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Showing posts from April, 2016
एक से ज्यादा क$फन का बंद हुआ चलन
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दर्रा पंचायत की अनूठी पहल, मृत्यु भोज निमंत्रण में घर से लेकर आए अपने खाने का बर्तन, बेटी की विदाई में नहीं देंगे कपड़े बालोद । गांवों में किसी की मौत हो जाने पर हर रिश्तेदार और हित-मित्रों के क$फन देने की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। अब ये लोग क$फन की बजाय पैसे देंगे। इससे एक ओर जहां कपड़े की बरबादी रुकेगी वहीं पीडि़त परिवार की मदद भी हो जाएगी। ये फैसला जिले की ग्राम पंचायत दर्रा ने सर्व सम्मति से लेकर इसको लागू भी कर दिया गया है। यही नहीं मृत्यु भोज में प्लास्टिक के सामानों के उपयोग पर भी पाबंदी लगा दी गई है। ऐसा पर्यावरण को ध्यान में रखकर किया गया है। समिति की बैठक में ये रहे मौजूद- पंचायत के निर्णय में सभी ग्रामीणों की सहमति है। ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष भीष्म शांडिल्य, संरक्षक गजानंद साहू, सिन्हा समाज के प्रमुख झुमुकलाल सिन्हा, सरपंच प्रतिनिधि देवानंद साहू, आदिवासी समाज के जितेंद्र यादव आदि ने बताया कि पैसे की बर्बादी रोकने के लिए ये फैसले लिए गए हैं। मिनटों में जल जाता है हजारों का क$फन- उन्होंने कहा कि लोग किसी के अंतिम संस्कार में जाते हैं तो 20-30 रुपए का कफ...
कांग्रेस की भीतरी रार और गिरता जनाधार
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दो ध्रुवीकरण के बीच फंसी प्रदेश कांग्रस भीतरी रार और गिरते जनाधार के संकट से जूझ रही कांग्रेस ने एक बार फिर से खुद को एकजुट दिखाने का प्रयास किया है। इसके बावजूद भी प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के परिवार ने कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी। शनिवार को हुए कांग्रेस के दो विरोध कार्यक्रमों को देखकर ये बात साफ-साफ समझ में आ गई कि प्रदेश कांग्रेस और भीतरी रार और टूटते जनाधार से जूझ रही है। ऐसे में अगर सक्रियता नहीं दिखाई गई तो वो दिन दूर नहीं जब कांग्रेस भी दूसरी पार्टियों की तरह हाशिए पर आ जाएगी। मुद्दे भी नहीं मिल रहे खोजे - कांग्रेस के कद्दावरों को अब प्रदेश में मुद्दे नहीं मिल रहे हैं। यही कारण है कि महज आईपीएल को लेकर लंगी मारने खेल मंत्री के घर पहुंच गए। तो वहीं गेस्ट हाउस के पास जाकर झीरम घाटी की सीबीआई जांच की मांग करके गंगा स्नान कर लिया। जब कि प्रदेश में मुद्दों की पूरी माला पड़ी है। किसानों की आत्महत्याएं, मुआवजे के नाम पर मजाक और आदिवासियों की हत्याएं,बिगड़ती व्यवस्था, नान घोटाला, शिक्षा की बदतर व्यवस्था, स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर असुविधाएं, हेलमेट और ...
Last and First page of Hamari Sarkar of 17th April 16
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Front and Last page of Hamari Sarkar of 16th April 16
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नक्सलियों के पीछे लगे ओसामा को ढूंढ निकालने वाले श्वान
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तरीके बदल-बदल कर माओवादी हलाकान रायपुर। बेल्जियम के मेलानोइस नस्ल के कुत्तों ने नक्सलियों में दहशत मचा दी है। अर्धसैनिक बलों की टुकड़ी में शामिल मेलानोइस नस्ल के ये उच्च प्रशिक्षित श्वान नक्सलियों के लिए किसी अपशकुन से कम नहीं है। 'लाल आतंकÓ के खिलाफ इस बेहद खतरनाक कुत्ते का इस्तेमाल काफी कामयाब साबित हो रहा है और इसने माओवादी संगठनों के मन में डर पैदा किया है। सशस्त्र विद्रोह से निपटने में महारत अधिकारी बताते हैं कि इन कुत्तों को सशस्त्र विद्रोह से निपटने में महारत हासिल है। यही वजह है कि नक्सली एक दूसरे को ऐसी पट्रोल पार्टी से बचने की हिदायत देने लगे हैं जिसके साथ कुत्ता भी चल रहा हो। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक ये कुत्ते सिर्फ विस्फोटक को सूंघने में ही सक्षम नहीं, बल्कि नक्सलियों से मोर्चा ले रहे जवान इन्हें हमला करने, जासूसी करने के लिए भी इस्तेमाल कर रहे हैं। घात लगाकर करते हैं हमला भी- अधिकारी ने कहा कि माओवादियों की घात लगाकर हमला करने की योजना के बारे में ये कुत्ते पहले से ही सूचना दे देते हैं। सरेंडर कर चुके कई पूर्व माओवादियों ने पूछताछ में बताया है कि अगर वो कि...
