देवी के भक्तों के कमाल पर सवाल

कटाक्ष

-निखट्टू
गुनहगारों में शामिल हूं गुनाहों  से नहीं वा$िकफ, सजा तो जानते हैं हम ख़ुदा जाने खता क्या है। ठीक यही हाल आजकल उत्तर प्रदेश की सियासत में चल रहा है। और कुछ बेगुनाह सांसत में पड़े हैं। कुछ गुनहगार किस्म के लोग अपनी जिद पर अड़े हैं। उत्तर प्रदेश की सियासत अब ताली, जुगाली से होती हुई गाली तक पहुंच गई? उस पर भी गाली दिलवाने वाली खुद को देवी बता रहीं हैं। अब मेरी मोटी बुध्दि में ये बात आखिर क्यों नहीं आती कि आखिर ऐसी कौन सी देवी हैं जिसके भक्त किसी की बहन-बेटी को सरेआम चौराहे पर गाली देते हों? ऐसी कौन सी देवी हैं जो चढ़ावे में बोरों रुपए लेती हों? ऐसी कौन सी देवी हैं जिनका चप्पल ढोने के लिए स्पेशल एअरक्राफ्ट मुंबई जाता हो? ऐसी कौन सी देवी हैं जो खुद को तो दलित बताती हैं मगर दलितों को ही दलने में कोई कोर कसर नहीं छोड़तीं? ऐसी कौन सी देवी हैं जो थोक में मूर्तियों को बनवाने में सरकारी खजाने का सारा पैसा झोंक देती हैं? तो वहीं प्रतापगढ़ के मनगढ़ में गेट से दब कर मर गए गरीबों को देने के लिए उनके खजाने में एक पैसा नहीं था? घटना के 15 दिन बाद ही वही देवी लखनऊ में सरेआम हजार और पांच सौ के नोटों की माला पहनती हैं जिसकी लागत कई करोड़ बताई जाती है। निश्चित वे देवी हो सकती हैं, मुझे इसमें किंचित संदेह नहीं है। लेकिन ये तमाम ऐसे सवाल हैं जिनका उनको देना होगा उत्तर तो अब हम भी निकल लेते हैं घर तो कल फिर आपसे मुलाकात होगी...तब तक के लिए जय...जय।

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