निकाल कर बच्चेदानी, सुना रहे कहानी







हस्ताक्षर बनाकर फर्जी कर लिया मनमर्जी, सीएम और सांसद के आदेश को ठेंगा दिखा रहे एसपी और सीएमओएच
 दर्द से कराहती संगीता को लेकर उसका पति मनोज सिन्हा, अग्रवाल नर्सिंग होम इस उम्मीद से ले गया था, कि उसकी पत्नी को दर्द से निजात और उसे एक नवजात शिशु मिल जाएगा।  नर्सिंग होम के डॉक्टर्स ने फर्जी दस्त$खत करके उसकी पत्नी की बच्चेदानी ही निकाल दी। इस दौरान उसकी कोई ऐसी नस काट दी जिससे लगातार रक्तस्राव होता रहा और फिर रामकृष्ण केयर अस्पताल रायपुर लाते-लाते उसकी मौत हो गई। मामले को लेकर महिला के पति ने प्रदेश के मुखिया डॉ. रमन सिंह और सांसद अभिषेक सिंह से भी गुहार लगाई। इनके आदेशों के बाद भी उस रसूखदार नर्सिंग होम संचालक पर नहीं हुई कार्रवाई। आरोप है कि पुलिस अधीक्षक मयंक श्रीवास्तव और जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव नर्सिंग होम संचालक को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में सवाल तो यही उठता है कि क्या सरकार के बाद अब नर्सिंग होम भी उसी रास्ते पर चल पड़े हैं?