सीएम के बेटों की सियासी जागीर
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प्रदेश के दो मुख्यमंत्री दोनों का एक जैसा परिवार, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और वर्तमान मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह। अजीत जोगी का कार्यकाल सिर्फ ढाई साल तो रमन सिंह अभी भी जमें हैं कुर्सी पर। दोनों के इकलौते बेटे दोनों के नाम का शुरुआती अक्षर भी अ से। यानि अमित जोगी और अभिषेक सिंह, एक मरवाही के विधाक तो दूसरा राजनांदगांव से सांसद। विधायक अपने बढ़े हुए वेतन को दो किसानों को करता है दान। तो पनामा पेपर लीक्स में होता है सांसद अभिषेक सिंह का गुणगान। अब ज्यादा क्या लिखें इस युवा विधायक से राज्य के सांसद और मंत्री कुछ तो सीखें। लायक विधायक बनाम रसूखदार सांसद रायपुर। मरवाही विधायक अमित जोगी- प्रदेश के किसानों की आत्महत्या और सूखे के हालात से चिंतित होकर बढ़ा वेतन लेने से सीधे इंकार किया। इसके बाद अपने दो महीने के बढ़े वेतन को सांसद अभिषेक सिंह के ही जिले में जाकर दो किसानों की विधवाओं को दान किया। राजनांदगांव जिले के डोगरगांव ब्लॉक के ग्राम संबलपुर पहुँचकर आत्महत्या करने वाले दो किसानों के परिजनों से मिलकर उन्हें अपना अप्रैल माह का बढे हुए वेतन का आधा-आधा हिस्सा सौंपा...
कांग्रेस का तेल निकाल रहे बघेल
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ठाट से रिश्तेदारों के नाम कराए आधे दर्जन प्लॉट सत्य, निष्ठा और सदाचार की दुहाई देकर कांग्रेस का तेल खुद प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ही निकाल रहे हैं। इन्होंने अपने सियासी रसूख का इस्तेमाल और सांठगांठ करके मानसरोवार आवासीय बंगले में अपने रिश्तेदारों के नाम पर खरीद कर 6 प्लॉट, खड़ी कर दिए कांग्रेस की खाट। प्रेस कान्फे्रंस में अजीत जोगी के राजनीतिक सचिव अशोक शर्मा ने खुलासा करके लगा दी उनकी वॉट। श्री शर्मा ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को चुनौती दी कि अगर उनमें नैतिकता नाम की भी कोई चीज बची हो तो वे तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे दें, और जांच में सहयोग करें। ऐसे में सवाल तो यही है कि क्या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी राबर्ट वाड्रा के रास्ते पर चल निकले हैं? रायपुर। क्या है पूरा मामला- श्री शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश अध्यक्ष जिस बंगले में निवासरत हैं, राजनैतिक सांठ-गांठ कर अपने परिजनों के नाम पर मानसरोवर आवासीय बंगले में प्लाट, जो कि 6&12 मीटर, 6&9 मीटर के लिए 94/- रुपए प्रति वर्गमीटर निर्धारित थी। व्यनयम 1975 के नियम 17 में प्रावधान है कि किसी भी माले में दो से अधिक ...
क्या ऐसे ही होगा ग्राम उदय
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बदन पर चीथड़े और उस पे भी नज़रें जमाने की, इलाही हद भी होती है किसी को आजमाने की। बलौदा बाजार के पलारी इलाके के सलोनी गांव में 60 घर जल कर राख हो गए। 3 सौ से ज्यादा लोग बेघर हो गए। घरों में एक दाना भी नहीं बचा। बताया जाता है कि खेत में लगाई आग की चपेट में पूरा गांव आ गया। भला हो गांव वालों का जिसमें से किसी ने विधान सभा अध्यक्ष गौरी शंकर अग्रवाल को इसकी सूचना दे दी थी। उसके बाद तो कलेक्टर, एसपी और तहसीलदार भी मौके पर पहुंच गए। दमकल की गाडिय़ों और स्थानीय लोगों की भरपूर मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। कड़ाके की गर्मी और तपती हवाएं और 3 सौ से ज्यादा लोगों के लिए आसमान ओढऩा और धरती बिछौना बनी है। मुख्यमंत्री ने राहत की घोषणा की है मगर वो कब मिलेगी पता नहीं। इतनी बड़ी दुर्घटना होने के बाद भी अभी तक राज्य का कोई भी कद्दावर नेता उन गरीबों से मिलने नहीं पहुंचा है। ऐसे में सवाल तो यही उठता है कि क्या यही है हमारी सरकार की जागरूकता? इसी के बल पर हमारे नेता खुद को जन हितैशी होने का दम भरते हैं? क्या इनका आम जनता के प्रति कोई दायित्व नहीं है? और अगर है तो फिर उसका निर्वह...
