जली दवाई और कार्रवाई हवाहवाई
21 मार्च को रजबंधा मैदान स्थित मेडिकल काम्प्लेक्स के दुकानदारों ने कालातीत दवाइयां जलाईं, तो भयानक दमघोंटू दुर्गंध के चलते इलाके में सनसनी फैल गई। इसकी खबर के प्रकाशन के बाद भी प्रशासन ने आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। यानि मामले को लेकर कार्रवाई हवाहवाई ही रही। इसका दूसरा पहलू ये भी है कि पर्यावरण विभाग भी चुपचाप सोया रह गया। ऐसे में सवाल तो यही उठते हैं कि क्या हम इसी व्यवस्था में खुद को सुरक्षित होने का दावा करते हैं? आखिर कब टूटेगी इन अधिकारियों की तंद्रा? क्या इनको भी किसी भयावह दुर्घटना का इंतजार है?
पखवाड़े भर बाद भी नही जागा प्रशासन, अब भी पड़ी हुई हैं अधजली दवाईयां
रायपुर।
क्या है पूरा मामला-
इधर, इस बाबत कार्रवाई के लिए जिम्मेदार पर्यावरण संरक्षण मंडल के अफसरों ने अब जाकर जांच की बात कही है।
होली के दो दिन पहले, 21 मार्च की शाम को रजबंधा मैदान स्थित मेडिकल काम्पलेक्स के कई दवा व्यापारियों ने बड़ी तादात में कालातीत दवाईयों को काम्पलेक्स के पीछे ले जाकर जला दिया था। प्रत्यक्षदर्शियों ने 'हमारी सरकारÓ को बताया था कि दवाईयों के जलने से, आसपास का पूरा इलाका जहरीले धूएं से भर गया था। इस संबंध में खबर प्रकाशन के साथ ही हमने असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर हीरेंद्र पटेल को फोन पर जानकारी भी दी। उन्होंने फौरन ही वहां स्टॉफ भेजने की बात की। आज उस घटना को एक पखवाड़ा बीतने जा रहा है, पर अभी तक ड्रग विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंच पाई है। और न ही दवा व्यापारियों से पूछताछ की जहमत उठाई गई है। जानकारों का कहना है कि दवाईयों को जलाने से कई खतरनाक गैसे निकलती हैं। इसीलिए, कालातीत दवाईयों को शहर के बाहर ले जाकर निष्पादित करने के पूरे नियम बने हुए हैं। बावजूद, शहर में तमाम मिनिस्ट्री की नाक के नीचे, दवा व्यापारी बैखौफ होकर ये काम कर रहे हैं। इधर, जानकारी के बावजूद जिम्मेदार विभाग के अफसर आंख मूंदकर बैठे हैं। जलाई गई दवा अब भी मौके पर ही पड़ी हुई हैं।
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वर्जन
मैं अभी अपने स्टॉफ को मौके पर भेजता हूं।
हीरेंद्र पटेल, असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर
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वर्जन
हमारा विभाग केवल दवा दुकानों में एक्सपायरी दवाईयों को बिकने से रोकने का काम करता है। फिर भी व्यापारियों के द्वारा खुले में दवाईयां जलाई जा रही हैं, तो उसकी जानकारी लेकर संबंधित विभाग को खबर की जाएगी।
पीवी नरसिंम्हा राव, नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग
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वर्जन
मेरी जानकारी में ये मामला नहीं है। अभी मौके के लिए टीम भेजता हूं।
राजेश तिवारी, चीफ इंजीनियर, पर्यावरण संरक्षण मंडल
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