एक $कातिल का सनसनीखेज कबूलनामा


साहब, पहले मेला दिखाया, खिलौने दिलाया और फिर...

अम्बिकापुर। थाने में आरोपी का कबूलनामा सुन पुलिस हक्की-बक्की रह गई, जब आरोपी ने कहा, हां मैने मारा था अपने बेटे को, दशहरे के दिन उसे मेला दिखाने ले गया था, मेले में उसके लिए खिलौने खरीदे थे और उसके बाद उसका $कत्ल कर उसकी लाश जंगल की झाडिय़ों में फेंककर फरार हो गया। ऐसा क्यों किया, इस सवाल पर वह खामोश हो जाता है।
क्या है पूरा मामला-
कोतवाली पुलिस ने बताया कि कोरबा जिले के गांव मोरगा पतौरिया डांड़ निवासी बहादुर पिता रामभरोस मजदूरी करता था। बौरीपारा में उसकी ससुराल है, उसकी पत्नी मीना की तबियत ठीक नहीं होने पर पिता धरमपाल ने उसे शंकरगढ़ उसकी बुआ के घर उपचार कराने के लिये चार माह पहले भेज दिया था। इस बीच ढाई माह पहले दशहरे के दिन बहादुर अपने चार साल के बेटे ईश्वर को लेकर अपने ससुराल आया था।
कैसे दिया वारदात को अंजाम-
दशहरे के दिन अपने पुत्र को मेले में घुमाकर बहादुर उसके लिये खिलौने लिया और वापस ससुराल पहुंचा। बहादुर के ससुर धरमपाल ने बताया कि उसी शाम बहादुर शौच के लिये ईश्वर को लेकर निकला था। उसके बाद ईश्वर का कोई पता नहीं चला। ससुरालियों ने फौरन इसकी खबर कोतवाली पुलिस को दी थी। पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज किया था। इसके बाद बहादुर अपने गांव चला गया। एक माह पहले उसकी पत्नी मीना शंकरगढ़ से उपचार करवाकर अम्बिकापुर आई थी। वहां उसने अपने बच्चे के बारे में पूछताछ की। पति से पूछताछ करने पर वह पहले तो बदहवास की तरह इधर उधर की बातें करता रहा। बाद में उसने परिवार वालों को बताया कि वह ईश्वर की हत्या पत्थर मार कर दशहरे के दिन ही कर दिया था और उसका शव खैरबार खुदीपारा जंगल के झाड़ में फेंक दिया था। उसने अपने पुत्र की हत्या क्यों की, इसके बारे में वह कुछ नहीं बता पा रहा है।

बीवी रूठकर मायके गई तो गम में पति ने किया ऐसा काम....
परिवार वालों ने यह सच्चाई जानकर इसकी जानकारी कोतवाली प्रभारी चंद्रा व सीएसपी को दी। पुलिस ने घटनास्थल पर जाकर इसकी जांच शुरू कर दी। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर शव की खोजबीन की, लेकिन पुलिस को सिर्फ बाल ही मिले, अब पुलिस फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से जांच शुरू कर दी है।
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