Front and last page of Hamari Sarkar of 14th April 16
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तृप्ति की सियासी तृष्णा
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जब तल$क शीशा रहा मैं बारहा तोड़ा गया, बन गया पत्थर तो सबने देवता माना मुझे। भूमाता ब्रिगेड की कार्यकर्ता तृप्ति देसाई की महाराष्ट्र के कोल्हापुर के महालक्ष्मी मंदिर में पिटाई हुई। बताया जाता है महालक्ष्मी मंदिर के गर्भगृह में वे नेताओं वाला ड्रेस पहनकर प्रवेश करने की कोशिश कर रही थीं। जब कि वहां का ये नियम है कि जो भी महिला महालक्ष्मी के गर्भगृह में प्रवेश करती है उसे साड़ी धारण करना अनिवार्य है। शनि शिगनापुर में महिलाओं को प्रवेश दिला कर सुर्खियों में आई तृप्ति अपनी प्रसिध्दि से तृप्त नहीं हुईं। खबरों में बने रहने के लिए लगातार नाटकों का सहारा लेने की फिरा$क में फंस गईं। ऐसे में तो फिर लोगों के कोपभाजन का शिकार होना ही था। भूल और अपराध में यही मूलभूत अंतर है। अनजाने में की गई गलती को भूल और जानबूझकर की गई गलती को अपराध कहा जाता है। भूल के लिए प्रायश्चित और अपराध के लिए दंड का प्रावधान है। जब पूरे देश की महिलाएं जहां साड़ी पहन कर जा रही हों तो वहां तृप्ति देसाई जैसी महिला आखिर खुद को क्या साबित करना चाहती हैं? क्या उनके लिए देश के नियम कायदे की कोई अहमियत नहीं है? हर जगह समाज के ...
किसानों को साधने की सियासत
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फरिश्ते से बेहतर है इंसान बनना, मगर इसमें लगती है मेहनत जि़यादा। प्रदेश के सुखिया मुखिया राज्य के दुखिया किसानों की सुनने निकलने जा रहे हैं। इसका शासकीय बहाना भी खोज लिया गया है, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर। बाबा साहब की 125वीं जयंती पर राज्य के 20 हजार गांवों में ग्राम उदय भारत उदय के नाम पर जाने की कवायद शुरू होने जा रही है। आलम ये है कि प्रदेश में अभी तक 3 सौ से ज्यादा किसान आत्महत्याएं कर चुके हैं। खेती में सूखे ने धान तो ओले ने दलहन और सब्जियों की खेती चौपट की है। प्रदेश में पानी की भीषण समस्या व्याप्त है। न किसानों को खेती के लिए और न ग्रामीणों को गला तर करने के लिए पानी मिल रहा है। प्रदेश के थोड़ा सा पहुंच विहीन क्षेत्रों का रुख करें तो सारी सरकारी घोषणाएं यहां घास चरती नज़र आती हैं। यहां आने के बाद लगता है कि प्रशासन और उसके अधिकारियों ने इन गरीबों के साथ कितना भद्दा मजाक किया है। यहां के लोग कहीं तालाबों का गंदा पानी तो कहीं झेरिया खोदकर उसका पानी पी रहे हैं। राज्य का लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग हो या फिर नगर पालिकाएं या फिर जनपद पंचायत इनकी सारी योजनाएं बस राजधानी ...
लोग प्यासे और मैदान पी रहा पानी
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आंसू बहा रहे हो बैठ उनकी लाश पर, अब पानी ले के आए हो जब प्यास मर गई। प्रदेश में गर्मी का पारा जितनी तेजी से ऊपर को ओर चढ़ता जा रहा है। उससे कहीं ज्यादा तेजी से भू-जल स्तर नीचे की ओर भाग रहा है। प्यास से हताश और उदास लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। तो सरकार नया रायपुर के शहीद वीरनारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को पानी पिला रही है। वो भी थोड़ा नहीं 1.60 लाख लीटर रोज। हमारे यहां कहावत है कि जिसका जन्म गलत होता है उसके कर्म भी गलत होते हैं। नया रायपुर का जन्म ही खास लोगों के खास शहर के नाम पर किया गया। लिहाजा यहां ऐसे आश्चर्यजनक कार्यों पर कोई आक्रोश नहीं होना चाहिए। यहां तो सरकार ही सूखा प्रभावित किसानों के साथ मजाक करने में कोई कोर -कसर नहीं छोड़ रही है। तो फिर जहां सौ मजाक चल ही रहे हों वहीं चार और भी तो हो सकते हैं? पहले किसानों के हिस्से का पानी उद्योगों को बेचा जाता है। उसके बाद शिवनाथ का पानी ईंट भ_े वाले पी रहे हैं वो भी सरकार की शह पर। तो उरला के पानी चोर जमकर खींच रहे हैं लगा कर बोर। तालाबों पर बनाए जा रहे हैं बहुमंजिले मकान। ऐसे में भू-जल स्तर का संभरण कैसे हो...
