कांग्रेस का तेल निकाल रहे बघेल




ठाट से रिश्तेदारों के नाम कराए आधे दर्जन प्लॉट
 सत्य, निष्ठा और सदाचार की दुहाई देकर कांग्रेस का तेल खुद प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ही निकाल रहे हैं। इन्होंने अपने सियासी रसूख का इस्तेमाल और सांठगांठ करके मानसरोवार आवासीय बंगले में अपने रिश्तेदारों के नाम पर खरीद कर 6 प्लॉट, खड़ी कर दिए कांग्रेस की खाट। प्रेस कान्फे्रंस में अजीत जोगी के राजनीतिक सचिव अशोक शर्मा ने खुलासा करके लगा दी उनकी वॉट।  श्री शर्मा ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को चुनौती दी कि अगर उनमें नैतिकता नाम की भी कोई चीज बची हो तो वे तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे दें, और जांच में सहयोग करें। ऐसे में सवाल तो यही है कि क्या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी राबर्ट वाड्रा के रास्ते पर चल निकले हैं?

रायपुर।
क्या है पूरा मामला-
श्री शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश अध्यक्ष जिस बंगले में निवासरत हैं, राजनैतिक सांठ-गांठ कर अपने परिजनों के नाम पर मानसरोवर आवासीय बंगले में प्लाट, जो कि 6&12 मीटर, 6&9 मीटर के लिए 94/- रुपए प्रति वर्गमीटर निर्धारित थी। व्यनयम 1975 के नियम 17 में प्रावधान है कि किसी भी माले में दो से अधिक भूखंड एक ही या उसी व्यक्ति को नीलाम या अन्यथा नहीं बेचे जायेंगे। छोटे भूखण्ड, जो कि गरीबों द्वारा क्रय किये जाते हैं, प्रदेश अध्यक्ष ने अपने परिवार के नाम पर सांठगांठ कर तथा संचालक से अनुमोदन कराकर 6 प्लाटों का आवंटन अपने रिश्तेदारों के नाम करवाया।
क्या कहता है नियम-
जबकि नियमत: अभिन्यास स्वीकृत होने के पश्चात शासन की स्वीकृति के बिना किसी भी प्रकार का अभिन्यास में संशोधन का प्रावधान नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष यह बताएं कि यह सांठ-गांठ किससे की गई और अभिन्यास संशोधन का पालन न करते हुए गरीबों के हक को कैसे हड़पा गया?
किस दिशा में जा रहा प्रदेश कांग्रेस संगठन-
श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष संगठन को किस दिशा में ले जा रहे हैं? जबकि शुचिता के विपरीत गरीबों के लिए आवंटित भूखंड परिजनों के नाम पर सांठगांठ करके करवा लिया है।
भाजपा पर भी किया सांकेतिक हमला-
श्री शर्मा ने कहा कि पूरा वेतन देने की बात करने वाले क्या गरीबों के हक मारकर बनाये गये बंगले के भूखण्ड उनके वास्तविक हकदारों को देने की सलाह प्रदेश अध्यक्ष को देंगे?
गोंड को क्यों नहीं बनाया प्रत्याशी-
श्री शर्मा ने कहा कि अंतागढ़ चुनाव के समय भी प्रत्याशी चयन को लेकर भी राजनैतिक दृष्टि से सांठगांठ से इन्कार नहीं किया जा सकता। उपरोक्त क्षेत्र में गोंड मतदाताओं का प्रतिशत अत्याधिक होने के पश्चात् भी  हल्बा जाति के उम्मीदवार को क्यों प्रत्याशी बनाया गया। इसका लाभ मतदाता के प्रतिशत के हिसाब से किसको होता? बाहुल्य प्रतिशत अधिक होने पर भी राजनैतिक दृष्टि से जाति समीकरण को किसे लाभ पहुंचाने के लिए प्रत्याशी बनाया गया?
खुद पर भी कार्रवाई करने की चुनौती-
 श्री शर्मा ने कहा कि यदि आरोप गलत हैं तो वे मेरे विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करें, अन्यथा प्रदेश अध्यक्ष स्वत: इस्तीफा दें ताकि दोहरा चरित्र सामने आ सके।
वाड्रा के रास्ते पर बघेल-
ऐसे में सवाल तो यही उठता है कि क्या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी अब राबर्ट वाड्रा के रास्ते पर चल निकले हैं? यदि ऐसा नहीं है तो उन्हें तत्काल इस मामले पर बयान देना चाहिए।
वर्जन-
जो भी हुआ है वो नियमों के अनुकूल हुआ है। इसमें गैर कानूनी कुछ भी नहीं है। इसकी कई बार जांच हो चुकी है। फिर भी अगर कोई चाहता है तो वो जांच करवा सकता है।
भूपेश बघेल
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

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