दो चौके कपूत के

ग़ज़ल हो गई
इसने तोड़ा सहारा ग़ज़ल हो गई ।
उसने तुमको दुलारा ग़ज़ल हो गई॥
प्रेमिका ने "कपूत" एक दिन प्यार से ।
हमको दो लात मारा ग़ज़ल हो गई ॥

लिख दिया तुमने
चलो अच्छा हुआ हमको नकारा लिखा दिया तुमने ।
एक झटके में ही सीधे आवारा लिखा दिया तुमने ॥
हमारे आठ बच्चे और उनकी बीस खालायें ।
बताओ हमको फिर कैसे कुंवारा लिखा दिया तुमने ?

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