चौथेपन का दर्द

शिवसेन प्रमुख बालठाकरे को अब तो अपने ही परिवार में विरोध झेलना पडेगा । वह भी किसी और से नहीं बल्कि अपनी ही पुत्रवधू स्मिता ठाकरे से । अगर कांग्रेस की मानें तो शिसेना के कार्यकर्ताओं को बालठाकरे को छोड़ कर किसी अन्य पर भरोसा ही नहीं है । ऐसे में स्मिता ने सारे विकल्प खुले रखे हैं । अब तो देश का हर आदमी यही कहेगा कि अपना घर तो सम्हालता नहीं चले हैं महाराष्ट्र सम्हालने ? ठाकरे साहब हिन्दी भाषियों पर तो खूब हेकड़ी दिखाई अब ज़रा अपने बहू को सम्हाल कर दिखाओ । जो घर नहीं सम्हाल सकता वह राज्य क्या सम्हालेगा ।

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