राजनांदगांव के फॉयर फाइटर्स का फ्लॉप शो





 कुछ साल पहले टीवी पर आने वाले फ्लॉप शो की तर्ज पर ही राजनांदगांव का फॉयर स्टेशन काम कर रहा है। यहां के फॉयरमैन्स की जिंदगी उनके बच्चों के भाग्य भरोसे चल रही है। इनके पास न वर्दी, न गम बूट और न ही हेलमेट। धक्कामार एक अदद गाड़ी तथा सैकड़ों छेद वाली पाइप, महापौर के दावों की पोल खोलने के लिए काफी हैं। उस पर भी तुर्रा ये है कि इसी वाहन का उपयोग निगम बतौर टैंकर वार्डों में पानी की आपूर्ति के लिए भी कर रहा है। ऐसे में महापौर मधुसूदन यादव की योजनाओं की दाद देनी होगी। जो इन फॉयर मैंस की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे में सवाल तो यही है कि क्या यही एक फॉयर फाइटर पूरे शहर की आग बुझा पाएगा
?
फॉयर फाइटर वाहन को निगम ने बनाया टैंकर, वार्डों में करवा रहे जल आपूर्ति
राजनांदगांव। फूटी पाइप से झरता पानी, बिना वर्दी और गम बूट के फायर मैन और धक्का मार गाड़ी के भरोसे है यहां के 3 लाख लोग। शहर में अगर एक बार कहीं दो स्थानों पर आग लग जाए तो फिर पहले कहां की आग बुझाएंगे ? 6 किलोमीटर चारों ओर के दायरे यानि लगभग 24 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैले शहर की पूरी जिम्मेदारी इसी एक फॉयर फाइटर पर है।
क्या है गाडिय़ों की उपलब्धता-
जानकार लोगों ने बताया कि नगर निगम के फॉयर स्टेशन में कुल 4 फॉयर फाइटर वाहन बताए जाते हैं। इनमें से 2 काफी दिनों से खराब चल रहे हैं। दोनों वाहनों को मिलाकर कुल 16 लोगों का स्टॉफ हैं। दो वाहन चालू हालत में हैं ।
वार्डों में करवाते हैं जल आपूर्ति-
निगम के अधिकारियों की नक्कारापंथी का नमूना ये है कि ये लोग एक फॉयर फाइटर वाहन का उपयोग बतौर टैंकर करते हैं। इसके माध्यम से नगर के तमाम वार्डों में पानी की आपूर्ति की जाती है। ऐसे में सवाल तो यही है कि फिर टैंकरों का क्या करते हैं ये निगम वाले?
बाहरी फॉयर फाइटर्स के भरोसे है पूरा शहर-
अभी -अभी हाल ही में दो आग लगने की घटनाओं में निगम के इन बेकार फॉयर फाइटर्स की नाकामी देखने को मिली। जब एक छप्पर में लगी आग तक इनकी पाइप ही नहीं पहुंच पाई तो दूसरे बॉस टाल में आग के मामले में भी ये पूरी तरह फ्लॉप हुए।
भगवान भरोसे फॉयर मैन-
राजनांदगांव के निगम का फॉयर मैन भगवान भरोसे है। उसके पास न तो आग में उतरने के लिए गम बूट न हेलमेट और न ही कोई दूसरा साजोसामान है। ऐसे में सवाल तो यही उठता है कि क्या नगर निगम इन लोगों की जिंदगी के साथ भद्दा मजाक करने में लगा हुआ है?
महापौर होंगे जिम्मेदार
 महापौर मधुसूदन यादव अपनी सफलता के चाहे जितने भी ढोल पीट लें मगर वे कभी भी इस सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ सकते, कि निगम में चल रही उनकी सरकार के लोग फॉयर मैनों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। भगवान न करे किसी भी दिन अगर कोई बड़ी दुर्घटना होती है तो इसके पूरे जिम्मेदार यही महापौर होंगे।
झीनी पाइप से झरता है पानी-
इस फॉयर फाइटर वाहन की पाइप में  इतने सारे छेद हैं कि इसका अधिकांश पानी तो बाहर ही रह जाता है। प्रेशर बनने की दशा में ये पानी और तेजी से बाहर निकल कर फैलता है। इसकी वजह से पानी का नुकसान होता है। इसके साथ ही साथ पानी का वेग भी कमजोर होता है।  ऐसे में सवाल तो यही कि जब एक-एक बूंद पानी आग पर पडऩा जरूरी होता है तो फिर इस वाहन का ज्यादातर पानी तो यूं ही जाया हो जाया करता है। अब ऐसा फॉयर फाइटर नगर निगम के लोगों का कितना भला कर पाएगा इसको तो वहां की भुक्तभोगी जनता ही कायदे से बता पाएगी।
वर्जन-
फॉयर मैंस के पास सामानों की कमी है मैं इसको स्वीकार करता हूं। आसपास के जिलों से आपसी लेन-देन के हिसाब से यहां की फॉयर फाइटिंग व्यवस्था का संचालन किया जा रहा है। सूचना पर त्वरित कार्रवाई की जाती है। अभी एक वाहन ही प्रयोग में लाया जा रहा है दूसरे को सेवा से मुक्त कर दिया गया है। कुछ छोटे वाहनों की भी सेवाएं हम लेते हैं।
मधुसूदन यादव
महापौर
राजनांदगांव
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