तमाचे पे डिस्को

कटाक्ष-

निखट्टू
हमारे मुहल्ले के शनि श्रीवास के सिर पर शनिवार के दिन पता नहीं कहां का शनीचर सवार था, कि बिना हेलमेट लगाए बाजार निकल गए। दो किलोमीटर भी नहीं गए होंगे कि यातायात पुलिस ने पकड़ लिया। हेलमेट नहीं होने के कारण चालान काटने चले तो उन्होंने बताया कि हमें फलाने...फलाने साहब जानते हैं। इस पर भी जब पुलिस वालों ने नहीं सुना तो वे अभद्रता पर उतर आए। फिर तो पुलिस वालों को मिल गया मौका और उन्होंने भी जडऩा शुरू किया चौके पे चौका... उनको जमकर तमाचे पे डिस्को करवाया। जमकर तमाचे जड़े गए। उसके बाद काटा गया चालान। शनि चुका कर चालान की मनी अपने घर गया। पुलिस वालों ने भी अपनी मंूछ ऐंठी कि चलो हम बहादुर हैं। अब दिन भर इसी तरह तमाम युवाओं को तमाचे पर डिस्को करवाते रहे।
 उधर राजधानी में दूसरे राज्यों से आए दबंग अपराधियों ने तमंचे पर डिस्को करना शुरू कर दिया। महीने भर में गोली मार  कर 4 लोगों की हत्याएं कर डाली। हमेशा शांत रहने वाली राजधानी अपराधियों के तमंचे पे डिस्को से सकते में आ गई। दूसरे राज्यों से आए बदमाश यहां तमंचे पे डिस्को कर के खिसको की तर्ज पर काम कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश और बिहार के अलावा मध्य प्रदेश से भी थोक में असलहे राजधानी लाए जा रहे हैं। वर्ना यहां तो पहले टंगिया, चाकू और तलवार से ज्यादा कुछ नहीं दिखाई देता था। अब इन्हीं लोगों की कृपा है कि राजधानी में तमंचे आसानी से उपलब्ध हैं। तमंचे पे अपराधियों का डिस्को अभी और कितने रंग दिखाएगा ये तो आने वाला समय ही बताएगा, मगर एक बात तो साफ है कि पुलिस प्रशासन की लापरवाही से राजधानी में अपराध तेजी से बढ़ता जा रहा है। अगर इसको समय रहते नहीं रोका गया तो जल्दी ही छत्तीसगढ़ भी यूपी और बिहार हो जाएगा। पुलिस के आला अधिकारियों के अब जाकर हुए हैं कान खड़े। तो अब किए जा रहे हैं दावे बड़े-बड़े मगर कार्रवाई के नाम पर सन्नाटा....तो फिर कल आपसे फिर मुलाकात होगी तब तक के लिए बॉय....बॉय टाटा....क्योंकि मुझे लेना है चार किलो गेहूं का आटा। क्या कहा आज कुछ भूल रहे हैं अरे हां हुजूर आप सही फरमा रहे हैं चलिए इस पर कल बात करेंगे तब तक के लिए जय...जय। 
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