अदाकार ओम पुरी को अलविदा......



 66 साल की उम्र में मुंबई में अपने ही घर पर हुआ इंतकाल, देश-दुनिया में मातम का माहौल
-एक $फर्द न तो एक घराने की मौत है, अहले हुनर की मौत ज़माने की मौत है। जी हां मशहूर और मारूफ अदाकर जनाब ओम पुरी का अलसुबह उनके आशियाने पर इंत$काल हो  गया। वे 66 साल के थे। देश के चौथे सबसे अहम अवामी $िखताब पद्मश्री से उनको नवाज़ा गया था। इस खबर से पूरे वालीवुड़ और हॉलीवुड में मातम पसर गया है।
 असाधारण अभिनेता-
साधारण शक्ल-सूरत वाले असाधारण अभिनेता ने न सिर्फ बहुत-सी पुरस्कार-विजेता हिन्दी फिल्मों को अपने अभिनय से सजाया, बल्कि अनेक विदेशी फिल्मों में भी अपने काम का लोहा मनवाया. वर्ष 1976 में विजय तेंदुलकर के नाटक घासीराम कोतवाल पर इसी नाम से बनी मराठी फिल्म से अपने अभिनय करियर की शुरुआत करने वाले ओम पुरी 80 के दशक में अर्धसत्य, आक्रोश, पार जैसी कला फिल्मों में काम करने के बाद दुनिया की नजऱों में आए। फिर अपने जीवंत अभिनय से धीरे-धीरे वह मुख्यधारा की फिल्मों में भी छाने लगे, और उन्होंने जाने भी दो यारों और माचिस जैसी फिल्मों भी अदाकारी के जौहर दिखाए।


कॉमेडी के लिए कभी जोकर नहीं बने ओम पुरी
मुफलिसी थी, सो ओमुपरी एक्टर नहीं, ट्रेन ड्राइवर बनना चाहते थे...
हंसी, मज़ाक, बहस हमेशा याद रहेंगे।
हरियाणा के लाल थे ओम पुरी-
हरियाणा के अंबाला में एक रेलवे अधिकारी के घर वर्ष 1950 में जन्मे ओम पुरी ने पुणे के फिल्म एंड टेलीविजऩ इंस्टीट्यूट में भी अध्ययन किया, और वह दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) के वर्ष 1973 बैच के सदस्य भी थे, जहां नसीरुद्दीन शाह उनके सहपाठी थे।
उस समय जारी कला फिल्मों के दौर में सबसे मजबूत अभिनेता कहे जाने वाले नसीरुद्दीन शाह, शबाना आज़मी और स्मिता पाटिल जैसे धुरंधर अभिनेताओं के साथ उन्होंने कई फिल्में कीं, जिनमें उन्हें भुलाया नहीं जा सकता। भवई (1980), सद्गति (1981), अर्द्धसत्य (1982), मिर्च मसाला (1986) तथा धारावी (1992) इन अभिनेताओं की कुछ यादगार फिल्में हैं।
ब्रिटिश, हॉलीवुड फिल्मों में भी किया काम -

ओम पुरी ने वर्ष 1982 में आई रिचर्ड एटनबरो की फिल्म गांधी में भी एक छोटी-सी भूमिका अदा की थी, लेकिन वर्ष 1990 के दशक में लोकप्रिय हिन्दी सिनेमा का हिस्सा बनने वाले ओम पुरी ने बहुत-सी ब्रिटिश, हॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया, और वह विदेशों में सबसे ज़्यादा जाने-पहचाने भारतीय अभिनेताओं में शुमार किए जाते हैं।
उन्होंने हॉलीवुड में पैट्रिक स्वेज़ी के साथ सिटी ऑफ जॉय (1992), जैक निकलसन के साथ वोल्फ (1994) तथा वॉल किल्मर के साथ द घोस्ट एंड द डार्कनेस (1996) में काम किया। इसके अलावा ओम पुरी ने टॉम हैन्क्स तथा जूलिया रॉबर्ट्स के अभिनय से सजी चार्ली विल्सन्स वॉर में भूतपूर्व पाकिस्तानी तानाशाह जनरल जिय़ा-उल-हक का किरदार निभाया था।
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