संविधान निर्माता बाबा साहेब ही कैसे
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भारत के संविधान निर्माता के रूप में सिर्फ और सिर्फ बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के नाम का ढोल पीटा जा रहा है। जब कि उस कमेटी में कुछ 26 लोग थे। जो किसी भी सूरत में बाबा साहेब से कम नहीं थे, लेकिन उनको नजÞरंदाज कर दिया गया। तो आइए एक बार जरा उनको भी याद कर लें जिन्होंने नि:स्वार्थ भाव से हमारे देश को एक सबल संविधान दिया। 26 जिनके योगदान से बन सका संविधान... हम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं, क्योंकि इसी दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। शायद तुम्हें संविधान के निर्माण की कहानी भी पता हो, लेकिन हम आज तुम्हें संविधान के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले 26 लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके कारण ही हमारा देश गणतंत्र बन सका। बता रही हैं अर्चना आजादी मिलने से पहले ही स्वतंत्रता सेनानियों के बीच संविधान निर्माण की बात होने लगी थी। तब उन्होंने एक संविधान सभा का गठन किया। संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में हुई। संविधान सभा के कुल 389 सदस्य थे, लेकिन उस दिन 200 से कुछ ...
Front and Last page of Hamari Sarkar of 13th April 16
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Front and Last page of Hamari Sarkar of 12th April 16
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Front page of Hamari Sarkar of 10th April 16 and my byline news in Lead
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मोदी के इस हाल पर सवाल
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खुशी की आँख में आंसू की भी जगह रखना, बुरे ज़माने कभी पूछकर नहीं आते। केरल के कोल्लम की पुतिंगल देवी के मंदिर में आतिशबाजी से भड़की आग में 102 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें 350 लोग घायल बताए जाते हैं। यही नहीं इस हादसे में कुछ विदेशी नागरिकों के मारे जाने का भी इम्कान है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्काल एक् शन लेते हुए बर्निंग एक्सपर्ट्स की टीम को लेकर केरल रवाना हो चुके गए। यही नहीं उनके विशेष निर्देश पर वायुसेना के 8 चौपर्स लगातार राहत और बचाव कार्यों मेंं जुटे हुए हैं। देश के स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी मौका-ए वारदात पर मौजूद हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने तत्काल राहत की भी घोषणा कर दी। उन्होंने ये भी ऐलान कर दिया कि यदि जरूरत पड़ी तो घायलों को दिल्ली भी लाया जा सकता है। इतनी सारी कवायद के पीछे का कारण सिर्फ एक ही है। वो है देश के कई राज्यों में होने वाला चुनाव। ऐसे वक्त में प्रधानमंत्री खुद को एक अच्छे प्रधानमंत्री के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं। इसी लिए इतनी सारी तैयारियां एक साथ की गईं। हर कोई उन गरीबों के बगल खड़ा नज़र आ रहा है। सामने ये भी आया कि ये...
सीएम के बेटों की सियासी जागीर
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प्रदेश के दो मुख्यमंत्री दोनों का एक जैसा परिवार, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और वर्तमान मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह। अजीत जोगी का कार्यकाल सिर्फ ढाई साल तो रमन सिंह अभी भी जमें हैं कुर्सी पर। दोनों के इकलौते बेटे दोनों के नाम का शुरुआती अक्षर भी अ से। यानि अमित जोगी और अभिषेक सिंह, एक मरवाही के विधाक तो दूसरा राजनांदगांव से सांसद। विधायक अपने बढ़े हुए वेतन को दो किसानों को करता है दान। तो पनामा पेपर लीक्स में होता है सांसद अभिषेक सिंह का गुणगान। अब ज्यादा क्या लिखें इस युवा विधायक से राज्य के सांसद और मंत्री कुछ तो सीखें। लायक विधायक बनाम रसूखदार सांसद रायपुर। मरवाही विधायक अमित जोगी- प्रदेश के किसानों की आत्महत्या और सूखे के हालात से चिंतित होकर बढ़ा वेतन लेने से सीधे इंकार किया। इसके बाद अपने दो महीने के बढ़े वेतन को सांसद अभिषेक सिंह के ही जिले में जाकर दो किसानों की विधवाओं को दान किया। राजनांदगांव जिले के डोगरगांव ब्लॉक के ग्राम संबलपुर पहुँचकर आत्महत्या करने वाले दो किसानों के परिजनों से मिलकर उन्हें अपना अप्रैल माह का बढे हुए वेतन का आधा-आधा हिस्सा सौंप...
