभार तो दोनों एक दूसरे पर गंभीर आरोप तक जड़ देते हैं। दरसअल, इस तकरार का जिक्र इसलिए करना पड़ रहा है, क्योंकि बीजेपी के बस्तर प्रभारी सुनील सोनी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अफसरशाही दिखाने वाले कुछ अधिकारी निपट गए हैं और अब हमारे मंत्री अधिकारियों पर हावी हो रहे हैं। सुनील जगदलपुर में पार्टी के कामकाज की समीक्षा करने के साथ ही कार्य कर्ताओं को चुनावी टिप्स देने पहुंचे थे। --------------------------------------------- बस्तर/जगदलपुर। क्या है पूरा मामला- जानकारी के मुताबिक, पखवाड़े भर पहले जगदलपुर के बकावंड में 55 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा हटाने गए अधिकारियों के खिलाफ भाजपा नेताओं ने मोर्चा खोलते हुए हंगामा किया था। हालात ये हो गए थे कि स्थिति को काबू में करने के लिए प्रशासन को पुलिस बल भी बुलाना पड़ा था। प्रशासन की इस कार्रवाई से बस्तर में भाजपा के कई दिग्गज नेता नाराज थे और इस बात की शिकायत मुख्यमंत्री से

रेत माफिया कर रहे महानदी का सीना छलनी

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 राज्य की जीवन रेखा कही जाने वाली महानदी का सीना अवैध रेत माफिया खाली करते जा रहे हैं। तो वहीं माइनिंग विभाग के अधिकारी इससे अनजान बनने का स्वांग रच रहे हैं। अवैध हथियारों के दम पर ये माफिया महानदी की रेत खुलेआम बेंच कर पैसे कमा रहे हैं और सरकारी खजाने को चूना लग रहा है। पर्यावरण का जो नुकसान हो रहा है सो अलग। ऐसे में सवाल तो यही उठता है कि आखिर ऐसा कब तक चलेगा?  महासमुंद । प्रशासन नहीं कर रहा कोई कार्रवाई- छत्तीसगढ़ के महासमुंद में खनिज माफियाओं का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा।  दिनों दिन माफियाओं के बढ़ते कदम से महानदी की छाती छलनी-छलनी होती नजर आ रही है। हैरत की बात तो यह है कि जिला प्रशासन भी इन माफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही।  जिससे माफियाओं के हौसले बुलंद है। महानदी किनारे बसे महासमुंद को प्राकृतिक संपदाओं से भरा जिला माना जाता है। जहां कई प्रकार के खनिज संपदाओं का खदान है।  महानदी के किनारे दर्जनों गांवों की बसाहट है।  इन्हीं में से एक गांव है मुढ़ैना जहां फर्शी पत्थर और रेत का खदान ही गांव वालों के आजीवका का साधन है।  लेकिन गांव वाले तो महज मजदूर बनकर ही जीवनयापन कर

पहले शराब लाओ तब होगा पोस्टमार्टम

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-गरीबों की मौत पर अधिकारी और कर्मचारी कैसे जश्र मनाते हैं इसका जीता जागता नमूना बिलासपुर के आदिवासी विकासखंड गौरेला में देखने को मिला। यहां एक पुलिस वाले ने सड़क हादसे में मरी एक बैगा महिला का पोस्टमार्टम करवाने से पहले ही शराब के बोतल की मांग कर दी। उसका कहना था कि पहले शराब की बोतल लाओ फिर होगा पोस्टमार्टम। शिकायत के बाद अब पुलिस के अधिकारी कार्रवाई की बात कर रहे हैं। सवाल है कि आखिर राज्य की पुलिस इतनी संवेदनहीन क्यों हो चुकी है? पुलिसवालों ने मांगी शराब, कहा-बोतल लेकर लाओ तभी होगा पोस्टमार्टम बिलासपुर। क्या है पूरा मामला- दरअसल पूरा मामला गौरेला थानाक्षेत्र के चुक्तीपानी गांव का है।  जहां गुरूवार शाम जगंल से लकड़ी लाते समय अज्ञात बोलेरो वाहन की ठोकर से गांव की रहने वाली इतवरिया बाई बैगा की मौत हो गयी।  जिसकी जानकारी गांव के लोग और परिजनों ने गौरेला पुलिस को दी। पुलिसवालों ने मांगी शराब, कहा-बोतल लेकर लाओ तभी होगा पोस्टमार्टम जिसके बाद गौरेला पुलिस ने शव का मर्ग पंचनामा की कार्रवाई कर शव को गौरेला थाने में पदस्थ पुलिसकर्मी बिहारी लाल उपाध्याय को शव का पोस्टमार्टम कराने की जवाबदार

