जनसंदेश टाइम्स के लखनऊ अंक में रविवारीय परिशिष्टि में प्रकाशित मेरी कविता को वहाँ के पाठकों ने भरपूर प्यार दिया.मैं उन सभी विद्वान् पाठकों का ह्रदय से आभारी हूँ -८ जुलाई -२०१२ का वह अंक आपके लिए भी हाज़िर कर रहा हूँ.



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