क्षत्रिय कौन ?
रक्षति य: स: क्षत्रिय: अर्थात जो रक्षा करता हो वो क्षत्रिय है. शायद इसी लिए रक्षा बंधन की शुरुआत भी हुई रही होगी, मगर वाह रे क्षत्रिय .....! सब के सब राजपूत हो गये? भैया....मैं तो क्षत्रिय हूँ और आख़िरी साँस तक रहूँगा. जितना बन पड़ेगा जिसकी भी संभव हो रक्षा करूँगा. क्योंकि मेरे अपनों से ज़्यादा मेरी रक्षा मेरे उन भाइयों ने की है जिनको मैं दिल से अपना सागा भाई मानता हूँ! मुझे अपने उन तमाम पत्रकार साथियों... राजनेताओं और समाजसेवियों पर भी गर्व है जिनकी बदौलत आर.पी. सिंह आज खड़ा है!
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