कटाक्ष


पानीदार कलेक्टर
रायपुर के विद्वान कलेक्टर ठाकुर राम सिंह ने जिले के जल स्रोतों पर धारा 144 लगा दी। महाराष्ट्र के बाद संभवत: रायपुर दूसरा जिला और छत्तीसगढ़ दूसरा राज्य है जिसमें ऐसा आदेश जारी किया गया। इसके पीछे कारण ये है कि हमारे कलेक्टर साहब खुद को पानीदार समझते हैं। अब पानीदार कलेक्टर तभी होंगे जब जिले में पानी रहेगा। लगे हाथ उन्होंने ये भी घोषणा कर दी की खारुन का पानी अब पीने के उपयोग में लाया जाएगा। 6 इंच के बोर वेल पर रोक लगा दी गई है। अब इतने बड़े अधिकारी से भला कौन पूंछे की साहब कभी सिलतरा और उरला गए हैं क्या? कारखानों में इन्हीं बोर्स के जरिए पाताल के पानी की चोरी की जा रही है। आप में हिम्मत है तो सीनाजोरी करके बंद करवा दीजिए। वैसे भी जब राजधानी में थोक में बोर खोदे जा रहे थे तब साहब ने क्यों संज्ञान नहीं लिया समझ से परे है।
नदी के किनारे चलने वाले ईंट के भट्टों में चुपचाप जाने वाला पानी कौन रोकेगा? राजधानी के तमाम नालों में बहने वाला गंदा पानी जो खारुन में जाकर गिरता है उसको कौन रोकेगा? इसमें शहर की पूरी गंदगी के अलावा तबेले की भैंसों के गोबर और गंदगी बह कर आती है? कुछ दिनों पहले इसी पानी में डूबकर  कई भैंसें मरी और इसी खारुन में उनकी लाशें तक सड़ गई थी। उस समय भी कलेक्टर साहब का मोह नहीं जागा।  खैर देर आयद-दुरुस्त आयद। जब जागें तभी सबेरा। अब हम तो बाबा रहीम दास का वही दोहा रट रहे हैं कि- रहिमन पानी राखिए बिनु पानी सब सून, पानी गए न ऊबरैं मोती मानुष चून।
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मुखिया तक पहुंचने का मार्ग बताते सुखिया
कहा जाता है कि रामचरित मानस के रचयिता तुलसी दास को एक शैतान ने भगवान के दर्शन का मार्ग बताया था। और छत्तीसगढ़ में भगवान का ननिहाल भी है। ऐसे में उस शैतान के कुछ गुण कुछ लोगों में आ गए हैं। जो छत्तीसगढ़ के मुखिया तक पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त करने का दावा करते हैं। अब हमारी ये औ$कात तो नहीं है कि हम उनको उस शैतान से जोडं़े मगर उद्धरण तो देने ही पड़ते हैं। वैसे भी साहब में उस शैतान के कुछ गुणधर्म दिखाई देने का दावा तमाम लोग करते हैं। लिहाजा आंख बंद कर उनको सर्वगुण सम्पन्न लिखना भी ठीक नहीं होगा। वैसे ये असल सच्चाई है कि तुलसी दास तो नहीं मगर राजधानी के तमाम कबीर टाइप के कलमकारों और पार्ट टाइम पत्रकारों के माई बाप है सर। राज्य सरकार के एक बड़े विभाग की जान और खु़द को हनुमान समझते हैं। उनका ये मानना है कि बिना उनके हुक्म के कोई भी राम को भले प्यारा हो जाए, रमन को प्यारा नहीं हो सकता। तो हमारे खबरी लाल के अय्यारों ने सूचना दी है कि सब कोरी बकवास है। दरअसल अपनी-अपनी उड़ान है यारों की तर्ज़ पर लोग मुखिया के पास तक पहुंच रहे हैं और साहब के दावे अब दवाई मांगते जल्द ही नज़र आएंगे।

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