अभियान पर अभिमान

दंतेवाड़ा का दिव्यांग सोमारू प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान को सफल बनाने में दिलोजान से जुटा हुआ है। दोनों पैरों से अपंग होने के बावजूद भी उसने शौचालय के लिए सेप्टिक टैंक खोद लिया। उसके बाद उसमें ईटों की जोड़ाई भी हो गई है। इसमें चौंकाने वाली बात ये है कि सोमारू ने सेप्टिक टैंक की खुदाई खुद की है। सोचकर भी आश्चर्य होता है कि एक दिव्यांग कैसे इतने गहरे सेप्टिक टैंक की खुदाई कर लेगा? अगर करेगा तो मिट्टी कैसे निकालेगा, मगर सोमारू ने इस काम को भी बखूबी अंजाम दिया। यहां ये भी बताना जरूरी है कि सोमारू कभी बैलाडीला लौह खदान ममें मजदूरी करता था। एक विस्फोट की चपेट में आने के कारण उसके दोनों पैर कट गए। छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को लोगों ने जमकर सम्मान दिया। किसी ने बकरियां बेंची तो किसी ने गहने और किसी ने जमीन। इन सबसे अलग एक दोनों पैरों से दिव्यांग ने अपनी मेहनत के दम पर सेप्टिक टैंक खोदकर मिसाल कायम की। इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम होगी। कभी प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने भी कहा था कि इंसान शरीर से नहीं दिमाग से चलता है। उनके इस कथन को इस युवा ने शब्दश: स

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क्या रोहिंग्या मुसलमान नहीं हैं इंसान

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म्यांमार में हो रहा है गैंगरेप, टॉर्चर और मर्डर, दुनिया भर के कई देश आतंकी घटनाओं या गृहयुद्ध का सामना कर रहे हैं। जिसके चलते दुनिया भर में रिफ्यूजी की संख्या लाखों की तादात में बढ़ती जा रही है। इनमें भारत के पड़ोसी देश म्यांमार का नाम भी शामिल है। यहां बौद्ध धर्म के अनुयायी और अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुस्लिमों के बीच कत्लेआम जारी है। इससे रोहिंग्या मुस्लिम देश छोड़कर बांग्लादेश में शरण ले रहे हैं। और तो और यहां सेना भी कर रही है रोहिंग्या मुसलमानों का कत्लेआम...। ऐसे में सवाल तो यही उठता है कि क्या रोहिंग्या मुसलमान इंसान नहीं हैं? अगर हैं तो फिर क्या दुनिया के मानवाधिकारवादियों की आंखों पर पट्टी बंधी है जो उनको  ये घटनाएं नहीं दिखाई दे रही हैं? ढाका/ नई दिल्ली।  क्या है पूरा मामला-  संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी संस्था यूएनएचसीआर के मुताबिक, म्यांमार में अब सेना भी रोहिंग्या मुसलमानों की हत्याएं कर रही है। सुरक्षा बल रोहिंग्या समुदाय के पुरुषों व बच्चों तक का कत्ले-ए-आम कर रहे हैं। महिलाएं रेप का शिकार हो रही हैं और मुस्लिमों के घरों को आग के हवाले किया जा रहा है। इसके चलते मजबूर

स्वच्छता अभियान की शान है दिव्यांग सोमारू

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- दंतेवाड़ा के कुआकोंडा के बड़ेहड़मामुंडा गांव में एक दिव्यांग सोमारू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान को सफल बनाने में जीजान से जुटा हुआ है। दोनों पैरों से अपंग होने के बावजूद भी सोमारू स्वप्रेरणा से शौचालय का सेप्टिक टैंक बना रहा है। बैलाडीला लौह खदान में हुए विस्फोट में अपने दोनों पैर खोने वाले नौजवान सोमारू वास्तव में स्वच्छ भारत अभियान की जान हैं। देश को ऐसे युवाओं पर गर्व है। दोनों पैर से अशक्त सोमारू ने लिया स्वच्छता का संकल्प, खुद से तैयार किए टैंक  दंतेवाड़ा । लोग दशरथ मांझी से करते हैं तुलना-  जिले के विकासखंड कुआकोंडा के बड़ेहड़मामुंडा गांव के रहने वाले सोमारू दोनों पैरों से अशक्त हैं।  इसके बाद भी उनका हौसला देख कर आश्चर्य होता है।  वे स्वप्रेरणा से स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वयं अपने लिए शौचालय निर्माण का कार्य कर रहे हैं। एक दिव्यांग आदिवासी का स्वच्छता के प्रति इस तरह जागरूक होना और क्षमता से अधिक प्रयास करना किसी भी तौर पर बिहार के दशरथ मांझी से कमतर प्रयास नहीं है, जिन्होंने पहाड़ खोद कर रास्ता बना दिया था।  सोमारू दो जून की रोटी मुश्किल से जुटा पात

