रमेश प्रताप सिंह
जामुन के मौसम में जो लोग लगातार २० दिनों तक अपनी पाचन क्षमता के अनुसार इसका सेवन करते हैं .उनको पथरी पूरे विश तक परेशान नहीं करती. जामुन में ऐसे तत्त्व पाए जाते हैं जो हमारे अन्दर पथरी को बनाने ही नहीं देते. इसका सिरका पेट के तमाम रोगों को जड़ से समाप्त करता है. जामुन की पत्तियां उबाल कर घाव धोने से वह जल्दी भर जाता है. इसके बीजों का चूर्ण प्रतिदिन लेने से मधुमेंह में लाभ होता है. इस लिए पथरी के रोगियों को इसका सेवन करना चाहिए. यह अनुसंधान का भी विषय है. इस पर अभी शोध होना बाकी है. मधुमेंह के रोगी इसका सेवन डॉक्टर की सलाह लेकर ही करें .
(लेखक अनुसंधान से सम्बंधित समाचारों के विशेषज्ञ हैं )
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