भिलाई  ।
क्या है पूरा मामला-
जय स्तंभ चौक, कलारपार वार्ड 25 राजनांदगांव निवासी मनोज सिन्हा ने बताया कि वह 29 मार्च 2015 को अपनी पत्नी संगीता सिन्हा को डिलिवरी के लिए राजनांदगांव जिला अस्पताल ले गया। जहां चिकित्सक उपलब्ध नहीं होने के कारण  लोगों ने वहीं के पारख नर्सिंग ले जाने की सलाह दी। जब मनोज सिन्हा अपनी पत्नी को पारख नर्सिंग होम ले गया तो वहां के चिकित्सक ने उन्हें दुर्ग के अग्रवाल नर्सिंग होम के ले जाने की सलाह देते हुए अग्रवाल नर्सिंग होम के संचालक चिकित्सक डॉ. एसके अग्रवाल से चर्चा कर पीडि़त को दुर्ग अग्रवाल नर्सिंग होम भेजवा दिया।
कराहती रही मरीज पर नहीं पसीजा दिल-
जहां पीडि़त मनोज की पत्नी को भर्ती कर लिया गया, लेकिन उपचार के लिए उनकी पत्नी संगीता सिन्हा तड़पती रही, लेकिन  डॉ. अग्रवाल अपने नर्सिंग होम में शाम चार बजे महिला का ऑपरेशन किया।
बिना बताए काट कर निकाल दी बच्चेदानी-
 काफी देर चले ऑपरेशन के बाद डॉक्टर अग्रवाल ने उसे लडका होने तथा पत्नी की बच्चेदानी काटकर निकाल लेने की जानकारी दी। जबकि मनोज सिन्हा एवं उनकी पत्नी को बच्चेदानी निकालने के लिए न ही बताया गया और न ही उसे इस हेतु फार्म में हस्ताक्षर करवाया गया था।
रक्त स्राव से बिगड़ी हालत-
 इसी दौरान मनोज की पत्नी संगीता की स्थिति बिगडऩे लगी तो डॉ. एसके. अग्रवाल ने कहा कि उनकी पत्नी का अधिक रक्त स्राव हो रहा है। उसे रायपुर रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल ले जाना पडेगा।  मैं आपके साथ रायपुर चल रहा हूं ,कहकर उसकी पत्नी को डॉ.एसके. अग्रवाल एवं उनकी पत्नी डॉ. श्यामा अग्रवाल स्वयं एम्बुलेंस के साथ-साथ अपने कार से गईं।
चिकित्सकों ने कर दिया मृत घोषित-
 रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल पहुंचे और वहां चिकित्सकों को दिखाया तो वहां के चिकित्सकों ने संगीता को मृत घोषित कर दिया एवं गलत ऑपरेशन करने तथा कोई नस कट जाने के कारण अधिक रक्त स्राव होने से मौत होना बताया ।
रामकृष्ण के डॉक्टर्स ने दागे सवाल-
 वहां के चिकत्सकों ने डॉ. एसके. अग्रवाल से पूछा कि आपने किस तरह ऑपरेशन किया कि एक मुख्य नस कट गई और अधिक रक्त स्राव के कारण इस प्रसूता की मौत हो गई, इस पर डॉ. अग्रवाल ने कहा कि कोई बात नही अब जो होगा देखा जाएगा।
नर्सिंग होम आकर बनाया कूटरचित दस्तावेज-
  जज्बातों पर काबू पाते हुए मनोज सिन्हा ने हमारी सरकार को बताया कि अपने नर्सिंग होम आकर ऑपरेशन के लिए तथा बच्चेदानी निकालने सहित अन्य कार्य के लिए कूटरचित फर्जी हस्ताक्षर मेरे से मिलता जुलता हस्ताक्षर कर अपने बचाव के लिए पेपर तैयार कर किया। मैं जब अपनी पत्नी के मामले में मोहन नगर थाना अग्रवाल नर्सिंग होम द्वारा मेरी पत्नी के उपचार में लापरवाही व बच्चेदानी निकालने के जानकारी दी, तो पुलिस द्वारा कुछ नहीं किया गया।
सूचना के अधिकार के तहत निकाली जानकारी में हुआ खुलासा-
 कुछ दिनों बाद जब मैं मोहन नगर थाना से सूचना के अधिकार के तहत इस संबंध में नर्सिंग होम के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? तो मुझे डॉ. की पर्चिंयां एवं बच्चेदानी निकालने तथा ऑपरेशन के लिए सहमति पत्र दिया गया। जबकि मेरे द्वारा इसके लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर ही नहीं कराया गया है। मेरे द्वारा कभी भी बच्चेदानी निकालने की सहमति नहीं दी गई है और न ही कोई लिखित कागज ही दिया गया है।
   स्वस्थ थी संगीता: पति
मृतका संगीता के पति मनोज सिन्हा ने बताया कि  डॉ. दम्पत्ति ने अपनी गलती छिपाने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाये हैं, जब मैं उनके नर्सिंग होम अपनी पत्नी को लेकर गया, तो मेरी पत्नी बिल्कुल स्वस्थ्य थी। भर्ती करते समय उसके शरीर में 12.0. खून था,संगीता के शरीर में कोई भी न ही बीमारी थी न ही बच्चेदानी में कोई तकलीफ या बीमारी थी। डॉक्टर अग्रवाल ने अधिक रुपए लेने के चक्कर में मेरे पत्नी का गलत ऑपरेशन कर दिया जिसके कारण मेरी पत्नी का अधिक रक्त स्राव हो गया और मेरी पत्नी की मौत हो गई।
हैंडराइटिंग की करा लें जांच-
 पीडि़त मनोज सिन्हा ने दावा किया है कि डॉक्टर अग्रवाल द्वारा जो मेरे नाम का बच्चेदानी निकालने व अन्य कार्य के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करना बता रहा है। उससे किसी भी हैण्डराईटिंग एक्सपर्ट से जांच करा लें स्थिति साफ हो जायेगी, कि मेरे नाम का इसमें किया गया हस्ताक्षर फर्जी है। इसमें मेरा नाम मनोज सिंह बताया गया है।
बच्चों के सिर से उठा मां का साया-
 पीडि़त मनोज सिन्हा ने बताया कि डॉ. अग्रवाल की लापरवाही के कारण मेरे दो छोटे-छोटे बच्चों के सर से मां का साया उठ गया है, अग्रवाल नर्सिंग होम के संचालक डॉ. अग्रवाल दम्पत्ति के विरुध्द  हत्या एवं लापरवाहीपूर्वक ऑपरेशन करने तथा स्वयं को बचाने फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए 420 का मामला दर्ज करने तथा कठोर दण्ड देने की मांग पुन: मुख्यमंत्री एवं पुलिस अधीक्षक दुर्ग मयंक श्रीवास्तव से की है।   
मुख्यमंत्री और सांसद के आदेश को दिखाया ठेंगा-
इस मामले में लापरवाही का आलम ये है कि मामले को लेकर मनोज सिन्हा ने मुख्यमंत्री और सांसद अभिषेक के दरवाजे खटखटाए। दोनों ही जगहों से मामले पर कार्रवाई करने  का आदेश जारी हुआ मगर आरोप है कि पुलिस अधीक्षक मयंक श्रीवास्तव और सीएमओएच डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव नर्सिंग होम संचालक को बचाने में लगे हैं।
 क्या कहते हैं जिम्मेदार-
अगर एफआईआर दर्ज हुई होगी तो उस पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। आरोपी कितना भी रसूखदार हो बख़्शा नहीं जाएगा।
मयंक श्रीवास्तव
पुलिस अधीक्षक
भिलाई
मुझे मामले की जानकारी नहीं है, मैं इसका पता लगवाता हूं।
डॉक्टर प्रशांत श्रीवास्तव
सीएमओएच
भिलाई                                   










                     

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