आदिवासियों को हाथियों के हमले से बचाएंगी मधुमक्खियां






आर. पी. सिंह- एक्सक्लूसिव
 जंगली हाथियों के हमले से आदिवासियों को मधुमक्खियां बचा सकती हैं। कृषि विभाग अगर उत्पाती हाथियों के हमले वाले इलाकों के किसानों और दूसरे लोगों को हनीबी के बॉक्स दे दे, तो इससे वहां के लोगों को न सिर्फ रोजगार मिलेगा बल्कि हाथियों का दल भी यहां आने से बचता नजर आएगा।

रायपुर। उत्पाती जंगली हाथियों से राज्य के आदिवासियों को बचाने की कोशिश में लगी सरकार के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती हैं सारंग की मधुमक्खियां। ऐसा माना जाता है कि जहां इन मधुमक्खियों के छत्ते होते हैं वहां हाथियों का दल नहीं आता। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कीट-पतंग विभाग के प्रोफेसर डॉ. वीके कोस्टा ने इस संदर्भ में बताया कि सारंग जिसका वैज्ञानिक नाम एपिस डोरसेटा है। ये इतनी खतरनाक होती है कि अगर एक बार गलती से भी अगर हाथी ने उसके छत्ते को छू लिया तो फिर उसे भागने का मौका नहीं मिलेगा।
हाथियों के हमले से बचाव और रोजगार भी
छत्तीसगढ़ सरकार का कृषि विभाग अगर रायगढ़, घरघोड़ा, रबा के कटघोरा और सरगुजा और कोरबा के  वनांचलोंं के आदिवासियों को अगर मधुमक्खियों के बॉक्स वितरित कर दें। तो इससे एक ओर जहां राज्य में शहद का उत्पादन बढ़ेगा वहीं हाथियों के हमले से आदिवासियों का घर परिवार भी सुरक्षित रहेगा।
हाथियों की खतरे भांपने की क्षमता होती है ज्यादा-
जानकारों का मानना है कि जंगली हाथियों की सुनने और खतरों को भांपने की क्षमता अन्य जीवों से कहीं ज्यादा होती है। ऐसे में उनको अगर पता चल जाए कि फलां इलाके में हमें खतरा है तो फिर उनका दल तत्काल वो रास्ता बदल देता है।
बच जाएंगी किसानों की फसलें और घर-
अक्सर ये देखा जाता है कि जंगली हाथी ग्रामांचलों का रुख उसी समय करते हैं जब यहां धान की कटाई होकर मिंजाई का समय होता है। ऐसे में उनको सुगंधित धान या फिर गांवों में बनने वाली महुए की शराब बस्तियों की ओर खींच लाती है। हाथियों का ये भी स्वभाव होता है कि वे खाना खाते वक्त किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करते। ऐसे में अगर कोई उनके काम में बाधा डालने की कोशिश करता है तो फिर उनका आक्रोश बढ़ जाता है।
बॉक्स-
राज्य को सौ प्रशिक्षित हाथी दे रही कर्नाटक सरकार
उन्मादी और उत्पाती हाथियों को जंगल में ही रोकने के लिए वन विभाग ने एक नई योजना बनाई है।  उन्मादी हाथी और उत्पाती हाथियों से बचाने के लिए कर्नाटक सरकार छत्तीसगढ़ सरकार को 100 प्रशिक्षित हाथी मुफ्त में देगा।
इन 100 प्रशिक्षित हाथियों की मदद से जंगली हाथियों को जंगलों में खदेडऩे और जंगलों में रोक कर रखने में मदद मिलेगी। ताकि जंगली हाथी गांवों तक न घुसे और हाथियों के हमले कम हो।
इसके लिए 4 अलग अलग स्थानों में रायगढ़ के घरघोड़ा, रबा के कटघोरा, सरगुजा सहित 4 स्थानों को सेंटर बनाया जाएगा। जहां प्रशिक्षित हाथियों को रखा जाएगा।
जिले में एक तरफ गजपरियोजना चल रहा है। वहीं, दुसरी ओर रेलकॉरीडोर बन रहा है ऐसे में घरघोड़ा छाल, धरमजयगढ और तमनार में हाथियों की मौजदूगी से ट्रेन की दुर्घटनाओं से इंकार भी नहीं किया जा सकता। अब इन हाथियों को रोकने विभाग और सरकार संजीदा होने की बात कह रही है।


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