नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का एक राज

मित्रों आज आपसे एक राज शेयर करने जा रहा हूँ। बात उन दिनों की है जब मैं कोलकाता से हरिभूमि हिंदी दैनिक में नया-नया आया था। एक दिन मेरा पता पूंछते-पूंछते वरिष्ठ अधिवक्ता पंडित अवध नारायण तिवारी और आजाद हिन्द फ़ौज के कंपनी कमांडर सरदार दिलीप सिंह बरार जी आये। मैंने उनका समाचार भी हरिभूमि के लिए लिखा। इसके बाद मिलना-जुलना जारी रहा। मैं उनको आदर से बाबूजी कहा करता था। एक दिन उन्होंने मुझको बताया की बेटा फैजाबाद वाले गुमनामीं बाबा ही नेता जी सुभाष चन्द्र बोस थे। उन्होंने यह भी बताया की इनको देखने के बाद उनकी आँखों में एक विशेष चमक दिखी थी जो यह साबित करने के लिए काफी थी। उन्होंने यह भी बताया कि  वे बरार जी को पहिचान भी गए थे। अब ये लोग उनको खोजने में 27 वर्ष जाया कर चुके हैं अभी और पता नहीं कितना वक़्त लगायेंगे।

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