नगरी के हाई स्कूल मैदान में मिलीं सरकारी दवाएं



 प्रदेश के बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराने के सरकार हजार तरह के दावे कर चुकी है। परिणाम कुछ भी नहीं निकला। जो कुछ बताया भी जा रहा है वो महज शासकीय कागजों की बाजीगरी और भ्रष्ट अफसरशाही की कारगुजारियों से ज्यादा कुछ भी नहीं है। शनिवार को सुबह नगरी के श्रृंगी ऋषि हाईस्कूल मैदान में बड़ी मात्रा में फेंकी मिली आयरन और विटामिन्स की गोलियां इस बात का पक्का सुबूत हैं। इतने बड़े मामले को लेकर कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं दिखाई देता। अलबत्ता भीतर ही भीतर लीपापोती का काम शुरू हो चुका है। सवाल तो ये भी उठता है कि क्या गरीबों के बच्चों की दवाएं मैदान में फेंकना लाजिमी है ? क्या ऐसे ही गरीबों के बच्चों को कुपोषण से मुक्ति मिलेगी?

लापरवाह प्रशासन की नक्कारापंथी का नतीजा, हवाहवाई साबित हो रहे सरकारी दावे

नगरी।

क्या है पूरा मामला-
शनिवार को सुबह श्रृंगी ऋषि हाईस्कूल के मैदान में भारी मात्रा में आयरन और विटामिन्स की टिकिया फेंकी हुई पाई गईं। बरामद हुई दवाओं का बाजार मूल्य तीस हजार रुपए से ज्यादा बताया जा रहा है। तो वहीं इस मामले को  लेकर कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।  गरीब बच्चों को कुपोषण से उबारने  की सरकारी योजनाओं प्रदेश में क्या हश्र हो रहा है। इस घटना को देखने के बाद आसानी से समझ में आ जाता है। दु:खद बात तो ये है कि इनमें से कोई भी दवा एक्सपायर नहीं हुई है। हाई स्कूल के प्राचार्य प्रेमकांत झा ने बताया कि ये मैदान हमारे प्रांगण में नहीं आता है। हमारे स्कूल को जो दवाएं जारी की गई हैं उनमें से एक का भी बैच नंबर इन दवाओं से नहीं मिलता। ये किसी की साजिश है जो हमारे हाई स्कूल को बदनाम करने के लिए की गई है।
डेढ हजार से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं इस स्कूल में-
प्राचार्य झा के मुताबिक इस हाई स्कूल में डेढ़ हजार से ज्यादा बच्चे अध्ययनरत हैं। उन्होंने तो यहां तक दावा किया कि उन्होंने अपने कोटे की दवाओं का वितरण अपने विद्यालय में कर दिया है। ये किसी दूसरे विद्यालय की दवाएं हैं।
जिम्मेदारों की जिम्मेदारी का नमूना-
इस घटना की जानकारी लेने के लिए जब बीईओ बीके. चंद्रवंशी से उनके मोबाइल नंबर 9926281889 पर उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया गया। लगातार घंटियां बजती रहीं और उन्होंने फोन नहीं उठाया।
जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ठाकुर से भी उनके मोबाइल नंबर 7746010861 पर संपर्क किया गया। इन्होंने भी फोन रिसीव नहीं किया।
शिक्षा मंत्री केदार कश्यप से उनके मोबाइल नंबर 9883961000 पर संपर्क किया गया मगर उन्होंने भी फोन नहीं रिसीव किया। अब इससे प्रशासनिक मशीनरी की कार्य प्रणाली अपने आप समझ में आ जाती है कि कितने कर्मठ लोग हैं । प्रदेश सरकार कैसेे लोगों को इतनी सारी सुविधाएं दे रही है मगर नतीजा क्या निकल रहा है ये भी लोगों के सामने है।



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