चकल्लस छत्तीसगढ़ की
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शिक्षा विभाग की जय हो दादा छविनाथ मिश्र लिख गए कि- भाषा-भूसी नारा चारा, अब दे मारा, तब दे मारा भजमन प्यारे टका-टकेश, राम भरोसे पूरा देश। यहां तो हम पूरे प्रदेश की बात करने जा रहे हैं। यहां भी हालात बिल्कुल वैसे ही हैं। टका-टकेश के लिए कुछ लायक विद्वान भाषा की भूसी छुड़ाने पर आमादा हैं। उनकी भाषा और व्याकरण ज्ञान देखकर प्राइमरी का जागरूक छात्र भी तैश में आ जाएगा। आलम ये है कि कभी नेताजी सुभाष चंद्र को उग्रवादी तो कभी गुरु बाबा घासीदास को हरिजन बताने पर तुले हैं। ये बातें तो प्रदेश का कोई 15 साल का बच्चा भी जानता है। अब ये महान विद्वान क्यों नहीं जानते? ये पता नहीं है। अलबत्ता सातवें वेतनमान की मांगें जरूर की जा रही हैं। प्रदेश ने पिछले साल ही शिक्षा का गुणवत्ता वर्ष मनाया। जब जांच की गई तो सामने आया कि आठवीं के बच्चों को पांच का पहाड़ा भी सलीके से नहीं आता। तो वहीं उनको मनमर्जी किस्म का कोर्स पढ़ाया जा रहा है। इसमें ऐसी गलत जानकारियां हैं। विभाग के पंडा इसके बाद भी भांजते फिर रहे हैं शिक्षा के अधिकार वाला डंडा। जिसको शर्म और न भय हो ऐसे शिक्षा विभाग की जय हो। धोबिया जल बीच मरत पिय...
Front and Last page of Hamari Sarkar of 9th April -16
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लाल की चाल में फंसे रमन
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3 0 हजार करोड़ निवेश का दावा हुआ हवा, इंवेस्टर्स मीट में करोड़ों स्वाहा, ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट 2013 में नया रायपर में हुई थी उसमें सौ करोड़ खर्च करने के बाद भी एकन्नी का निवेश नहीं आया। उसके बाद अपनी साख बचाने के लिए मुख्यमंत्री माओवाद की मांद में निवेश मांगने के लिए याचक की मुद्रा में पहुंचे। नक्सलियों से लड़ाई और चीन से ही निवेश, आखिरकार ये भी चीन की चाल में फंस गए। जो चीन सुरक्षा परिषद की सदस्यता से लेकर भारत के तमाम अभियानों का सबसे बड़ो रोड़ा, जिसके पोषित नक्सलियों ने आदिवासियों को कहीं का नहीं छोड़ा। जिसने पूरे देश को चारों ओर से घेर लिया है। जिसके चले रूस ने भी हमसे मुंह फेर लिया है। जिसके भरोसे पाकिस्तान ओर वहां के आतंकी रहे हैं तन, उसी देश में जाकर मुख्यमंत्री रमन आखिर क्या साबित करना चाहते हैं? जब वहां से निवेश की 6600 करोड़ की भीख लेकर छत्तीसगढ़ आएंगे, तो किस मुंह से प्रदेश की 2.55 करोड़ जनता के आगे खुद को देशभक्त बताएंगे? रायपुर। जिस राज्य के कद्दावर मंत्री अमर अग्रवाल की गाड़ी पर उल्टा लटकाया जाता हो तिरंगा। उसी सरकार के दूसरे विधायक श्रीचंद सुंदरानी वित्त मंत्री अरु...