अब घर बैठे पैसा देगी मोदी सरकार, पूरा प्लॉन तैयार

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नई दिल्ली । मोदी सरकार देश के हर नागरिक को प्रत्येक महीने आमदनी के तौर पर एक निश्चित रकम देने की तैयारी में है। इस स्कीम का फायदा अमीर-गरीब सभी को होगा। यानी कि आपको कहीं जाना नहीं पड़ेगा और सरकार आपको एक बंधी हुई सैलरी हर महीने देगी। क्या है वो स्कीम बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार यूनिवर्सल बेसिक इनकम नाम की एक नई योजना लाने पर विचार कर रही है। इसका मतलब है कि सरकार देश के हर नागरिक को घर बैठे ही एक निश्चित रकम देगी। चाहे वो व्यक्ति काम करता हो या नहीं। सूत्रों की मानें तो आर्थिक सर्वे और आम बजट में इसका ऐलान हो सकता है। प्रस्ताव है तैयार- लंदन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर गायस्टैडिंग ने इस प्रस्तााव को तैयार किया है। उनका दावा है कि मोदी सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और बहुत जल्द सभी देशवासियों को इसका लाभ मिल सकेगा। प्रोफेसर गाय ने यह भी संकेत दिया कि सरकार इसे फेज वाइज लागू करेगी। आपको बताते चलें कि प्रोफेसर गाय पूरी दुनिया में यूनिवर्सल बेसिक इनकम की वकालत कर रहे हैं। प्रति महीना 500 रुपये मिलेंगे प्रोफेसर गाय के मुताबिक, इस स्कीम को पायलट प्रोजेक्टक के त

अदाकार ओम पुरी को अलविदा......

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 66 साल की उम्र में मुंबई में अपने ही घर पर हुआ इंतकाल, देश-दुनिया में मातम का माहौल - एक $फर्द न तो एक घराने की मौत है, अहले हुनर की मौत ज़माने की मौत है। जी हां मशहूर और मारूफ अदाकर जनाब ओम पुरी का अलसुबह उनके आशियाने पर इंत$काल हो  गया। वे 66 साल के थे। देश के चौथे सबसे अहम अवामी $िखताब पद्मश्री से उनको नवाज़ा गया था। इस खबर से पूरे वालीवुड़ और हॉलीवुड में मातम पसर गया है।  असाधारण अभिनेता- साधारण शक्ल-सूरत वाले असाधारण अभिनेता ने न सिर्फ बहुत-सी पुरस्कार-विजेता हिन्दी फिल्मों को अपने अभिनय से सजाया, बल्कि अनेक विदेशी फिल्मों में भी अपने काम का लोहा मनवाया. वर्ष 1976 में विजय तेंदुलकर के नाटक घासीराम कोतवाल पर इसी नाम से बनी मराठी फिल्म से अपने अभिनय करियर की शुरुआत करने वाले ओम पुरी 80 के दशक में अर्धसत्य, आक्रोश, पार जैसी कला फिल्मों में काम करने के बाद दुनिया की नजऱों में आए। फिर अपने जीवंत अभिनय से धीरे-धीरे वह मुख्यधारा की फिल्मों में भी छाने लगे, और उन्होंने जाने भी दो यारों और माचिस जैसी फिल्मों भी अदाकारी के जौहर दिखाए। कॉमेडी के लिए कभी जोकर नहीं बने ओम पुरी मुफलिसी थी,

हाथियों ने ढहाए 25 मकान, सांसत में पड़ी लोगों की जान..!

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-प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में इन दिनों 40 हाथियों के एक दल ने हड़कंप मचा रखा है। इसने पूरे इलाके में 25 घर ढहाए हैं। सैकड़ों एकड़ की फसल भी नष्ट कर दिया है। इंसानों के साथ बढ़ते संघर्ष के कारण हाथी और भी हिंसक हो चले हैं। तो वहीं इलाके में आतंक का माहौल व्याप्त है। सूरजपुर।  क्या है पूरा मामला-  मिली जानकारी के अनुसार 40 हाथियों के दल से भटके दो हाथियों की मौत के बाद दल में बचे 38 हाथियों में से एक बूढ़े हाथी ने दल से अलग होकर मंगलवार की रात ग्राम बंशीपुर व करौंधा में जमकर उत्पात मचाया। उसने जहां सात  घर तोडा वहीं करीब दस एकड़ में लगी फसलों को नुकसान पहुंचाया है। वन परिक्षेत्र प्रतापपुर के बंशीपुर, सोनगरा इलाके में 38 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। हाथियों द्वारा आए दिन जहां लोगों को मौत के घाट उतारा जा रहा है वहीं घर तोडऩे के अलावा फसलों को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है।  एक बूढ़ा हाथी ग्राम सोनगरा होते हुये करौंधा व बंशीपुर में घुस आया। ग्राम करौंधा में उसने जहां एक ग्रामीण के घर को तोड़ दिया वहीं बंशीपुर में छ: घरों को नुकसान पहुंचाया। इसके अलावा खलिहान व घर में रखा धान भी चट

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पुलिस ने छुड़ाए 23 बंधक बनाए गए मज़दूर

3 सौ श्रमिकों के फंसे होने की आशा बस्तर। जिले की पुलिस को तमिलनाडु में बंधुआ मजदूरी कर रहे 23 मजदूरों को रिहा कराने में सफलता मिली है। इन मजदूरों को एक स्थानीय दलाल ज्यादा मजदूरी के लालच में ईंटभ_े पर मजदूरी कराने ले गया था। लेकिन इन मजदूरों को वहां 2 महीने से बंधक बना लिया गया था। आरोप है कि जब ये मज़दूर वापस घर जाने की बात ठेकेदार से करते थे तो ठेकेदार और उनके कुछ लोग इन्हें प्रताडि़त करते थे। किसी तरह मजदूरों ने बंधक बनाए जाने की सूचना जगदलपुर पुलिस तक पहुंचा दी।  जिसके बाद बस्तर पुलिस ने तमिलनाडु जाकर इन 23 मजदूरों को ठेकेदार के चंगुल से मुक्त करा लिया। इनमें 5 महिलाएं भी शामिल हैं, हालांकि ठेकेदार मौके से फऱार होने में कामयाब हो गया। और कितने फंसे हुए हैं- इन मजदूरों का कहना है की अभी भी बस्तर के 200 से 300 मजदूर तमिलनाडुके कई इलाकों में ठेकेदारों के चंगुल में फंसकर बंधुआ मजदूर बनकर काम कर रहे हैं। फिलहाल पुलिस ने ठेकेदार और स्थानीय दलालों के खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। -

