जोगी का रथ रोकने भाजपा का मोहरा बनी कांग्रेस


कभी प्रदेश के किसानों का हमदर्द होने का दावा कर उनका चेहरा बनते-बनते प्रदेश कांग्रेस विधानसभा में भाजपा का मोहरा बन गई। ऐसा उस वक्त देखने को मिला जब अमित जोगी ने प्रदेश में किसानों के साथ फसल  बीमा के नाम पर होने वाले भ्रष्टाचार का खुलासा कर कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से जवाब मांगा। जवाब नहीं दे पाने की दशा में खिसियाए कृषि मंत्री ने अमित जोगी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की आसंदी से अपील की। हद तो तब हो गई जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने भी उनका ही समर्थन किया। ऐसे में अजीत जोगी के रथ को रोकने के लिए भाजपा और कांग्रेस का ये गठजोड़ बन रहा है। भाजपा और कांग्रेस दोनों किसानों के हितों को लेकर कितने संवेदनशील हैं ये बात आसानी से समझ में आ चुकी है।
कृषि मंत्री अग्रवाल हुए
अमित पर लाल
जवाब देने में असमर्थ, मंत्री बृजमोहन ने  पहले तो गोलमोल जवाब दिया और फिर आवेश आकर उल्टा अमित जोगी के विरुद्ध ही निंदा प्रस्ताव लाने सदन से अपील करने लगे। चौंका देने वाली बात ये है कि किसानों के मुद्दे पर अमित का समर्थन करने के बजाय कांग्रेस ने भाजपा का साथ दिया और भूपेश बघेल ने अमित के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव का समर्थन किया। साफ़ है कि एक बार फिर किसानों के मुद्दे को दबाने आज सत्ता और विपक्ष ने फिर से हाथ मिला लिए।
सच्चाई को उजागर करने
से रोकने की साजिश
सदन में अमित जोगी को जनहित के मुद्दों पर बोलने से क्यों रोका जा रहा है ये जनता सब समझ रही है। उधर देखना दिलचस्प होगा कि किसानों की हमदर्द बनने वाले छत्तीसगढ़ के चाउंर वाले बाबा की क्या प्रतिक्रिया होती है।
दोनों नावों पर सवार होने
की फिराक में महंत
कबिरा खड़ा बजार में मांगे सबकी खैर, ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर। वाली अवस्था में पहुंच चुके पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा कि वे पहली बात तो सदन के भीतर होने वाले मामलों पर कोई टिप्पणी नहीं करते। डॉ. रेणु जोगी पर की गई टिप्पणी के बचाव में उन्होंने साफ-साफ कहा कि उन्होंने अजीत जोगी के परिवार के संदर्भ में कभी कोई टिप्पणी नहीं की है। ये जो कुछ थोड़ा बहुत अखबारों में प्रकाशित हुआ वो मीडिया वालों की कृपा है।
कहां गई भूपेश बघेल की माला
अजीत जोगी के नई पार्टी बनाने के बाद कांग्रेस भवन में इन्हीं चरणदास महंत को बुलाया गया था। तो इन्होंने कहा था कि मैं खुद भूपेश बघेल को माला पहनाऊंगा।
क्याहै पूरा मामला
जिस विधानसभा में जनहित सम्बन्धी कार्यों पर चर्चा कर उसे अमली जामा पहनाया जाता है। जहां गलत पर सवाल उठाए जाते हैं और सही को लागू किया जाता है। उसी लोकतंत्र के मंदिर में अब सिर्फ जन भावनाओं से खिलवाड़ हो रहा है। प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए साठगांठ शुरू हो गई है। प्रदेश में जहां पहले कांग्रेस और भाजपा आपस में जनहित के लिए लड़ रहे थे वहीं तीसरी पार्टी के अस्तित्व में आते ही दोनों एक साथ नजऱ आ रहे हैं। ऐसे हालात में जनता की आवाज़ किसी को भी नहीं कहा जा सकता है। और यह बात साफ़ हो चुकी है कि दोनों ही केवल सत्ता का खेल- खेल रहे हैं न कि जनता का कल्याण कर रहे हैं।
सदन के अंदर क्या हुआ
अमित जोगी ने छत्तीसगढ़ के किसानों को फसल बीमा की राशि नहीं मिलने का मुद्दा उठाया। अमित ने तथ्यों और आंकड़ों के साथ बीमा के नाम पर किसानों को ठगे जाने को लेकर कृषि मंत्री बृजमोहन से तीखे सवाल किए। उन्होंने किसानों को साथ हो रहे अन्याय की ओर आसंदी का ध्यान दिलाना चाहा।


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