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Showing posts from November, 2015

बगडोल में तीन हाथी पानी से भरे गड्ढे में गिरकर फंस गए

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 छत्तीसगढ़ के जशपुर के बागीचा तहसील के बगडोल में तीन हाथी पानी से भरे गड्ढे में गिरकर फंस गए। गड्ढे की गहराई ज्‍यादा होने और अपने भारी वजन की वजह से वे बाहर नहीं निकल पाए। आस-पास के लोगों ने जैसे ही हाथियों को गड्ढे में फंसे एक देखा तो इसकी सूचना वन विभाग को दी।

https://www.facebook.com/rameshprataps/videos/214693735208621/

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कांकेर की कोटरी नदी में मिली दुर्लभ बोध मछली

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 जिले के कोड़ेकुर्से इलाके में बहने वाली कोटरी नदी में दुर्लभ बोध मछली मिली है। इस खबर से एक ओर जहां आदिवासी समाज उत्साहित है, वहीं दूसरी ओर जीव वैज्ञानिकों ने भी हर्ष जताया है। आदिवासी इसे देवतुल्य मानते हैं। विलुप्तप्राय इस मछली के नाम पर ही सातधार में बनने वाली परियोजना का नाम बोधघाट परियोजना रखा गया है। न तो इसका शिकार करते और न ही खाते हैं- जैव विविधता की दृष्टि से अबुझमाड़ देश का समृद्ध क्षेत्र है। यहां विविध प्रजाति के पेड़-पौधे, औषधि, वन्य जीव सहित जलीय जीव-जंतु पाए जाते हैं। प्रदूषण और संरक्षण के अभाव में आज कई जीव-जंतु लुप्त होते जा रहे हैं। इसी बीच गत 6 नवंबर को जिले के कोड़ेकुर्से इलाके में बहने वाली कोटरी नदी में दुर्लभ बोध मछली मिली है। इस पर आदिवासी समाज के प्रमुख नेताओं ने हर्ष जताते हुए बताया कि उनका समाज के इसे 12 गोत्र देवतुल्य मानता है। इसलिए इसे न नुकसान पहुंचाते है और न ही खाते हैं। यानी आदिवासी समाज के 12 गोत्रों में बोध मछली का खाना वर्जित है।