चहेरे में गहरा मेकप होठों पर चटख रंग की लिपिस्टिक लगाये करीने से बालों में जुड़ा बनाए मैचिंग कलर की साड़ी... और खोजती हैं दिहाड़ी....पास से गुजरते ही चेहरे पर कुटिल मुस्कान के साथ सीधा सा सवाल.... रेजा लगबे का बाबू ...इतनी सी अदा इनके चाहने वालों को कर देती है बेकाबू। चौंकिए मत हुज़ूर... न तो ये मजदूर हैं और न ही मजबूर। बताते हैं यहां के जानकार कि ये इसी अंदाज में करती हैं देहव्यापार...! दिहाड़ी मजदूरों के काम पर जाने के बाद,यहां सजती है देह की मंडी रायपुर। राजधानी के व्यस्तम क्षेत्रों में सिटी कोतवाली चौक व कांग्रेस भवन गांधी मैदान के बीच की तिराहे में पिछले 60 वर्षो से मजदूरी करने के लिये आने वाले मजदूरों के इकठ्ठा होने के जगह को चावड़ी के नाम से जाना जाता हैं। इस स्थान पर राजमिस्त्री , कार पेंटर, पेंटर, पलम्बर, इलेक्ट्रीशियन, ठेके पर ढलाई का काम करने वालें मजदूरों सहित महिला व पुरुष मजदूर भी अपनी रोजी रोटी तलाश करने रोज यहां आकर इकठ्ठा होते हैं। वर्ममान में इस चावड़ी में लगभग 1500 मजदूर हैं, लेकिन कुछ वर्षो से यह चावड़ी देह व्यापार का अड्डा बनती जा रही हैं। ...