खेल का जोश

वेद में जिनका हवाला हाशिए पर भी नहीं,वे अभागे आस्था विश्वास लेकर क्या करें।


आज की शाम आईपीएल के नाम होने जा रही है। नई राजधानी के शहीद वीरनारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में सनराइजर्स और डेयरडेविल्स के बीच कड़ा मुकाबला होने जा रहा है। भीषण गर्मी में कई खिलाडि़कों को तो डीहाइड्रेशन भी हो गया। आए थे ताल ठोकते और अस्पताल की शरण लेनी पड़ी। राजधानी के तमाम होटल्स में नो रूम है। सरकारी दफ्तारों में अघोषित अवकाश जैसे हालात हैं। वहीं भारी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया है। सुरक्षा भी ऐसी की परिंदा भी पर न मार सके। राज्य के तमाम आला अधिकारी से लेकर वीवीआईपी तक का मूवमेंट आज उसी ओर रहेगा। इसको देखकर पुलिस को खास चौकसी के निर्देश जारी किए गए हैं। इस भीषण गर्मी में आज पुलिस को इस अग्रि परीक्षा से होकर गुजरना होगा।
पानी की कमीं को देखते हुए महाराष्ट्र जैसे राज्य  ने अपने राज्य में आईपीएल के आयोजन को करवाने से मना करवा दिया था। ऐसे में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह तमाम जनविरोध को दर किनार करते हुए इस आयोजन के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान की।
तो वहीं राज्य के उच्च न्यायालय ने भी ये निर्देश दिया कि आइपीएल के आयोजक ही स्टेडियम की सिंचाई के लिए जल की व्यवस्था करें। ऐसा माननीय अदालत ने राज्य में बढ़ते जल संकट को देखते हुए दिया है। सरकारी दावों की बात अगर छोड़ दें तो वास्तव में प्रदेश की जनता को भीषण जल संकट से गुजरना पड़ रहा है। ऐसे में अगर आईपीएल मैच जैसे आयोजन करवाए जाते हैं तो इसका भारी खामियाजा जनता को भुगतना पड़ सकता है। ये हर कोई जानता है कि एक दिन में इस स्टेडियम की घास सवा लाख लीटर पानी पी रही है। इतने पानी से तमाम गांवों की प्यास बुझाई जा सकती है। ऐसे में इतना बड़ा कार्यक्रम करवाने से पहले सरकार को एक बार अपने पानी के स्टॉक पर एक नजर डाल लेनी चाहिए। कहीं ऐसा न तो कि महाराष्ट्र की तरह यहां भी टैंकरों से रेलवे को पानी ढोना और जनता को प्यास से रोना पड़े। हम खेल का विरोध नहीं करते। युवाओं के जोश में होश न खोने की अपील के साथ हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हमेशा एक जागरूक नागरिक होने का प्रमाण दें, ताकि छत्तीसगढिया सबले बढिय़ा का नारा सार्थक हो।

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