सीएम के बेटों की सियासी जागीर






 प्रदेश के दो मुख्यमंत्री दोनों का एक जैसा परिवार, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और वर्तमान मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह। अजीत जोगी का कार्यकाल सिर्फ ढाई साल तो रमन सिंह अभी भी जमें हैं कुर्सी पर।  दोनों के इकलौते बेटे दोनों के नाम का शुरुआती अक्षर भी अ से। यानि अमित जोगी और अभिषेक सिंह, एक मरवाही के विधाक तो दूसरा राजनांदगांव से सांसद। विधायक अपने बढ़े हुए वेतन को दो किसानों को करता है दान। तो पनामा पेपर लीक्स में होता है सांसद अभिषेक सिंह का गुणगान। अब ज्यादा क्या लिखें इस युवा विधायक से  राज्य के सांसद और मंत्री कुछ तो सीखें।


लायक विधायक बनाम रसूखदार सांसद


रायपुर।


मरवाही विधायक अमित जोगी-
प्रदेश के किसानों की आत्महत्या और सूखे के हालात से चिंतित होकर बढ़ा वेतन लेने से सीधे इंकार किया। इसके बाद अपने दो महीने के बढ़े वेतन को सांसद अभिषेक सिंह के ही जिले में जाकर दो किसानों की विधवाओं को दान किया। राजनांदगांव जिले के डोगरगांव ब्लॉक के ग्राम संबलपुर पहुँचकर आत्महत्या करने वाले दो किसानों के परिजनों से मिलकर उन्हें अपना अप्रैल माह का बढे हुए वेतन का आधा-आधा हिस्सा  सौंपा।
जूदेव टेप मामले से बरी होने के बाद पहुंचे थे देवी के दर्शनार्थ-
जूदेव टेप मामले में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा निर्दोष करार दिए जाने एवं सम्मानजनक न्याय मिलने के उपरांत डोंगरगढ़ स्थिति माँ बम्लेश्वरी देवी के दर्शन लाभ लेने पहुँचे अमित जोगी, देवी दर्शन करने के बाद समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं के साथ डोंगरगढ़ विश्राम गृह में अनौपचारिक चर्चा की।
किसको दान किया बढ़ा वेतन-
यहां से वे सीधे ग्राम संबलपुर पहुंचे जहाँ उन्होंने स्वर्गीय कृषक हिम्मतराम साहू की धर्मपत्नी कुंती बाई साहू एवं स्वर्गीय कृषक रामखिलावन साहू की धर्मपत्नी रामेश्वरी साहू से भेंट कर उन्हें अपने बढे हुए वेतन की राशि सौंपने के साथ एक पत्र भी सौंपा । पत्र में अमित जोगी ने लिखा है कि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते, अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करते हुए, मैं आपको मेरा इस माह का बढ़ा हुआ वेतन सौंप रहा हूँ। कृपया आप मेरे इस योगदान को स्वीकार करें एवं मुझे आशीर्वाद दें ताकि मैं कत्र्तव्य पथ पर चलकर, निरंतर छत्तीसगढ़ एवं छत्तीसगढ़ के लोगों के हितों की रक्षा कर सकूं।
प्रदेश के सूखते जल स्रोतों की चिंता-
ूमरवाही विधायक अमित जोगी को प्रदेश के किसानों और ग्रामीणों की प्यास कैसे बुझेगी इसकी भी विशेष चिंता है। ऐसे में उनकी कोशिश है कि राज्य कि किसानों और ग्रामीणों के लिए पेयजल की व्यवस्था करने के लिए वे दौरा करेंगे।

राजनांदगांव के सांसद अभिषेक सिंह-
हमेशा अधिकारियों तथा  ठेकेदारों और रसूखदारों की भीड़ से घिरे रहने के आदी, महंगी गाडिय़ों में चलते हैं। पानामा पेपर लीक्स में इनका भी नाम आया है। कांग्रेस के कद्दावर नेता जयराम रमेश ने इसका खुलासा किया था। आरोप है कि इन्होंने मोटा पैसा विदेशी बैंकों में दबा कर रखा है। सांसद के जिले में ही एक-एक कर कई किसान आत्महत्याएं कर चुके हैं मगर सत्ता के गु़रूर में चूर युवा सांसद आज तक कुछ नहीं बोले। सांसदों को मिलने वाले वेतन से एकन्नी भी निकाल कर देने की बात तक नहीं की।  अलबत्ता उनके पिता और प्रदेश के मुखिया ने जरूर इस बात को लेकर किसानों से अपील जरूर की।
दामाद के दामन पर भी दा$ग-
प्रदेश के मुखिया के इकलौते दामाद के दामन पर भी लेन-देन के दा$ग लग चुके हैं। पिछले दिनों अंतागढ़ सीडी कांड में उनकी संलिप्तता को लेकर भी तमाम सवाल उठते रहे। जानकारों का तो ये भी मानना है कि अगर डॉ. पुनीत गुप्ता की जांच एसीबी करे तो  काफी कुछ सामने आ सकता है। हालांकि इस मामले में आज तक जांच के नाम पर कुछ भी नहीं किया गया। वैसे आगे इस पर कुछ भी होने के आसार भी दूर-दूर तक नज़र नहीं आते।
हर छत्तीसगढिय़ा के खाते में 15 लाख: अमित
मरवाही विधायक का दावा है कि मोदी जी छत्तीसगढ़ के मंत्रियों और मुख्यमंत्री के घर छापा मारें तो छत्तीसगढ़ के हर एक व्यक्ति के बैंक खाते में पंद्रह लाख जमा हो सकते हैं । अभिषेक सिंह पर लगे आरोप बेहद संगीन हैं। सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में समयबद्ध जांच हो।

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