महिला कमांडोज के काम को सलाम

- न मोटी तनख़्वाह न अत्याधुनिक असलहे और न ही गरम कोट,मगर कड़ी ठंड में दुर्ग की ये महिला कमांडोज समाज को स्वच्छ बनाने गई हैं जुट। तमाम समूहों की महिलाएं जहां एक साथ लाठी लिए दिख जाएं। अपराधियों को पकडऩे पर पहुंचाती हैं थाने। इसकी सीटी सुनकर गुंडे और बदमाश हो जाते हैं फरार....। अपराध और अपराधियों पर कसती जा रही हैं ये अपना शिकंजा । जो अपराध रोकने के लिए पहरे पर जाती हंै हर रोज....वही हैं दुर्ग की महिला कमांडोज। यहां नहीं दिखाई देता है कोई तामझाम.....इनके जज्बे को हमारा भी सलाम...! 75 फीसदी तक कम हुए हैं इलाके में अपराध, दूसरे समूह भी ले रहे प्रेरणा दुर्ग/ रायपुर। कैसे करती हैं ये अपना काम-  दुर्ग जिले में महिलाएं टीम बनाकर रात के समय गश्त कर रही है और कई अपराधों को रोकने में इन्होंने सफलता हांसिल की है। सबसे खास बात ये है कि इनसे प्रेरणा लेकर अब अन्य महिला समूह भी सामने आ रहे हैं और इनका भी उद्देश्य यही है कि वे किसी भी तरह समाज को दूषित होने से बचा सकें। सीटी सुनते ही भागते हैं गुंडे- बदमाश दुर्ग की इन महिला कमाण्डों को देख अच्छे अच्छों की घिघी बंध जाएगी।  इनकी सीटी आवाज सुनकर ही बड़े

1 रुपए के नोट को छापने में आता है डेढ़ रुपए का खर्च

नई दिल्ली। आपने एक  रुपए  का नोट तो देखा ही होगा, भले ही वह अब बहुत कम देखने को मिलता हो, पर हम आपको इस एक  रुपए  के नोट से जुड़ा एक ऐसा तथ्य बताने जा रहें हैं, जिसके बारे में आप शायद नहीं जानते होंगे। जी हां, यह एक ऐसा तथ्य है जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं और यह तथ्य है एक  रुपए  के नोट की छपाई में आने वाला खर्च। असल में बहुत कम लोग ये जानते हैं कि एक  रुपए  के नोट को छापने में डेढ़  रुपए  का खर्च आता है। यह जानकारी सरकार की ओर से सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत दी गई है और इसी के साथ में सरकार ने यह भी कहा है कि सरकार की ओर से पिछले दो सालों में एक  रुपए  के 16 करोड़ नोट जारी किए गए हैं। सरकार ने अपनी ओर से दी गई जानकारी में यह भी बताया कि पिछले दो दशकों से एक  रुपए  के नोट नहीं छापे जा रहें हैं, क्योंकि एक  रुपए  के नोट को छापने में उसकी कीमत से ज्यादा खर्च आ रहा था। सरकार के अनुसार एक  रुपए  का नोट छापने में उसको 1 रुपया 48 पैसे का खर्च आ रहा था, जिस कारण ही इसकी छपाई बंद कर दी गई है।

ऐसी चट्टान जिससे आती है ढोलक की तरह आवाज..

छत्तीसगढ़ के पत्थरों में छिपा अद्भुत रहस्य जिसकी आज चर्चा है- . !- अम्बिकापुर। भैयाथान विकासखण्ड में इस पत्थर के चर्चे तो काफी है, लेकिन यहाँ और जिले में भी यह अपनी पहचान बना चुका है। इस पत्थर का रहस्य आज तक कोई नही जान पाया है।  लेकिन अब तक यह अबूझ ही साबित हुआ है। क्षेत्र के सिवारी गांव के जंगल में स्थित यह पत्थर करीब 10 फीट ऊंचा व 2मीटर की चौड़ाई लिए हुए है। यहां के ग्रामीणों ने इस पत्थर पर चढ़ के हिलाते है।तो दूर दूर तक ढोलक की तरह आवाज आती है।  चैत राम नवमी में वहा जा के रामायण भी गाया जाता है।और जब पत्थर को हिलाते हैं।तो मधुर ध्वनि निकलती है। यहां पहुचने के लिए जंगल चढऩा पड़ता है। ग्रामीणों ने बकायदा यहां पर पूजा अर्चना भी करते है। पत्थर के कारण इस जंगल का नाम झण्डाघुटरी से प्रचलित हो गया है। बताया जा रहा है कि ढोलक की तरह आवाज आने के कारण ही गांव के बुजुर्गों ने इसका नाम हदगुडिय़ा रख दिया। तब से लेकर आज तक यह इसी नाम से प्रसिद्ध है। सूरजपुर जिले का यह पहला पत्थर है। यह प्रचलित हो चला है। वही  इस पत्थर का रहस्य जानने कोई भी शोधकर्ता नहीं पहुंचा है और न ही जिला प्रशासन पहुंचा है।

