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Showing posts from October, 2012

मुंबई पुलिस कमिश्नर का तुगलकी फरमान

 अब सावधान !! पुलिस पर हमला किया तो जब्त होगा आधार, चरित्र प्रमाण  प्रत्र , ड्राइविंग लाइसेंस, और शास्त्र का लाइसेंस आदि ! यह आदेश मुंबई पुलिस कमिश्नर  डॉ. सत्यपाल सिंह ने जारी किया है! ये बात तो ठीक है कमिश्नर साहब मगर यदि रात में किसी गरीब के घर में घुसकर पुलिस उसकी बहन-बेटियों को बेइज्जत कर दे? किसी निर्दोष को अचानक पकड़ कर लेजाये और बदमाश बता कह एन्कौन्तर कर दे? किसी के केस के जांच के नाम पर उसकी जिन्दगी ही खत्म कर दे मगर जांच खत्म न हो? तो ऐसी पुलिस की क्या जनता पूजा करे? अगर इतने ही इमानदार बनाना चाहते हैं तो जितने पुलिस वाले तनख्वाह लेकर अपनी ड्यूटी नहीं करते उनकी तनख्वाह सरकारी खजाने में जमा क्यों नहीं करवा देते? क्या किसी पुलिस कमिश्नर को ये पावर है की वो खुद क़ानून बना ले? अगर हाँ तो फिर देश की सर्वोच्च संस्था संसद का क्या औचित्य ? अब क्या पुलिस इतनी असहाय हो गई है की वो अपनी भी सुरक्षा नहीं कर पा रही? तब तो बहादुरी का सबसे बड़ा तमगा मुंबई पुलिस को मिलना चाहिए.  अरे जब आप अपने जवानों की रक्षा नहीं कर पाए तो फिर आम जनता की रक्षा क्या करेंगे.? मैं उन लोगों को भी पूरा

आह और कराह को मेरी ये सलाह

अजीब बात है ! एक डेढ़ सौ रुपये रोज कमाने वाले मजदूर पर हम जमकर निगाह रखते हैं और जरूरत पड़ने पर जमकर फटकारते भी हैं. ज्यादा तीन-पांच किया तो कह देते हैं की कल से मत आना ! मगर जिसको लाखों रूपये महीने की तनख्वाह और ढेरों सुखा सुविधाएँ देते हैं वो उलटे हमीं को दुतकारता है. बोलने पर लतियाता भी है. यहाँ तक की हमारी आवाज तक को अनसुना कर देता है. लगता है उसे लोक की आवाज सुनाई ही नहीं देती , या फिर जान बूझ कर अनसुना करने की आदत डाल चुका है. ऐसे में अब बारी आपकी है जब वो आपके दरवाजे पर हाथ जोड़े पांच इंच का मुंह फैलाए बड़ी बेशर्मी से खडा होगा. तकाजा तो यही है की आप भी उसकी बात अनसुनी कर दें. अरे जब देश का पैसा लेकर जो आदमी ठीक से काम नहीं करता हो ऐसे निकम्मे आदमीं को हम जिम्मेदारी क्यों दें? जो लोग पांच साल से आह और कराह भर रहे हैं उनको मेरी ये सलाह है! अब आपलोग भी चुप्पी मार लीजिये. क्योंकि जिस भाषा में सवाल हो उत्तर की भाषा भी वही होनी चाहिए .... जय हिन्द .. जय भारत.

विदेशी निवेश का क्लेश

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बीमा --पेंशन पर चढ़ा, जब निवेश का रंग ! पीएम मुस्की मारते , जनता होगई दंग  !!      जनता होगई दंग, किसानी करें फिरंगी !      लूट मुनाफा खांय, मरे ये पब्लिक नंगी !! कह कपूत कविराय, देश का करके कीमा ! मनमोहन मुसकाय,रट रहे बीमा -बीमा !!  कपूत प्रतापगढ़ी --