मुंबई पुलिस कमिश्नर का तुगलकी फरमान
अब सावधान !!
पुलिस पर हमला किया तो जब्त होगा आधार, चरित्र प्रमाण प्रत्र , ड्राइविंग लाइसेंस, और शास्त्र का लाइसेंस आदि ! यह आदेश मुंबई पुलिस कमिश्नर डॉ. सत्यपाल सिंह ने जारी किया है! ये बात तो ठीक है कमिश्नर साहब मगर यदि रात में किसी गरीब के घर में घुसकर पुलिस उसकी बहन-बेटियों को बेइज्जत कर दे? किसी निर्दोष को अचानक पकड़ कर लेजाये और बदमाश बता कह एन्कौन्तर कर दे? किसी के केस के जांच के नाम पर उसकी जिन्दगी ही खत्म कर दे मगर जांच खत्म न हो? तो ऐसी पुलिस की क्या जनता पूजा करे? अगर इतने ही इमानदार बनाना चाहते हैं तो जितने पुलिस वाले तनख्वाह लेकर अपनी ड्यूटी नहीं करते उनकी तनख्वाह सरकारी खजाने में जमा क्यों नहीं करवा देते? क्या किसी पुलिस कमिश्नर को ये पावर है की वो खुद क़ानून बना ले? अगर हाँ तो फिर देश की सर्वोच्च संस्था संसद का क्या औचित्य ? अब क्या पुलिस इतनी असहाय हो गई है की वो अपनी भी सुरक्षा नहीं कर पा रही? तब तो बहादुरी का सबसे बड़ा तमगा मुंबई पुलिस को मिलना चाहिए. अरे जब आप अपने जवानों की रक्षा नहीं कर पाए तो फिर आम जनता की रक्षा क्या करेंगे.? मैं उन लोगों को भी पूरा गुनाहगार मानता हूँ जिन्हों ने क़ानून को हाथ में लेने की गलती तो की ही ऑन ड्यूटी पुलिस जवानो पर भी हमला किया. ऐसे लोगों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए. मगर निवेदन है की संसद और न्यायपालिका का काम उनको ससम्मान करने दिया जाये!!
जय हिन्द -
पुलिस पर हमला किया तो जब्त होगा आधार, चरित्र प्रमाण प्रत्र , ड्राइविंग लाइसेंस, और शास्त्र का लाइसेंस आदि ! यह आदेश मुंबई पुलिस कमिश्नर डॉ. सत्यपाल सिंह ने जारी किया है! ये बात तो ठीक है कमिश्नर साहब मगर यदि रात में किसी गरीब के घर में घुसकर पुलिस उसकी बहन-बेटियों को बेइज्जत कर दे? किसी निर्दोष को अचानक पकड़ कर लेजाये और बदमाश बता कह एन्कौन्तर कर दे? किसी के केस के जांच के नाम पर उसकी जिन्दगी ही खत्म कर दे मगर जांच खत्म न हो? तो ऐसी पुलिस की क्या जनता पूजा करे? अगर इतने ही इमानदार बनाना चाहते हैं तो जितने पुलिस वाले तनख्वाह लेकर अपनी ड्यूटी नहीं करते उनकी तनख्वाह सरकारी खजाने में जमा क्यों नहीं करवा देते? क्या किसी पुलिस कमिश्नर को ये पावर है की वो खुद क़ानून बना ले? अगर हाँ तो फिर देश की सर्वोच्च संस्था संसद का क्या औचित्य ? अब क्या पुलिस इतनी असहाय हो गई है की वो अपनी भी सुरक्षा नहीं कर पा रही? तब तो बहादुरी का सबसे बड़ा तमगा मुंबई पुलिस को मिलना चाहिए. अरे जब आप अपने जवानों की रक्षा नहीं कर पाए तो फिर आम जनता की रक्षा क्या करेंगे.? मैं उन लोगों को भी पूरा गुनाहगार मानता हूँ जिन्हों ने क़ानून को हाथ में लेने की गलती तो की ही ऑन ड्यूटी पुलिस जवानो पर भी हमला किया. ऐसे लोगों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए. मगर निवेदन है की संसद और न्यायपालिका का काम उनको ससम्मान करने दिया जाये!!
जय हिन्द -
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