गंभीर आदिवासी मरीज को किया डिस्चार्ज, अस्पताल परिसर में ही मौत


लोग डॉक्टर्स को दूसरा भगवान कहते हैं मगर छत्तीसगढ़ के कुछ अमीरपुत्र डॉक्टर्स इस पेशे को कलंकित करने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते। शनिवार की शाम वह मेकॉज परिसर में एक आदिवासी युवक काका गनपत (35) जिसे लीवर की गंभीर बीमारी थी उसे अस्पताल से रेफर कर दिया। बूढ़े बाप के पास इतने पैसे नहीं बचे थे कि वो बेटे को कहीं और ले जा पाता। लिहाजा अस्पताल परिसर में ही उस आदिवासी की मौत हो गई। सबसे बड़ा सवाल तो ये कि उसकी मौत का असल दोषी कौन है? और क्या मेकॉज प्रबंधन ऐसे दोषी डॉक्टर की डिग्री पर रोक लगा कर उसे जेल के सीखचों के पीछे भेजना सुनिश्चित करेगा?

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