60 किसानों ने दी जान, सरकार ने खरीदा 59 लाख टन धान



अब धान पर सियासी घमासान
 प्रदेश की 802 पंचायतों के सूखाग्रस्त होने और 2 लाख किसानों के धान नहीं बेचा। तीन महीने में 60 से ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके हैं। इतने के बावजूद भी सरकारी आंकड़े 84 फीसदी धान खरीदी  का दावा करते हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 59 लाख मीट्रिक टन धान इन 11 ाख किसानों ने बेचा है। ऐसे में सीधा सा सवाल उठता है कि आखिर इन परिस्थितियों में रिकार्ड खरीदारी कैसे हुई? इस मामले को लेकर विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि आखिर सूखाग्रस्त राज्य में इतनी धान खरीदी कैसे हुई? उन्होंने इसको राज्य सरकार के प्रबंधन की कमी माना है।


सरकार खरीद रही माफियाओं का धान, खरीदी केंद्रों पर सताए जा रहे छोटे किसान : अमित


दो लाख से ज्यादा किसानों ने नहीं बेचा धान

रायपुर। माना जा रहा है कि इन किसानों ने उत्पादन की कमी के कारण धान नहीं बेचने का फैसला किया होगा।

राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य पर इस साल 70 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य तय किया था। अपना धान बेचने के लिए 13 लाख से अधिक किसानों ने सहकारी समितियों में अपना पंजीयन कराया था। इनमें से 11 लाख से अधिक किसान धान बेचने पहुंचे बाकी ने उपार्जन केंद्रों तक नहीं पहुंचे। 11 लाख से अधिक किसानों ने केवल 59 लाख मीट्रिक टन धान बेचा।

प्रदेश में धान खरीदी का अभियान 16 नवम्बर से 31 जनवरी तक चला। इस वर्ष मोटे धान (कामन) का समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 1410 रुपए और पतले धान (ग्रेड-ए) का समर्थन मूल्य 1450 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित है। धान खरीदी के लिए एक हजार 976 खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं। छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) मुख्यालय रायपुर के अधिकारियों के मुताबिक जांजगीर-चाम्पा जिले में छह लाख 36 हजार 777 मीट्रिक टन धान की आवक के साथ पहले नंबर पर बना हुआ है। महासमुंद जिले में पांच लाख 79 हजार 929 मीट्रिक टन की आवक के साथ दूसरा नंबर पर, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में पांच लाख 56 हजार 560 मीट्रिक टन और रायपुर जिले में चार लाख 47 हजार मीट्रिक टन धान की आवक दर्ज की गई है।

दंतेवाड़ा और नारायणपुर में सबसे कम आवक

दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) जिले में इस साल सबसे कम आवक दर्ज की गई है। यहां केवल एक हजार 959 मीट्रिक टन धान की आवक हुई है। नारायणपुर जिले में पांच हजार 726 मीट्रिक टन की आवक दर्ज की गई है। बीजापुर जिले में 15 हजार 810 मीट्रिक टन, सुकमा जिले में 15 हजार 571 मीट्रिक टन, बस्तर जिले में 41 हजार 665 मीट्रिक टन, कोरिया जिले में 21 हजार 169 मीट्रिक टन, कोण्डागांव जिले में 35 हजार 075 मीट्रिक टन, जशपुर जिले में 62 हजार 487 मीट्रिक टन, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में 76 हजार 069 मीट्रिक टन और सूरजपुर जिले में एक लाख 1 हजार 73 मीट्रिक टन की आवक दर्ज की गई है।

सूखा प्रभावित किसानों की सूची में नाम-
प्रशासन की आरबीसी में जिनका नाम दर्ज है ऐसे किसानों ने भी धान बेचा है। इसका खुलासा उस वक्त हुआ जब सूखे का मुआवजा देने की बात सामने आई। पर्ची की पड़ताल में पता चला कि कोचिओं ने इनको भी नहीं बख्शा है। सूखाग्रस्त क्षेत्र के ऐसे तमाम किसानों को प्रशासन ने आरबीसी से बेदखल करने का आदेश दिया है,जिनकी पर्चियों में धान बेचे जाने का उल्लेख मिला है।
कहां कितने किसान आरबीसी से बेद$खल-
राजस्व निरीक्षक मंडल ने राजनांदगांव ब्लॉक में 350 और भानपुरी में 5सौ से ज्यादा किसानों को आरबीसी से बेद$खल किया गया है। इसके अलावा चि$खली में भी 45 किसानों को अपात्र घोषित किया है।


दर्ज रकबे में धान की फसल लगी थी या नहीं: सिंहदेव

 विधानसभा में नेताप्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने आगे कहा कि जिस ऋण पुस्तिका में दर्ज रकबे के आधार पर सरकार धान खरीदी कर रही है। उस रकबे में धान की फसल लगी भी थी या नहीं। इसका कोई रिकार्ड सरकार के कृषि विभाग के पास नहीं है। कुल मिलाकर धान खरीदी के माध्यम से सरकारी पैसों का मनमाने ढंग से दुरुपयोग किया जा रहा है।

सरकार खरीद रही माफियाओं का धान: अमित
मरवाही विधायक अमित जोगी ने कहा कि सरकार कुछ धान माफिया किसानों के ही धान को खरीद रही है। तो वहीं छोटे किसानों के धान को अमानक बताकर जब्त कर रही है। इस पूरी घटना का दु:खद पहलू ये है कि उन किसानों को न तो धान के अमानक होने का प्रमाण पत्र दिया जा रहा है, ओर न हीं धान जब्ती की कोई रसीद। साजिशन प्रदेश के छोटे किसानों के धान को अमानक बताया जा रहा है। इससे प्रदेश सरकार का किसान और मजदूर विरोधी चेहरा उजागर हो रहा है। इस पूरे प्रकरण की जांच होनी चाहिए। वैसे भी वर्ष 2010 में कैग ने प्रदेश की धान खरीदी में व्यापक अनियमितताओं को पकड़ा था। इनकी इन्हीं गलत नीतियों के कारण अब तक प्रदेश में 60 से ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके हैं। प्रशासन किसानों की मौत पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

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