अच्छे दिनों की आग

कटाक्ष

-निखट्टू
अच्छे दिन लाने का दावा करने वाली सरकार इतने अच्छे दिन लाएगी किसी ने भी सोचा नहीं होगा। मध्य प्रदेश में सुराज का दावा करने वाली सरकार 50 किलो गेहूं के कट्टे में 20 किलो मिट्टी मिला कर बांट रही है। तो छत्तीसगढ़ की रमन सरकार का चाउर गाड़ी और बंगले वाले खा रहे हैं। गरीबी रेखा का कार्ड भी धनवानों के कब्जे में है और अफसरशाही सुविधाओं को भोगने में मस्त है। यहां मध्यान्ह भोजन में बच्चों को छिपकली तो कहीं सांप खिलाया जा रहा है। जो इससे बच गए उनको अमृत दूध पिलाकर मारा जा रहा है। अफसरशाही की गवाही देने के लिए प्रदेश की दो घटनाएं ही काफी हैं। लगभग साल भर पहले एक महिला ने मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के आवास में चल रहे जनदर्शन में जहर खाकर खुदकुशी कर लिया था। उसके बाद कल भी उसी तरह की दूसरी घटना घट गई। एक नि:शक्त मुख्यमंत्री के जनदर्शन में गया था अपनी व्यथा सुनाने अब उसको अधिकारियों ने इतनी कथा सुना दी कि उसकी सहनशक्ति ही जवाब दे गई। उसने मुख्यमंत्री के दरवाजे पर ही आग लगा लिया। ये सातवां वेतनमान और कार बंगले में ऐश करने वाले अफसरों की संवेदनशीलता का जीवंत नमूना है। सरकार ने इनको गरीबी हटाने को क्या कह दिया, ये तो गरीब ही हटाने पर उतारू हो गए? कुछ लोग देश में तीन चीजें सस्ती बताते हैं नून कानून और खून। होता होगा उनके लिए जिनकी तिजोरियों में नोटों के बंडल ठूंसे पड़े हैं। वर्ना इस देश में गरीब की क्या मजाल जो इनके बारे में सोच भी सके? गरीबों के लिए तो ऐसे ही अच्छे दिन आएंगे जब वे सीएम से काम करवाने के लिए उनकी ही दहलीज़ पर खुद को आग लगाएंगे। ये देखकर शर्म से झुक गया है मेरा सर... तो अब मैं निकल लेता हूं सीधा अपने घर....कल फिर मुलाकात होगी तब तक के लिए जय...जय।

Comments

Popular posts from this blog

पुनर्मूषको भव

कलियुगी कपूत का असली रंग

बातन हाथी पाइए बातन हाथी पांव