आरपी सिंह की दो टूक


 रायपुर प्रेस क्लब में छानबीन कमेटी बनी है। सुनने के बाद हम भी दौड़े-दौड़े गए कि भइया... कुछ छानने और फिर बीनने को मिल जाए, मगर अफसोस न छानने को मिला और न बीनने को। अलबत्ता जिनको छानना था वो छान चुके हैं और जिनको बीनना है वो बीन रहे हैं। ये चश्मा लगाकर उनको चीन्ह रहे हैं। कड़वी सच्चाई ये है कि पत्रकारिता की पूंछ पकड़कर 5 सौ करोड़ की कमाई कर लेने वालों, जमीन के दलालों,धन्नासेठों के पत्रकार मुनीमों का इनसे कुछ भी बिगड़ने वाला नहीं है। आप छान कर बीन बजाते रहो।

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