5 राज्यों में बजी चुनावी रणभेरी
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश, गोवा, उत्तराखंड, मणिपुर और पंजाब में चुनावी रणभेरी बज चुकी है। सियासी समर सजने लगे हैं। इसकी घोषणा देश के मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने की। नई दिल्ली में आयोजित पत्रकारवार्ता में उन्होंने बताया कि पहले चरण का मतदान 4 फरवरी से शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही इन राज्यों में आदर्श चुनावी आचार संहिता लागू हो गई। तो वहीं पूरे देश की निगाहें इन चुनावों पर लगी हुई हैं। देखना ये होगा कि नोटबंदी जैसे फैसलों के किसके पक्ष में जनादेश आता है।
4 फरवरी से होगा मतदान, आदर्श चुनावी आचार संहिता लागू,11 मार्च को आएंगे परिणाम
कब, कहां, क्या होगा - गोवा (40 सीटें) में नोटिफिकेशन 11 जनवरी, नामांकन की आखिरी तारीख 18 जनवरी बुधवार, स्कूटनी 19 जनवरी तक पूरी, विद्ड्रावल ऑफ कैडिडेचर 21 जनवरी, 4 फरवरी 2017 शनिवार को मतदान।
पंजाब (117 सीटें) 11 जनवरी को नोटिफिकेशन, नामांकन की आखिरी तारीख 18 जनवरी, स्कूटनी 19 जनवरी तक पूरी, उम्मीदवार की नाम वापसी 21 जनवरी तक, 4 फरवरी 2017 शनिवार को मतदान।
उत्तराखंड (70 सीटें) 20 जनवरी को नोटिफिकेशन, नामांकन की आखिरी तारीख 27 जनवरी, स्कूटनी 28 जनवरी तक पूरी, उम्मीदवार की नाम वापसी 30 जनवरी तक, 15 फरवरी 2017 को मतदान।
मणिपुर (60 सीटें) पहला फेज ( 38 सीटें) 8 फरवरी को नोटिफिकेशन, नामांकन की आखिरी तारीख 15फरवरी , स्कूटनी 16 फरवरी तक पूरी, उम्मीदवार की नाम वापसी 18फरवरी तक, 4 मार्च 2017 को मतदान।
दूसरा फेज ( 38 सीटें) 11 फरवरी को नोटिफिकेशन, नामांकन की आखिरी तारीख 18 फरवरी , स्कूटनी 20 फरवरी तक पूरी, उम्मीदवार की नाम वापसी 22फरवरी तक, 8 मार्च 2017 को मतदान।
उत्तर प्रदेश (403 सीटें) चार चरणों में चुनाव
पहला चरण (73 सीटें, 15 जिले) 17 जनवरी को नोटिफिकेशन, नामांकन की आखिरी तारीख 24 जनवरी , स्कूटनी 31 जनवरीतक पूरी, उम्मीदवार की नाम वापसी 27 जनवरी तक, 11 फरवरी 2017 को मतदान।
दूसरा चरण (67 सीटें, 11 जिले) 20 जनवरी को नोटिफिकेशन, नामांकन की आखिरी तारीख 27 जनवरी, स्कूटनी 27 जनवरी तक पूरी, उम्मीदवार की नाम वापसी 30 जनवरी तक, 15 फरवरी 2017 को मतदान।
तीसरा चरण (53 सीटें, 12 जिले) 19 फरवरी 2017 को मतदान।
चौथा चरण 23 फरवरी को मतदान
पांचवां चरण 27 फरवरी को मतदान
छठा चरण 4 मार्च को मतदान
सातवां चरण 8 मार्च को मतदान
11 मार्च को सभी राज्यों के मतों की गिनती होगी और सभी राज्यों के परिणाम आएंगे।
उन्होंने बताया कि ईवीएम में इस बार चुनाव चिह्न के साथ प्रत्याशी की तस्वीर भी लगाने की व्यवस्था की गई है। यह भी व्यवस्था की गई है कि वोटर यह देख सके कि उसने किसको वोट दिया है। यानि एक स्लिप भी निकलेगी। जैदी ने बताया कि पोस्टल बैलेट की जगह इस बार ई-वोटिंग की व्यवस्था की गई है।
जैदी ने बताया कि गोवा विधानसभा का कार्यकाल 18 मार्च 2017, मणिपुर का 18 मार्च 2017, पंजाब 18 मार्च 2017,