अरे वाह रे... छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग
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पुस्तक चलाओ पैसे कमाओ, हल्ला मचे तो तुरंत हटाओ राज्य के शिक्षा विभाग में बड़ी-बड़ी डिग्रियों के दम पर नौकरी करने वाले कितने ज्ञानी है। इसका उदाहरण कई बार मिल चुका है। पहले विवादित संत आसाराम की अश£ील किताब दिव्य ज्ञान, उसके बाद 11वीं की सामाजिक विज्ञान की किताब में नेताजी सुभाषचंद्र बोस को उग्रवादी और अब गुरू बाबा घासीदास को हरिजन बता डाला। तीनों ही मामलों में हल्ला मचा तो किताबें वापस। करोड़ों के बजट और सातवें वेतनमान की मांग करने वाले विद्वानों के ज्ञान का स्तर किसी मुहल्ले के रिक् शे वाले से भी बदतर लगता है। इन किताबों को चला कर शिक्षा विभाग आखिर क्या साबित करना चाहता है? उससे भी महत्वपूर्ण सवाल तो ये है कि क्या ये शिक्षा के अधिकारों का हनन नहीं है? अगर है तो फिर इसके लिए शिक्षा विभाग ने क्या-क्या वैधानिक कदम उठाए? और अगर नहीं तो फिर शिक्षा विभाग ये बताए कि उसका राज्य के बच्चों ने आखिर क्या बिगाड़ा है जो उनके ज्ञान के साथ इतना बड़ा मजाक किया जा रहा है और वो भी क्यों? आसाराम की पुस्तकें- राज्य के अधिकांश स्कूलों में विवादित संत आसाराम की अश£ील किताब दिव्य ज्ञान भी छात्र-...
My byline News published in Hamari Sarkar of 8th April 16
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भीगे मैदान और प्यासा इंसान
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बहुत गुरूर है दरिया के अपने होने पर, जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियां उड़ जाएं। देश का अगर एक बड़ा हिस्सा सूखे से बदहाल है तो वह सुर्खियों में अदालती आदेशों की वजह से ही क्यों आता है? सरकारें सिर्फ तभी जगती हैं, जब अदालतों का डंडा उन पर चलता है? मीडिया का भी इस ओर ध्यान तभी जाता है, जब अदालतें कोई कड़ा आदेश सुना देती हैं। क्या यह मीडिया और राजनैतिक नेताओं तथा स्थानीय प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए थी कि छत्तीसगढ़, मुंबई और विदर्भ में जब पानी को लेकर इतनी मारामारी है तो आइपीएल जैसे आयोजनों पर बेहिसाब पानी की बरबादी पर सवाल उठाते और सरकार को तथा आयोजकों को इससे तब तक परहेज करने की हिदायत देते जब तक स्थितियां सामान्य न हो जाएं, लेकिन यह काम भी अदालतों को करना पड़ रहा है। इससे यह स्वाभाविक-सा सवाल उभरता है कि क्या जनता के ज्वलंत मुद्दों की संवेदनशीलता अब सिर्फ अदालतों के जिम्मे छोड़ देनी चाहिए? सवाल यह भी उठता है कि देश की संसदीय व्यवस्था को क्या सिर्फ देश की झूठी तड़क-भड़क और चकाचौंध जाहिर करने और उग्र विभाजनकारी मुद्दों को उठाने और देश को उलझाए रखने तक ही सीमित हो जाना चाहि...
पेट और हेलमेट
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आदमी यूं ही नहीं बेंचता ईमान अपना, भूख इंसान को गद्दार बना देती है। हेलमेट और पेट का गहरा त-आल्लुक है। हमारी यात्रा को सुरक्षित रखने का काम तो ये करता ही है। बहुत से परिवारों का पेट भी भर रहा है। मसलन इसको बनाने वाले, बेंचने वाले, लागू करने और करवाने वाले तमाम लोगों का कल्याण हो रहा था। इसका सबसे अच्छा उदाहरण तो उस समय देखने को मिला जब कलेक्टर ने ये फरमान आया कि बिना हेलमेट वालों को पेट्रोल नहीं मिलेगा। मीडिया ने उनकी इस काली दाल को खबरों की छौंक लगा कर जनता के सामने परोस दिया। घबराए पेट्रोल पंप मालिकों ने अपने आदमियों के कान खींचे तो उन्होंने इस आदेश को अध्यादेश मानकर इसका पालन करना शुरू कर दिया। इसके बाद तो पुलिस को लगा की खुदमुख़्तार बन बैठी। हेलमेट न लगाने वालों की जांच ऐसे की जाने लगी जैसे इन्होंने कोई बड़ा अपराध कर दिया हो। जब कि यही पुलिस नामचीन अपाराधियों के साथ कभी शॉपिंग मॉल में तो कभी होटलों में हराम का माल उड़ाते हुए नज़र आ चुकी है। गरीब लोगों को भी हेलमेट के नाम पर हलाकान किया जाने लगा। जिनकी मजबूरी है कि उनको अपने बच्चों का पेट पालने के लिए पहले तो दोपहिया लेना पड़ा। उसक...
