हाथियों के संघर्ष में एक हथिनी और 1 इंसान की मौत



प्रतापपुर। तमोर पिंगला अभ्यारण्य क्षेत्र में हुए हाथियों की आपसी लड़ाई में एक मादा हाथी की मौत हो गई। गज लड़ाई में मादा हाथी के सीने में गंभीर चोट के निशान मिले हैं। हाथी का पोस्टमार्टम करने के बाद एलीफेंट रिजर्व डीएफओ की मौजूदगी में इसे दफनाया गया।
क्या है पूरा मामला-
दरअसल, घटना तमोर पिंगला अभ्यारण्य क्षेत्र के रमछता घुटरा की है। यह जंगल रमकोला से लगभग 22 किलोमीटर दूर धुरिया सर्किल के अंतर्गत आता है। इस जंगल में वर्तमान में 15-16 हाथियों का दल भ्रमण कर रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि 2-3 दिन पूर्व एक ही दल में लड़ाई हुई। पहाड़ के ऊपरी हिस्से में हुए इस लड़ाई में घायल मादा हाथी पहाड़ से कई फीट नीचे गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई।
क्या कहते हैं डीफओ-
मौके का मुआयना करने के बाद एलीफेंट रिजर्व के डीएफओ सीएस तिवारी ने बताया कि घटनास्थल से लगे घुटरी में संभवत: हाथियों के बीच संघर्ष शुरू हुआ था और एक से ज्यादा हाथियों ने मादा हाथी पर हमला कर चोट पहुंचाई। ऊपर घुटरी में यह लड़ाई 100-150 मीटर के दायरे में हुई है, जिससे इस लड़ाई वाले क्षेत्र के कई पेड़ उखड़ गए हैं। घायल अवस्था में मादा हाथी घुटरी से 25-30 फीट नीचे भी गिरी है, जिससे कई पेड़ भी उखड़ गए हैं। फिलहाल पोस्टमार्टम में इसके कई जगहों पर चोट लगने के सबूत मिल रहे हैं।
पीएम रिपोर्ट में क्या है खास-
पोस्टमार्टम कर रहे चिकित्सक डॉ. महेन्द्र कुमार पांडेय ने बताया कि मृत हाथी के सिर, छाती, सूंड़ व जांघ के हिस्सों में खून के थक्के मिले है। मृत हाथी के पोस्टमार्टम से  28 दिसंबर के लगभग इसकी मृत्यु होने की पुष्टि हो रही है। इस हाथी की आयु लगभग 55-60 वर्ष के बीच है । पोस्टमार्टम के उपरांत मादा हाथी के शव को एलीफेंट रिजर्व द्वारा दफना दिया गया।
बॉक्स-
दल से बिछड़े हाथी ने ग्रामीण को कुचला, मौत
 विकास खण्ड के सोनगरा से लगे झिंगादोहर जंगल में दल से बिछड़े हाथी ने ग्रामीण को कुचल कर मार डाला। जिस स्थान पर घटना हुई, उससे नजदीक जंगल में 18 हाथियों का दल लंबे समय से डेरा जमाए हुए है। घटना की खबर पर वन विभाग की टीम एवं पुलिस द्वारा मौके पर पहुंच कर शव को जंगल से निकल खडग़वा चौकी पहुचाया गया । लगातार हो रही घटनाओं से ग्रामीणों में आक्रोश है।
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