babaaon se savdhan


एक बाबा हैं रामदेव जो योग गुरु के नाम से भी जाने जाते हैं । देश कि सीधी सादी जनता को जानवरों कि सींग का भस्म खिलाकर अहिंसा का उपदेश दे रहे हैं। आयुर्वेद कि सस्ती दवाओं को सोने के भाव बेंचकर मुनाफ़ा कमा रहे हैं, जबकि सुश्रुत में स्पष्ट उल्लेख है कि धन कमाने कि इच्छा रखनेवाले को आयुर्वेद के माध्यम से उपचार नहीं करना चाहिए । यहाँ तो हमारे बाबा जी दोनों हाथों से नोट खींच रहे हैं। वहीं भ्रष्टाचार के नाम पर लम्बे चौड़े भाषण झाड रहे हैं। यह इस देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है। सबसे बड़े बाबा तुलसीदास जी ने रामचरित मानस में सन्यासी कि परिभाषा दी है। कि - मुई नारी घर सम्पति नासी , मूंड मुडाई भये सन्यासी॥ तो ये बाबा इसमें से किस श्रेनी के सन्यासी हैं? हमारे देश में हमेशा से ही अन्धानुकरण करने वाले लोगों कि कोई कमी नहीं रही । एइसे ही लोगों के बीच में हमारे या तथाकथित बाबा जी घिरे हुए हैं। लिहाजा आम अवाम से यह गुजारिश है कि बाबा से सावधान रहें। क्योंकि इनका तो नाम ही है राम देओ यानी राम के नाम पर दुकानदारी चलाने में माहिर बाबा खुद को गरीबों का मसीहा साबित करने के लिए लगातार उलटे सीधे बयान दिए जा रहे हैं। भैया एइसे बाबा से ज़रा बचाकर रहिएगा!

कपूत

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