पटना में छठ के दौरान भगदड़, 18 मरे

पटना में चारा तो खाने वाले मंत्री हैं, घूंस खाने वाले अधिकारी हैं। मगर आम जनता की सुरक्षा का दावा करने वाला प्रशासन क्या कर रहा था उस वक़्त जब छठ के श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा घाटों पर पहुँची। क्या प्रशासन को पता नहीं था कि यहाँ अगले दो तीन दिनों तक भीड़ रहेगी? आम आदमी के इन हत्यारों के ऊपर तो हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए वो भी एक -दो नहीं पूरे 18 लोगों की हत्या का। वोट माँगने के लिए पहुँच जाते हैं दांत निपोरे मगर जहां असल में जरूरत होती है वहाँ से नदारद? अरे इस थर्ड जेंडर प्रशासन और लकवाग्रस्त निजाम को बदलने की जरूरत है। आइये वादा करें की जब ये वोट माँगने आयेंगे तो इनसे इनके कर्मों का हिसाब पहले मांगेंगे उसके बाद ही यह    की इनको वोट  भी  या  नहीं?

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