अनहोनी कप्तानी छोड़े महेंद्र सिंह धोनी

- भारतीय क्रिकेट को दुनिया का सिरमौर बनाने वाले दुनिया के सफलतम कप्तानों में शुमार महेंद्र सिंह धोनी ने बुधवार को एकदिवसीय और टी-20 टीमों की कप्तानी से भी हटने की घोषणा कर दी। इसके साथ ही भारतीय क्रिकेट के धोनी युग का अंत हो गया लेकिन धोनी अभी खेलना नहीं छोड़ेंगे। एक ऐसे देश में जहां संन्यास लिया नहीं जबरन लिवाया जाता रहा है, धोनी ने अपने चरम पर रहते कप्तानी से हटने का फैसला किया और नई मिसाल पेश की। तो उनके इस फैसले पर उनकी पत्नी साक्षी सिंह धोनी ने उनकी ट्वीटर पर ये कहते हुए पीठ थपथपाई कि कोई भी ऐसा पर्वत नहीं है जो तुम्हें उस पर चढऩे(बड़ी-बड़ी उपलब्धियों) से रोक सके. तुम पर गर्व है!   स्वत: इस्तीफा देकर कायम की एक मिसाल, साक्षी ने थपथपाई पीठ मुंबई । कहे जाते थे कैप्टन कूल- क्रिकेट इतिहास में जब भी सफल कप्तानों का जिक्र होगा तो उसमें भारत के महेंद्र सिंह धोनी का नाम बेशक आएगा। धोनी का नाम भारत के ही नहीं विश्व के सफलतम कप्तानों की सूची में आता है। धोनी का यह फैसला हैरानी भरा रहा जिससे पूरा क्रिकेट  जगत सकते में हैं। धोनी से इस्तीफे की उम्मीद किसी को नहीं थी। मैदान पर कैप्टन कूल के ना

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सियासत और सांसत

सियासत किस तरह दो$गली हो चली है। इसको अगर देखना है तो आप बस्तर चले जाइए। जहां आदिवासियों की जिंदगी नरक बन चुकी है। कहने को तो इनको राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र कहा जाता है, मगर उन्हीं को जब नक्सली पुलिस के साथ मु$खबिरी का झूठा आरोप लगाकर बकरे की तरह काट कर चले जाते हैं। तो इन गरीबों की सुनने वाला दूर-दूर तक कोई नहीं दिखाई देता। जैसे ही हमारे सुरक्षा बलों के जवान किसी मुठभेड़ में दस-बीस नक्सलियों को मार गिराते हैं। तो उसकी धमक राजधानी में साफ-साफ सुनाई देती है। थोक में तथाकथित साहित्यकार और बुध्दिजीवी, मानवाधिकार वादी झोला लटकाए,इंकलाब जिंदाबाद करने लगते हैं। इनसे कोई ये नहीं पूछता कि क्या वो निर्दोष आदिवासी आदमीं नहीं था? उसका दोष क्या था? क्यों की गई उसकी सरेआम हत्या? शासन-प्रशासन के मंत्री और नेता दिल्ली जाकर आदिवासी राज्य होने का रोना केंद्र सरकार के सामने रोते हैं। फिर योजनाओं के नाम पर मिलने वाली लंबी रकम को खजाने में ढोते हैं। उसके बाद फिर इसी नदी में जमकर अपने चहेते ठेकेदारों के साथ मिलकर लगाते गोते हैं। असल आदमी तक उसका ह$क नहीं पहुंच पाता। वो पहले भी अभावों में था, आज भी अभावों

विधायक के गनर के खाते में आए 99.99 करोड़

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कानपुर।  जिले के सीसामऊ विधानसभा से सपा विधायक इरफान सोलंकी के गनर गुलाम रिजवी के अकाउंट में मंगलवार को अचानक 99 करोड़ 99 लाख रूपए जमा होने से हड़कंप मच गया।  इसके बाद विधायक और गनर ने इसकी शिकायत डीएम से की है। विधायक इरफान सोलंकी के मुताबिक, उनका गनर देर शाम जब एटीएम में अपना बैलेंस चेक करने गया तो अकाउंट में इतने रुपये देख वह घबरा गया।  उसके अकाउंट में 999902724। 00 रुपए बैलेंस था। यूपी: सपा विधायक के गनर के बैंक अकाउंट में आए 99,99,000,00 रुपए जिसके बाद गनर ने इसकी जानकारी विधायक इरफान सोलंकी को दी।  इसके बाद वह अपने गनर को लेकर डीएम कौशल किशोर शर्मा के पास गए।  विधायक ने डीएम को एक लेटर लिखकर इस रकम की जांच करने को कहा है। डीएम ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जानकारी आरबीआई के अधिकारी को दे दिया है।  फिलहाल अब जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि ये रकम कैसे जमा की गई है। ---------------------------------------------------------------------------------------------

