प्रदेश में बनता नया गठजोड

 तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं, कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें य$कीन नहीं।


किसानों के बोनस के नाम पर चक्काजाम, धरना, प्रदर्शन और हल्ला बोल करने वाली कांग्रेस को अचानक विधान सभा में ऐसा क्या हो गया कि वो भाजपा का मोहरा बन गई?  किसानों के फसल बीमा में हुए घोटाले पर उठाए गए सवाल पर बजाए सत्ता पक्ष का विरोध करने के वो अब अपनी ताकत अमित जोगी के खिलाफ जाया करने में लग गई? सियासी गलियारों के जानकारों का तो यहां तक मानना है कि अभी भाजपा और कांग्रेस अपने -अपने घरों की टूटती लकडिय़ों को बचाने में लगी हैं। इसके लिए वे किसानों और गरीबों को बलि का बकरा बना रही हैं। सागौन भवन में लगातार इन्हीं दोनों घरों की टूटी लकडिय़ों को करीने से लगाया जा रहा है। थोक में लकडिय़ों के निकलने से दोनों ही घरों में अब इनकी संख्या कम होने लगी है। ऐसे में अब अपना-अपना आशियाना बचाने की फिरा$क में लगी दोनों राष्ट्रीय पार्टियां सदन में एक होकर प्रदेश के इस युवा नेता को रोकने की फिरा$क में हंै। तो वहीं वो युवा नेता है कि अभिमन्यु की तरह एक-एक कर इनके बनाए भ्रष्टाचार के द्वारों को ध्वस्त करता जा रहा है। कुछ दिनों पहले बारनवापारा में हुए चिंतन शिविर में चाउर वाले बाबा का अपने मंत्रियों और कार्यकर्ताओं को दिया गया उपदेश, कि अपने व्यवहार में शालीनता लाएं मंत्री और भाजपा कार्यकर्ता, की धज्जियां उन्हीं के एक कद्दावर महारथी ने उड़ाई। वे अपने इस मंत्री के ताव को चाव से देखते रहे। ऐसे में जनता के बीच सीधा सा संदेश यही जाएगा कि दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियां अब अपने-अपने हित के लिए जनता और किसानों की खुशियों की बलि चढ़ाने को तैयार हैं। इसका नुकसान दोनों ही पार्टियों को आने वाले विधान सभा चुनावों में देखने को मिलेगा। जब जोगी का रथ इनके सारे प्रयासों को अकारथ साबित कर देगा। 

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