उत्तराखंड का 26 मार्च 2017 और उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 27 मई 2017 को समाप्त हो रहा है।
उन्होंने बताया कि 100 प्रतिशत वोटरों के पास वोटर आईडी कार्ड हैं। इन पांच राज्यों में 16 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे। पांच राज्यों में 690 विधानसभा सीटें हैं। कुछ 23 सीटें रिजर्व सीटें हैं। इन इलाकों में 1.85 लाख वोटिंग स्टेशन होंगे। ईवीएम का प्रयोग सभी राज्यों में होगा। जिन इलाकों में महिलाओं पुरुषों के साथ असहज हैं वहां पर उनके लिए अलग पोलिंग बूथ की व्यवस्था की जाएगी।
वोटर गाइड का होगा इस्तेमाल-
चुनाव आयोग ने बताया कि सभी मतदाताओं को फोटो वाली वोटर स्लिप दी जाएगी। साथ ही चुनाव आयोग इस बार वोटर गाइड का प्रयोग करेगा जिसके जरिए सभी को मतदान के दौरान क्या करना है क्या नहीं करना है बताया जाएगा। उन्होंने बताया कि वोटिंग कंपार्टमेंट की ऊंचाई को बढ़ाया जाएगा।
दिव्यांगों के लिए होगी खास व्यवस्था-
उन्होंने बताया कि पोलिंग स्टेशन पर दिव्यांगों के लिए खास व्यवस्था होगी। जैदी ने बताया कि इस बार प्रत्याशी को नामांकन पत्र में तस्वीर भी लगानी होगी। उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड में प्रत्याशी 28 लाख रुपये खर्चा कर सकेंगे जबकि गोवा और मणिपुर में यह राशि 20 लाख रुपये रहेगी। साथ ही कहा गया है कि 20 हजार से ऊपर के खर्च को चेक से भुगतान दिया जाएगा।
नेताओं के चैनल्स पर आयोग की नज़र-
चुनाव आयोग ने इस बार उन चैनल पर नजर रखने की तैयारी की है जिनमें राजनेताओं का मालिकाना हक है। चुनाव आयोग पेड न्यूज पर भी नजर रखेगा। इससे पूर्व चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने के उद्देश्य से आज चुनाव आयोग ने इन राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ एक बैठक की। सूत्रों ने बताया कि आज की बैठक में मणिपुर में कुछ नगा समूहों द्वारा की जा रही सड़कों की नाकाबंदी के कारण उत्पन्न कानून व्यवस्था की स्थिति पर मुख्य रूप से चर्चा की गई।
बैठक में राज्यों में कानून व्यवस्था की स्थिति के अलावा, निर्वाचन कर्मियों की तैनाती, सुरक्षा, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों और चुनाव आचार संहिता का कड़ाई से पालन करने पर भी चर्चा की गई। चुनाव आयोग को दी गई रिपोर्ट में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर की स्थिति का जिक्र किया है। वहां यूनाइटेड नगा काउंसिल ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 में नाकेबंदी की है और 60 दिन बाद भी राज्य सरकार सामान्य यातायात बहाल करने में कथित तौर पर नाकाम रही है।
कैसी रहेगी सुरक्षा-
वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों में तैनाती के लिए करीब 85,000 सुरक्षा कर्मी मुहैया कराएगा। इसके अलावा करीब 100 कंपनियां विभिन्न राज्यों से ली जाएंगी जिन्हें चुनाव ड्यूटी में लगाया जाएगा। इन कंपनियों में राज्य सशस्त्र पुलिस बल और इंडिया रिजर्व बटालियन शामिल होंगी। अर्धसैनिक बल की एक कंपनी में करीब 100 कर्मी होते हैं।
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