महिला कमांडोज के काम को सलाम
- न मोटी तनख़्वाह न अत्याधुनिक असलहे और न ही गरम कोट,मगर कड़ी ठंड में दुर्ग की ये महिला कमांडोज समाज को स्वच्छ बनाने गई हैं जुट। तमाम समूहों की महिलाएं जहां एक साथ लाठी लिए दिख जाएं। अपराधियों को पकडऩे पर पहुंचाती हैं थाने। इसकी सीटी सुनकर गुंडे और बदमाश हो जाते हैं फरार....। अपराध और अपराधियों पर कसती जा रही हैं ये अपना शिकंजा । जो अपराध रोकने के लिए पहरे पर जाती हंै हर रोज....वही हैं दुर्ग की महिला कमांडोज। यहां नहीं दिखाई देता है कोई तामझाम.....इनके जज्बे को हमारा भी सलाम...!
75 फीसदी तक कम हुए हैं इलाके में अपराध, दूसरे समूह भी ले रहे प्रेरणा
दुर्ग/ रायपुर।
कैसे करती हैं ये अपना काम-
दुर्ग जिले में महिलाएं टीम बनाकर रात के समय गश्त कर रही है और कई अपराधों को रोकने में इन्होंने सफलता हांसिल की है।
सबसे खास बात ये है कि इनसे प्रेरणा लेकर अब अन्य महिला समूह भी सामने आ रहे हैं और इनका भी उद्देश्य यही है कि वे किसी भी तरह समाज को दूषित होने से बचा सकें।
सीटी सुनते ही भागते हैं गुंडे- बदमाश
दुर्ग की इन महिला कमाण्डों को देख अच्छे अच्छों की घिघी बंध जाएगी। इनकी सीटी आवाज सुनकर ही बड़े से बड़े गुण्डे भाग खड़े होते हैं। प्रतिदिन पुलिस गश्त करे न करे इनकी गश्त मोहल्ले में जरूर होती है। ये महिलाएं झुण्ड में गश्त करती हुई निकलती हैं और जहां भी अपराध होते हैं या होने की संभावना होती है वहां पहुंचकर स्थिती संभाल लेती हैं। अपराध को रोकने में अपनी अहम भूमिका निभाती हैं।
दूसरी महिला समूहों वाली भी ले रही हैं प्रेरणा-
अब इन महिलाओं को महिला कमाण्डो के रूप में जाना जाता है। इन महिलाओं से प्रेरणा लेकर अब अन्य महिला समूह भी पुलिस के पास पहुंच रहे हैं और इनकी भी चाहत यही है कि ये अपने परिवार समाज और शहर को अपराध रहित और स्वच्छ बनाएं।
अपराध की क्या हालत है-
महिला कमाण्डो ने कुछ ही समय में अपनी अलग पहचान कायम की है। यह जानकार आश्चर्य जरूर हो सकता है कि जो क्षेत्र शराब जैसी समाजिक बुराई से जूझ रहे थे वो महिला कमाण्डो की मुस्तैदी से इससप 75 फीसदी काबू करने में सफल हुए हैं।
पुलिस भी इन महिला कमाण्डो के प्रयासों की सराहना करती है और उन्हें मदद करने को तैयार है। बहरहाल महिलाओं में आई जागरूकता का ही नतीजा कहा जा सकता है कि वे अपने घरों की चार दीवारी से बाहर निकलकर महिला कमाण्डो बन समाज की रक्षा करना चाहती है। इनके साहस को आज पुरुष समाज भी सलाम कर रहा है।
बॉक्स-
तैयार हो रहीं क्चस्स्न की महिला जांबाज़
ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में देश का पहला महिला जाबांज दस्ता तैयार हो रहा है। ये पहली बार है जब क्चस्स्नकी महिला जांबाज़ टीम तैयार हो रही है। महिला सैनिकों की ये टीम पुरुष जांबाज़ों की तरह ही बाइक्स पर स्टंट करेंगी। कड़ी मेहनत और कठोर अनुशासन के दम पर तैयार होने वाली इस टीम के कारनामे देखकर हर कोई हैरान हो रहा है।
तैयारी पूरी होने के बाद जल्द ही इस महिला जांबाज़ दस्ते को आप खास मौकों पर अपने हुनर का प्रदर्शन करते हुए आप देख पाएंगे।
आपने 26 जनवरी और दूसरे मौकों पर बीएसएफ़ के जिस जांबाज़ दस्ते को देखा है ये दस्ता भी ठीक उसी तरह से करतब दिखाएगा।
बीएसएफ़ के पुरुष जांबाज़ दस्ते के सदस्य ही इन महिला सैनिकों को तैयार कर रहे हैं।
ट्रेनिंग के दौरान जाने-पहचाने फूल पर भंवरे कॉम्बिनेशन जैसे करतबों की ट्रेनिंग ये दस्ता ले रहा है। इसके अलावा बाइक पर हाथ छोड़कर पिस्टल से निशाना साधना और दूसरे कॉम्बिनेशन की भी तैयारी कराई जा रही है।
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