पेट्रोल पंप मालिकों को बांटे गए सूखा राहत के पैस


सुराज की सरकार की भ्रष्ट और नक्कारा हो चुकी अफसरशाही की लापरवाही का नतीजा है, कि सूखा राहत राशि वितरण में जमकर फर्जीवाड़ा किया गया। शासन के जिम्मेदार अफसरों ने जहां कोरिया में सूखा पीडि़त किसानों को 5 से लेकर सौ रुपए के चेक बांटे, तो वहीं मनेंद्रगढ़ में पेट्रोल पंप मालिकों को बीस-बीस हजार के चेक थमा दिए । कई ऐसे गरीब लोगों को भी चेक बांट दिए गए जिन्होंने खेती की ही नहीं थी। लिहाजा वे सरकारी पैसों को लौटा रहे हैं। तो कहीं मुर्दो को भी चेक बांट आए। ऐसे में सवाल तो यही उठता है कि आखिर सूखा राहत के पैसे पेट्रोल पंप मालिकों में बंटे कैसे?
रायपुर/ रायगढ़/ मनेंद्रगढ/ सरगुजा।
कैसे हुआ खुलासा-
 रामशंकर गुप्ता नाम के एक आरटीआई कार्यकर्ता की ओर से मांगी जानकारी के बाद इस बात का खुलासा हुआ है।  उन्होंने बताया कि अकेले मनेंद्रगढ़ में ही सैकड़ों किसानों को गलत तरीके से मुआवजा बांट दिया गया।  कई की जमीन पर मकान और पेट्रोल पंप भी बन गए हैं, लेकिन अधिकारियों ने उनको भी सूखा का मुआवजा बांटा है।
रमाशंकर गुप्ता ने बताया कि उन्होंने अपनी पैतृक आठ एकड़ जमीन पर खेती नहीं की, लेकिन उनको भी 12 हजार 240 रुपये का चेक दिया गया।
उन्होंने कहा  कि सूखा राहत के लिए सरकार की ओर से जो योग्यता तय की गई है, उसमें भारी गड़बड़ी है।  सरकारी नियमों के अनुसार सिंचाई के साधन के कारण या फिर खेती नहीं करने के बाद भी जिन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ, उनको राजस्व रिकॉर्ड में जमीन का मालिक होने के कारण मुआवजा बांटा जा रहा है।
ईमानदार किसान लौटा रहे हैं पैसे-
उनके मुताबिक जब उनके खेत में किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ तो फिर वे राजनीतिक भीख लेने को तैयार नहीं हैं। इसको देखते हुए उन्होंने सूखा राहत मुआवजा का चेक
पेट्रोल पंप मालिकों को...
से ज्यादा का मुआवजा बांटा गया है।  प्रदेश में बारिश कम होने के कारण 117 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था, जहां पर प्रति किसान को औसतन 1900, 2 हजार, से 6 हजार तथा कुछ स्थानों में 9 हजार रुपये सरकार की तरफ से सूखा राहत के तौर पर दिए जाने का दावा सरकारी अधिकारी कर रहे हैं। डौंडीलोहारा विधानसभा में 37 हजार 937 किसानों को 18 करोड़ 34 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया, जो औसतन 4 हजार 835 रुपये बताया जा रहा है।
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पखांजुर में सूखा नहीं उप तहसील में सूखा
 जिले में तहसील कांकेर, अंतागढ़, दुर्गूकोंदल, चारामा, भानुप्रतापपुर व नरहरपुर को सूखा घोषित किया गया है। इसमें पखांजुर शामिल नहीं है। पखांजुर तहसील के अंतर्गत ही कोयलीबेड़ा उप तहसील है। यहां के किसानों को सूखा राहत राशि का चेक किस कारण जारी किया गया है, इसका जवाब भी अधिकारी नहीं दे रहे हैं।
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पखांजुर में मृत किसानों के नाम जारी हुआ है चेक
ग्रामीणों के अनुसार जिन किसानों के नाम से चेक जारी हुए हैं, उनमें से कुछ की 10 साल पहले मौत हो चुकी है।  पटवारी ने सूखा राहत सूची में जिन मृत किसानों के नाम चेक जारी किए हैं, उनमें संबलपुर के गन्नू राम पिता झोलिया, ठग्गू राम, रज्जु राम, लखमू, संनकु, सुकु, महंगुराम, सुक्कू, कमलेश का नाम शामिल है।
सरकारी नियम के अनुसार, ऐसे लोगों को मुआवजा नहीं मिल सकता।  अगर अधिकारियों की लापरवाही के कारण बिना खेती किए लोगों को मुआवजा बांटा गया है, तो उसकी जांच की जाएगी।  जो भी दोषी अधिकारी हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
-के.आर.पिस्दा
सचिव, राजस्व विभाग


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