छलीराम छिछोरे का कारनामा


कटाक्ष

-निखट्टू
एक छात्र छलीराम छिछोरे छत्तीसगढ़ के एक स्कूल में प्रवेश लेने गए। कालेज के प्राचार्य ने अपने होने वाले शिष्य के बारे में उसके परिजन चंपत लाल से पूछा कि आपके बेटे में क्या-क्या खूबियां हैं गिनाइए। उन्होंने प्राचार्य को बताया कि सर...हमारा बेटा पढऩे में अच्छा है, आचरण का सच्चा है, देखने में लंबा दिखता है मगर अभी 17 साल का बच्चा है। ये सिगरेट नहीं पीता, खैनी तंबाकू नहीं खाता, दारू को तो हाथ नहीं लगाता, पुडिय़ा देखकर वो दुकान छोड़ देता है। हर नशे को हाथ नहीं लगाता है। आचरण का पक्का और समय का पाबंद है। हर चीज को हम बाप-बेटे अपने ज्ञान की तराजू से तौलते हैं। कमी बस यही है सर कि हम झूठ बहुत बोलते हैं। सुनते ही प्राचार्य ने बच्चे का सिर सहलाया और बोले बेटा आपका होनहार है। इसके भविष्य में नेता बनने के पूरे आसार हैं। प्रचार्य जी के शब्द अपना असर दिखा गए। बड़ी तादाद में छलीराम छिछोरे छत्तीसगढ़ विधान सभा में आ गए हैं। ये भी हर मुद्दे को वोटों के तराजू में तौलते हैं और लोकतंत्र के मंदिर यानि विधान सभा के सदन में भी झूठ बोलते हैं। इनके नामों से ज्यादा कारनामें सुनकर दुखने लगेगा आपका सर... आसंदी को समझने लगे हैं खाला जान का घर। कानून को नून की तरह चाट रहे हैं। सच मानिए जमकर चांदी काट रहे हैं। दो नंबर की कमाई से रहे हैं अपना खजाना भर तो हम भी अब चलते हैं अपने घर....कल फिर आपसे मुलाकात होगी तब तक के लिए जय...जय।

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