न्यायमूर्ति जेएस खेहर बने देश के नए मुख्य न्यायाधीश

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नई दिल्ली। देश के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर को नया चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया था।  न्यायमूर्ति खेहर को राष्ट्रपति ने देश के 44वें प्रधान न्यायाधीश के पद की शपथ दिलाई।  न्यायमूर्ति खेहर 27 अगस्त तक इस पद पर रहेंगे।  न्यायमूर्ति खेहर 13 सितंबर, 2011 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त हुए थे। जस्टिस खेहर को 8 फरवरी 1999 को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।  इसके बाद 2 अगस्त, 2008 को उन्हें इसी उच्च न्यायालय का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। न्यायमूर्ति खेहर 17 नवंबर, 2009 को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने।  इसके बाद उन्हें 8 अगस्त, 2010 को कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी।  प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर ने न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर को अपने उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया था।  न्यायमूर्ति ठाकुर कल यानि 3 जनवरी को रिटायर हो गए। मेमोरैन्डम ऑफ प्रोसीजर के मुताबिक, विधि एवं न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने न्यायमूर्ति ठाकुर को नवंबर में पत्र लिखकर उनसे अपने उत्त

करंट लगने से हथिनी और शावक की मौत,

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वन विभाग ने दर्ज किया केस  सूरजपुर । जिले में फसल की रखवाली के लिए लगाए गए करंट की चपेट में आकर हथिनी और उसके शावक की मौत हो गई। सूरजपुर जिले के वन मंडल अधिकारी नावेद सुजाउद्दीन ने बताया कि जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत बगड़ा गांव में करंट की चपेट में आकर हथिनी और उसके शावक की मौत हो गई है। सुजाउद्दीन ने बताया कि बगड़ा गांव में हाथी और अन्य जानवरों से गन्ने की फसल की सुरक्षा के लिए किसान ने अपने खेत में बिजली के तार में करंट प्रवाहित किया था।  मंगलवार सुबह जब ग्रामीणों ने खेत के किनारे हथिनी और उसके शावक को मृत देखा तब घटना की जानकारी वन विभाग को दी गई। सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए।  उन्होंने बताया कि मृत हथिनी और उसके शावक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।  पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही अन्य जानकारी मिल सकेगी।  इस मामले में आपराधिक केस दर्ज कर लिया गया है।  मामले की जांच की जा रही है। छत्तीसगढ़ के उत्तर क्षेत्र सरगुजा, कोरबा, सूरजपुर, रायगढ़, जशपुर और कोरिया जिले में हाथियों का रहवास क्षेत्र है। --------------------------------

नक्सलियों ने फूंके 5 वाहन

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सड़क निर्माण में लगे थे ये  सभी व्हीकल्स राजनांदगांव। जिले में नक्सलियों ने सड़क निर्माण में लगे पांच वाहनों में आग लगा दी है।  सोमवार की देर रात छह नक्सलियों ने भोजली नाका के पास धावा बोला और वहां सुरपवाईजर से मारपीट की।  बाद में नक्सलियों ने वहां रखे पांच वाहनों तीन हाईवा, एक जेसीबी और एक ट्रैक्टर को जला दिया।  घटना को अंजाम देने के बाद नक्सली वहां से फरार हो गए। उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही क्षेत्र के लिए पुलिस दल को रवाना किया गया तथा हमलावर नक्सलियों की खोज शुरू की गई। -------------------------------------------------------------------------------

अमेठी में एक ही परिवार के 11 लोगों की हत्या, घटना की साफ नहीं

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अमेठी। जिले के शुक्ल बाजार महोना गांव में दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। यहां एक परिवार के 11 लोगों घर पर मृत पाए गए हैं। परिवार के मुखिया जमालुद्दीन फांसी के फंदे से लटकता मिला है वहीं परिवार के बाकी अन्य सभी लोगों की गला रेतकर हत्या की गई है। क्या है पूरा मामला- मिल रही जानकारी के अनुसार मरने वालों में से 6 बच्चे हैं। इलाके में इतनी बड़ी घटना पहले कभी नहीं हुई है। डीआईजी और बाकी फोर्स मौके पर पहुंच चुकी हैं। ग्रामीण इस बात की भी आशंका जता रहे हैं परिवार के मुखिया ने सभी को नशीला पदार्थ खिलाने के बाद उनका गला काट डाला और उसके बाद खुद फांसी लगा जान दे दी। महिला के होश में आने का इंतजार- जमालुद्दीन बैटरी का काम करता था। मरने वालों में 2 बच्चे उसके भाई के हैं और बाकी जमालुद्दीन के। परिवार की महिला को गंभीर हालत में जगदीशपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। उसके होश में आते ही मामले की वजह साफ होने की उम्मीद है। --------------------------------------------------------------------------------------------- -------------------

