सियासती सांसत में उद्योगपति घराने


हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वो $कत्ल तो करते हैं पर चर्चा नहीं होती।


देश के उद्योगपतियों को एक-एक कर जेल में ठेल दिया जा रहा है। वजह बताई जा रही है कि उन पर बैंकों का कर्ज बकाया था और वे भर पाने में असमर्थ थे। तो वहीं इसके पीछे का सारा गणित ये है कि जिन उद्योगपतियों ने सरकार को चुनावी सहयोग नहीं किया था। उन्हीं को किनारे लगाया जा रहा है। इनमें सुब्रत रॉय सहारा और किंगफिशर के विजय माल्या प्रमुख रूप से शामिल हैं। मजेदार बात तो ये है कि इन से भी बड़े तमाम बकाएदार  आराम से अपना कारोबार कर रहे हैं मगर सरकार उनको कुछ बोलने को तैयार नहीं है। ये हर कोई जानता है कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी ने जिस जेट प्लेन का उपयोग चुनावों के तूफानी दौरे के दौरान किया था। वो अदानी ग्रुप का बताया जाता है। इस ग्रुप पर 44 हजार 840 करोड़ रुपए का कर्ज है। इसके अलावा लैंको ग्रुप पर भी 39 हजार करोड़ से ज्यादा का बकाया है। तो वहीं जीके पॉवर और सुजलॉन पर भी काफी मोटी रकम बकाया बताई जाती है। इन पर कार्रवाई नहीं की गई।  तो मजबूरन भारतीय रिजर्व बैंक ने ऐसे डिफाल्टरों की सूची सुप्रीम कोर्ट को दिया।
एक ओर तो देश के प्रधानमंत्री मेक इन इंडिया की बात करते हैं। तो वहीं दूसरी ओर उनकी सरकार बड़े बकाएदारों पर मेहरबान और छोटों को परेशान करती दिखाई देती है। ऐसे में सवाल तो यही उठता है कि कहीं साजिशन तो इन उद्योगपतियों को हाशिए पर नहीं डाला जा रहा है?
अगर सरकार वास्तव में बकाएदारों पर नकेल कसना चाहती है तो फिर तो उसको पहले बड़े बकाएदारों पर शिकंजा कसना चाहिए था। जब कि ह$कीकत में ऐसा नहीं किया गया। ऐसे में सरकार की मंशा पर भी सवाल उठ रहे हैं।  सरकार अगर वास्तव में उद्योगों और उद्योगपतियों को लेकर गंभीर है तो फिर उसको पहले बड़े बकाएदारों पर शिकंजा कसना होगा।  इससे उद्योगपतियों का सरकार और कानून पर विश्वास दृढ होगा। बैंकों को भी चाहिए कि वे भी अपने नियम कायदे को सख्ती से लागू करें ताकि देश में ऐसी स्थितियां पैदा ही न हों। बैंकों के अधिकारी जितनी सख्ती गरीब किसानों पर बरतते हैं उसकी आधी सख्ती भी अगर उद्योगपतियों पर बरतते तो आज ये नौबत ही नहीं आती। ऐसे में सरकार और बैंक दोनों को इस बात को लेकर गंभीर होना पड़ेगा । इससे उद्योगपतियों की आस्था देश के कानून और व्यवस्था में मजबूत होगी और देश की अर्थ व्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

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