हमें किश्तों में मारा जा रहा है


फिर पेट्रोल की कीमतों में ईजाफा ? अरे हुजूर देश को ही इनके हवाले कर दीजिये न? ये रोज- रोज की किचकिच  खत्म हो जायेगी। आखिर अर्थशास्त्री जब देश को चलाने लगेंगे तो आम जनता की ऐसी ही दुर्दशा होगी।पता नहीं किस बात के डॉक्टर बने फिरते हैं। हर चीज में तो आग लगी हुयी है और ये देश को विकास की और ले जाने की बात कर रहे हैं? अलबत्ता इसकी आड़ में उद्योगपतियों की जेबें भरी जा रही हैं। किसान और बेरोजगार खुदकुशी करने पर मजबूर हुए जा रहे हैं।इनमें नैतिकता नाम की भी कोई चीज बची है या नहीं? अभी कल की ही बात है उत्तर प्रदेश के एक पूर्व मंत्री के ऊपर 27 कारें रखने का आरोप एक सपाई नेता ने लगाया। यानि जनता के पैसों को पानी की तरह बहाया जा रहा है। और उसे ही उसीके चुने गए प्रतिनिधियों द्वारा धमकाया जा रहा है। अब तो हद हो गई भइये - एक ही बार में जितना बढ़ाना हो बाधा लीजिये - बार-बार क्यों मार रहे हो- हम तो अब बस यही कहेंगे कि - किसी का कल संवारा जा रहा है, हमें किश्तों में मारा जा रहा है।।

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