गठिया के दर्द से बचाता है तुम्बरू का डंडा
रमेश प्रताप सिंह
जी हाँ यह अनुसंधान का विषय भी हो सकता है की तुम्बरू में आखिर ऐसा क्या है की इसका डंडा लेकर चलने मात्र से गठिया का दर्द नहीं होता? प्राचीन ग्रंथों में ऐसा वर्णन मिलता है की तुम्बरू का डंडा लेकर चलने से अरथारैतिश में लाभ होता है. यही नहीं इसकी जड़ों को घिसकर चन्दन की तरह चहरे पर लगाने से चहरे पर मुंहासे के दाग धब्बों से भी मुक्ति मिलाती है. इसकी पतली लकड़ी को दातुन की तरह चबा-चबा कर दातुन करने से मुख की शुद्धि हो जाती है. इसका रस पेट में जाने से पाचन शक्ती भी बाधा जाती है. इसके बीजों में भी तमाम गुण पाए जाते हैं. अगर विश्वास न हो तो करके देखिये.?
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