जली दवाई और कार्रवाई हवाहवाई
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21 मार्च को रजबंधा मैदान स्थित मेडिकल काम्प्लेक्स के दुकानदारों ने कालातीत दवाइयां जलाईं, तो भयानक दमघोंटू दुर्गंध के चलते इलाके में सनसनी फैल गई। इसकी खबर के प्रकाशन के बाद भी प्रशासन ने आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। यानि मामले को लेकर कार्रवाई हवाहवाई ही रही। इसका दूसरा पहलू ये भी है कि पर्यावरण विभाग भी चुपचाप सोया रह गया। ऐसे में सवाल तो यही उठते हैं कि क्या हम इसी व्यवस्था में खुद को सुरक्षित होने का दावा करते हैं? आखिर कब टूटेगी इन अधिकारियों की तंद्रा? क्या इनको भी किसी भयावह दुर्घटना का इंतजार है? पखवाड़े भर बाद भी नही जागा प्रशासन, अब भी पड़ी हुई हैं अधजली दवाईयां रायपुर। क्या है पूरा मामला- इधर, इस बाबत कार्रवाई के लिए जिम्मेदार पर्यावरण संरक्षण मंडल के अफसरों ने अब जाकर जांच की बात कही है। होली के दो दिन पहले, 21 मार्च की शाम को रजबंधा मैदान स्थित मेडिकल काम्पलेक्स के कई दवा व्यापारियों ने बड़ी तादात में कालातीत दवाईयों को काम्पलेक्स के पीछे ले जाकर जला दिया था। प्रत्यक्षदर्शियों ने 'हमारी सरकारÓ को बताया था कि दवाईयों के जलने से, आसपास का पूरा इलाका जहरीले ध...
विमान निर्माता कंपनियों का भारत मोह
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ठहर के पांव के कांटे निकालने वाले, ये होश है तो ज़ुनूं कामयाब होगा क्या? राफेल की डील में डिले होने के बाद अब अमेरिका के एफए -18 सुपर हार्नेट बनाने वाली कंपनी लॉकहीड मार्टिन की निगाहें भारत पर लगी हैं। घाटे से जूझ रही अमेरिका की लॉक हीड मार्टिन भारत में इसका संयंत्र भी लगाने को उत्सुक है। ब्रिटेन की ग्रिपेन भी इस बारे में पहले ही ऑफर भारत को दे चुकी है। ऐसे में लड़ाकू विमान निर्माता कंपनियां अगर भारत का रुख करती हैं तो ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया की सबसे बड़ी सफलता है। उधर रूस में अपनी परीक्षण उड़ाने भर रहा सुखोई टी-50 और भारत का तेजस मार्क 4 भविष्य के ऐसे लड़ाकू विमान हैं। जो किसी भी देश की भीतरी सीमा में जाकर उसको तहस-नहस कर सकते हैं। चालबाज चीन की भारत को घेरने की काट भी यही होगी कि भारत में अमेरिका और ब्रिटेन और जापान जैसे देशों की कंपनियों की द$खल बढ़ाई जाए। इसके अलावा फ्रांस और रूस भी हमारे पुराने और अहम सामरिक साझेदार हैं। उनकी भी विश्वसनीयता बरकरार रहे, इसके लिए हमें इनकी भी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। इससे एक ओर जहां हमारी चीन पर निर्भरता कम ...
चकला बनती कोतवाली के बगल वाली चावड़ी
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चहेरे में गहरा मेकप होठों पर चटख रंग की लिपिस्टिक लगाये करीने से बालों में जुड़ा बनाए मैचिंग कलर की साड़ी... और खोजती हैं दिहाड़ी....पास से गुजरते ही चेहरे पर कुटिल मुस्कान के साथ सीधा सा सवाल.... रेजा लगबे का बाबू ...इतनी सी अदा इनके चाहने वालों को कर देती है बेकाबू। चौंकिए मत हुज़ूर... न तो ये मजदूर हैं और न ही मजबूर। बताते हैं यहां के जानकार कि ये इसी अंदाज में करती हैं देहव्यापार...! दिहाड़ी मजदूरों के काम पर जाने के बाद,यहां सजती है देह की मंडी रायपुर। राजधानी के व्यस्तम क्षेत्रों में सिटी कोतवाली चौक व कांग्रेस भवन गांधी मैदान के बीच की तिराहे में पिछले 60 वर्षो से मजदूरी करने के लिये आने वाले मजदूरों के इकठ्ठा होने के जगह को चावड़ी के नाम से जाना जाता हैं। इस स्थान पर राजमिस्त्री , कार पेंटर, पेंटर, पलम्बर, इलेक्ट्रीशियन, ठेके पर ढलाई का काम करने वालें मजदूरों सहित महिला व पुरुष मजदूर भी अपनी रोजी रोटी तलाश करने रोज यहां आकर इकठ्ठा होते हैं। वर्ममान में इस चावड़ी में लगभग 1500 मजदूर हैं, लेकिन कुछ वर्षो से यह चावड़ी देह व्यापार का अड्डा बनती जा रही हैं। ...