5 राज्यों में बजी चुनावी रणभेरी

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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश, गोवा, उत्तराखंड, मणिपुर और पंजाब में चुनावी रणभेरी बज चुकी है। सियासी समर सजने लगे हैं। इसकी घोषणा देश के मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने की। नई दिल्ली में आयोजित पत्रकारवार्ता में उन्होंने बताया कि पहले चरण का मतदान 4 फरवरी से शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही इन राज्यों में आदर्श चुनावी आचार संहिता लागू हो गई। तो वहीं पूरे देश की निगाहें इन चुनावों पर लगी हुई हैं। देखना ये होगा कि नोटबंदी जैसे फैसलों के किसके पक्ष में जनादेश आता है।   4 फरवरी से होगा मतदान, आदर्श चुनावी आचार संहिता लागू,11 मार्च को आएंगे परिणाम कब, कहां, क्या होगा - गोवा (40 सीटें) में नोटिफिकेशन 11 जनवरी, नामांकन की आखिरी तारीख 18 जनवरी बुधवार, स्कूटनी 19 जनवरी तक पूरी, विद्ड्रावल ऑफ कैडिडेचर 21 जनवरी, 4 फरवरी 2017 शनिवार को मतदान। पंजाब (117 सीटें) 11 जनवरी को नोटिफिकेशन, नामांकन की आखिरी तारीख  18 जनवरी, स्कूटनी 19 जनवरी तक पूरी, उम्मीदवार की नाम वापसी 21 जनवरी तक, 4 फरवरी 2017 शनिवार को मतदान। उत्तराखंड (70 सीटें) 20 जनवरी को नोटिफिकेशन, नामांकन की आखिरी तारीख  27 जनवरी, स्कूटनी 28 जनवरी तक

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सियासत और सांसत

सियासत किस तरह दो$गली हो चली है। इसको अगर देखना है तो आप बस्तर चले जाइए। जहां आदिवासियों की जिंदगी नरक बन चुकी है। कहने को तो इनको राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र कहा जाता है, मगर उन्हीं को जब नक्सली पुलिस के साथ मु$खबिरी का झूठा आरोप लगाकर बकरे की तरह काट कर चले जाते हैं। तो इन गरीबों की सुनने वाला दूर-दूर तक कोई नहीं दिखाई देता। जैसे ही हमारे सुरक्षा बलों के जवान किसी मुठभेड़ में दस-बीस नक्सलियों को मार गिराते हैं। तो उसकी धमक राजधानी में साफ-साफ सुनाई देती है। थोक में तथाकथित साहित्यकार और बुध्दिजीवी, मानवाधिकार वादी झोला लटकाए,इंकलाब जिंदाबाद करने लगते हैं। इनसे कोई ये नहीं पूछता कि क्या वो निर्दोष आदिवासी आदमीं नहीं था? उसका दोष क्या था? क्यों की गई उसकी सरेआम हत्या? शासन-प्रशासन के मंत्री और नेता दिल्ली जाकर आदिवासी राज्य होने का रोना केंद्र सरकार के सामने रोते हैं। फिर योजनाओं के नाम पर मिलने वाली लंबी रकम को खजाने में ढोते हैं। उसके बाद फिर इसी नदी में जमकर अपने चहेते ठेकेदारों के साथ मिलकर लगाते गोते हैं। असल आदमी तक उसका ह$क नहीं पहुंच पाता। वो पहले भी अभावों में था, आज भी अभावों

एक $कातिल का सनसनीखेज कबूलनामा

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साहब, पहले मेला दिखाया, खिलौने दिलाया और फिर... अम्बिकापुर। थाने में आरोपी का कबूलनामा सुन पुलिस हक्की-बक्की रह गई, जब आरोपी ने कहा, हां मैने मारा था अपने बेटे को, दशहरे के दिन उसे मेला दिखाने ले गया था, मेले में उसके लिए खिलौने खरीदे थे और उसके बाद उसका $कत्ल कर उसकी लाश जंगल की झाडिय़ों में फेंककर फरार हो गया। ऐसा क्यों किया, इस सवाल पर वह खामोश हो जाता है। क्या है पूरा मामला- कोतवाली पुलिस ने बताया कि कोरबा जिले के गांव मोरगा पतौरिया डांड़ निवासी बहादुर पिता रामभरोस मजदूरी करता था। बौरीपारा में उसकी ससुराल है, उसकी पत्नी मीना की तबियत ठीक नहीं होने पर पिता धरमपाल ने उसे शंकरगढ़ उसकी बुआ के घर उपचार कराने के लिये चार माह पहले भेज दिया था। इस बीच ढाई माह पहले दशहरे के दिन बहादुर अपने चार साल के बेटे ईश्वर को लेकर अपने ससुराल आया था। कैसे दिया वारदात को अंजाम- दशहरे के दिन अपने पुत्र को मेले में घुमाकर बहादुर उसके लिये खिलौने लिया और वापस ससुराल पहुंचा। बहादुर के ससुर धरमपाल ने बताया कि उसी शाम बहादुर शौच के लिये ईश्वर को लेकर निकला था। उसके बाद ईश्वर का कोई पता नहीं चला। ससुरालियों