ठाट से छाप दी अशोक की लाट
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तिल्दा नेवरा नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष ने गणतंत्र दिवस पर अफसरी छांट, ठाट से प्रमाण पत्र पर छपवा दी अशोक की लाट। जिसकी अवमानना करने पर खड़ी हो जाती है अच्छे -अच्छों की खाट, मलेमानस ने लगा दी उसी की वॉट? अधिकारी अभी भी अपनी शान में ऐंठे हैं, माताहतों के भरोसे तने हुए बैठे हैं। तो वहीं माताहतों के सामने है समस्या भारी,वो उपलब्ध करा रहे हंै आधी-अधूरी जानकारी। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी शहर के कार्यकर्ताओं ने इस मामले की शिकायत भी नेवरा थाने में दर्ज कराई है। तो पुलिस अधीक्षक ने बताया की ये बात उनकी जानकारी में नहीं आई है। रायपुर। गणतंत्र दिवस पर पूरे देश में जिस कानून का सम्मान किया जाता है। उसी कानून की तिल्दा नेवरा में सरेआम धज्जियां उड़ाई गईं, और अनजान लोग तालियां बजाते रहे। दरअसल नगर पालिका परिषद तिल्दानेवरा में स्वच्छ भारत अभियान के तहत अच्छा कार्य करने वाले स्कूलों के प्राचार्यों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर जो प्रमाण पत्र नगर पालिक निगम के अध्यक्ष ने अपने हस्ताक्षर कर के जारी किया उसमें सरेआम राष्ट्रीय चिह्न अशोक की लाट बनी हुई है। ऐसे में ये एक बड़ा ही संगीन मामला है,क्योंक...
चढ़ता पारा उतरता पानी
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नदी ने धूप से क्या कह दिया रवानी में, उजाले पांव पटकने लगे हैं पानी में। जैसे-जैसे प्रदेश में गर्मी का पारा ऊपर चढ़ रहा है। भू-जल स्तर नीचे उतरता जा रहा है। कमजोर हुए नल अब हांफने लगे हैं। सरकारी बोर भी जोर नहीं लगा पा रहे हैं। नलों के पतली होती धार और लोगों की बढ़ती प्यास और पानी की तलाश, व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान लगा रही है। रूखा प्रशासन भी मौसम का सूखा देखकर डर गया। लिहाजा राजधानी के कलेक्टर ने जल स्रोतों पर धारा 144 लागू कर दिया। अब 6 इंच के बोर पर रोक लगा दी गई है। बोर पर रोक लगाने से पानी चोर मानने वाले नहीं हैं। लगातार भू-जल स्तर का दोहन किया जा रहा है। ऐसे में सरकार के इस आदेश के कोई मायने नहीं रह जाते हैं। आलम ये है कि राजधानी के तमाम इलाकों में मनमाने ढंग से बोर के माध्यम से पानी खींचा जा रहा है। और प्रशासन 6 इंच के बोर काटने की कानूनी माला का जाप कर रहा है। भू-जल के पाताल की ओर जाने का सबसे बड़ा कारण हैं कटते पेड़, घटते तालाब और वॉटर सोर्स रिचार्जिंग एलीमेंट्स। इसके अलावा शहर से लेकर गांवों तक बढ़ते कांक्रीट के जंगल। इन्हीं सारी चीजों के चलते भू-जल ...
निकाल कर बच्चेदानी, सुना रहे कहानी
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हस्ताक्षर बनाकर फर्जी कर लिया मनमर्जी, सीएम और सांसद के आदेश को ठेंगा दिखा रहे एसपी और सीएमओएच दर्द से कराहती संगीता को लेकर उसका पति मनोज सिन्हा, अग्रवाल नर्सिंग होम इस उम्मीद से ले गया था, कि उसकी पत्नी को दर्द से निजात और उसे एक नवजात शिशु मिल जाएगा। नर्सिंग होम के डॉक्टर्स ने फर्जी दस्त$खत करके उसकी पत्नी की बच्चेदानी ही निकाल दी। इस दौरान उसकी कोई ऐसी नस काट दी जिससे लगातार रक्तस्राव होता रहा और फिर रामकृष्ण केयर अस्पताल रायपुर लाते-लाते उसकी मौत हो गई। मामले को लेकर महिला के पति ने प्रदेश के मुखिया डॉ. रमन सिंह और सांसद अभिषेक सिंह से भी गुहार लगाई। इनके आदेशों के बाद भी उस रसूखदार नर्सिंग होम संचालक पर नहीं हुई कार्रवाई। आरोप है कि पुलिस अधीक्षक मयंक श्रीवास्तव और जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव नर्सिंग होम संचालक को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में सवाल तो यही उठता है कि क्या सरकार के बाद अब नर्सिंग होम भी उसी रास्ते पर चल पड़े हैं? भिलाई । क्या है पूरा मामला- जय स्तंभ चौक, कलारपार वार्ड 25 राजनांदगांव निवासी मनोज सिन्हा ने बताया कि...