हाथियों के संघर्ष में एक हथिनी और 1 इंसान की मौत

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प्रतापपुर। तमोर पिंगला अभ्यारण्य क्षेत्र में हुए हाथियों की आपसी लड़ाई में एक मादा हाथी की मौत हो गई। गज लड़ाई में मादा हाथी के सीने में गंभीर चोट के निशान मिले हैं। हाथी का पोस्टमार्टम करने के बाद एलीफेंट रिजर्व डीएफओ की मौजूदगी में इसे दफनाया गया। क्या है पूरा मामला- दरअसल, घटना तमोर पिंगला अभ्यारण्य क्षेत्र के रमछता घुटरा की है। यह जंगल रमकोला से लगभग 22 किलोमीटर दूर धुरिया सर्किल के अंतर्गत आता है। इस जंगल में वर्तमान में 15-16 हाथियों का दल भ्रमण कर रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि 2-3 दिन पूर्व एक ही दल में लड़ाई हुई। पहाड़ के ऊपरी हिस्से में हुए इस लड़ाई में घायल मादा हाथी पहाड़ से कई फीट नीचे गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई। क्या कहते हैं डीफओ- मौके का मुआयना करने के बाद एलीफेंट रिजर्व के डीएफओ सीएस तिवारी ने बताया कि घटनास्थल से लगे घुटरी में संभवत: हाथियों के बीच संघर्ष शुरू हुआ था और एक से ज्यादा हाथियों ने मादा हाथी पर हमला कर चोट पहुंचाई। ऊपर घुटरी में यह लड़ाई 100-150 मीटर के दायरे में हुई है, जिससे इस लड़ाई वाले क्षेत्र के कई पेड़ उखड़ गए हैं। घायल अवस्था में मादा हाथी

जब विधायक को पीना पड़ा नाले का पानी

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-जनता की बढ़ती परेशानी और सरकार की आसानी, अखबार लिखते रहे विकास की कहानी। तो वहीं चित्रकोट के विधायक दीपक बैज को पीना पड़ा नाले का पानी। सोमवार को वे चित्रकोट विधान सभा के मडवा गांव में पदयात्रा करते हुए पहुंचे थे। यहां के नलों में लाल पानी आता है तो वहीं पानी में आर्सेनिक और फ्लोराइड भी मिला हुआ है। ग्रामीणों ने विधायक को अपनी समस्याएं सुनाईं। इस दौरान उनको प्यास लगी। तो उन्होंने देखा कि लोग झिरिया का पानी ले जा रहे थे। विधायक बैज ने भी उसी पानी से अपनी प्यास बुझाई। अब वे इस बात का दावा कर रहे हैं कि दो साल में इन ग्रामीणों को इस समस्या से निजात दिलवा दिया जाएगा। सवाल है कि अब तक ऐसा क्यों नहीं किया गया? पदयात्रा पर निकले विधायक ने सुनी ग्रामीणों की समस्याएं, दिया निदान का भरोसा  जगदलपुर । क्या है पूरा मामला- पदयात्रा पर निकले कांग्रेसी विधायक दीपक बैज जब चित्रकोट पहुंचे तो उन्होंने झरिया यानी नाले का पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई।  चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र के विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं को जानने पदयात्रा कर रहे हैं। उनकी पदयात्रा अपने आखिरी और दूसरे चरण में है।

बस्तर में जन्मा पहला टेस्ट ट्यूब बेबी

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नए साल के पहले ही दिन जिला अस्पताल में एक प्रसूता और नवजात को नई जिंदगी मिली। अस्पताल में नवपदस्थ डॉक्टरों ने टेस्ट ट्यूब प्रेगनेंसी के जटिल ऑपरेशन को सफलता पूर्वक अंजाम दिया। इससे प्रसूता की जान बच गई और परिजनों के साथ डॉक्टरों को राहत मिली। ये बस्तर का प्रथम टेस्ट ट्यूब बेबी बताया जा रहा है। जटिल ऑपरेशन कर डॉक्टर्स ने बचाई प्रसूता महिला की जान सुकमा। शादी के 16 साल बाद हुई थी गर्भवती- दरअसल, जिला अस्पताल में पहली बार कृत्रिम गर्भाधान के जटिल मामले का सफलतापूर्वक ऑपरेशन हुआ। भट्टीपारा दंतेवाड़ा निवासी सुशीला शादी के 16 साल बाद प्रेगनेंट हुई थीं, लेकिन दुर्भाग्य से यह प्रेग्नेंसी ट्यूब में हो गई थी। इसकी जानकारी सोनोग्राफी जांच से मिली, तो परिजन परेशान हो गए थे। क्योंकि सोनोग्राफी में यह भी पाया गया कि पेरिटोनियम कैविटी में भी लगभग दो लीटर ब्लड चला गया है। ऐसी क्रिटिकल स्थिति में डॉक्टरों ने तुरंत ऑपरेशन का निर्णय लिया और सफल ऑपरेशन हुआ। प्रसूता सुशीला की जान बच गई। ऑपरेशन में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ एमएस नेताम, डॉ जोग राजा, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ गौरी नंदा, जनरल सर्जन डॉ बर