खुले आकाश के नीचे होता है लाशों का पोस्टमार्टम






-सुराज के दावे करने वाली सरकार की असलियत ये है कि बिलासपुर के कोटा और सोनहत ब्लॉकों में खुले में ही लाशों का पोस्टमार्टम किया जाता है। मृतका युवती, महिला, पुरुष अथवा बच्ची ही क्यों न हो। सरकार के सुशासन के दावे यहां पानी भरते नजर आते हैं। भ्रष्ट अफसरशाही इस मामले पर कुछ भी बोलने तक को तैयार नहीं दिखाई देती। गरीबों की बहन-बेटियों के साथ इससे घिनौना मजाक और क्या हो सकता है? इसको सुराज की सरकार का अत्याचार नहीं तो और क्या कहा जाए?

बिलासपुर में सरकारी दावों की असलियत, लानत है ऐसी सरकार पर
 बिलासपुर।  जिले के बिलासपुर ब्लॉक मुख्यालय सोनहत में हसदो नदी के पास स्थित पोस्टमार्टम हाउस अपनी बदहाली का रोना रो रहा है।  सुविधाओं की बात तो दूर रही यहां छत तक नहीं है, इसके चलते यहां आने वाले शवों का खुले में ही पोस्टमार्टम किया जाता है।
सबसे खास बात यह है कि सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं होने के कारण मृतकों के परिजनों को रातभर खुद ही जागकर लाशों की देखभाल करनी पड़ती है।
102 गांवों के पुलिस मर्ग की दुर्दशा-
ग्रामीणों ने बताया कि 102 गांवों के लिए ब्लॉक हेड क्वार्टर में यह इकलौता पोस्टमार्टम हाउस है।  इसके चलते यहां लाशों का ढेर लगा रहता है, लेकिन सही इंतजाम नहीं होने के चलते अव्यवस्थाओं का आलम है।
हालांकि यहां लाशों को रखने के लिए पोस्टमार्टम हाउस के बाहर एक चबूतरा भी बनाया गया था, सुरक्षा के अभाव में कुछ असामाजिक तत्वों ने इसे नशे का अड्डा बना लिया और कमरे की छत और चबूतरे को तोड़ दिया।  इसके कारण गर्मी, सर्दी हो या फिर बारिश डॉक्टर्स को लाशों का पोस्टमार्टम खुले आसमान और पेड़ के नीचे खुले में करना पड़ता है।
70 किलोमीटर दूर से आते हैं पीएम कराने लोग-
यहां तक कि ग्राम पंचायत आनंदपुर, सेमरिया, सुकतारा, कछुआ खोह जो 60 से 70 किलोमीटर दूर है, वहां से भी लोग पोस्टमार्टम कराने यहीं आते हैं।  कई बार रात होने के कारण पीएम सुबह किया जाता है।
इस बारे में कम्युनिटी हेल्थ सेंटर के डॉक्टर बलवंत सिंह ने बताया कि शव का खुले में पीएम करने में बड़ी परेशानी होती है।  पंचायत को इस पोस्टमार्टम हाउस की मरम्मत जल्द करानी चाहिए।
वहीं, जब इस संबंध में उपसरपंच रुद्र प्रताप सिंह से बात की गई तो उनका कहना था कि पोस्टमार्टम हाउस की मरम्मत के लिए पंचायत की अगली बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा।
बॉक्स-
सोनहत में भी खुले में होता है अंत्यपरीक्षण
 बिलासपुर । जिले के कोटा नगर पंचायत क्षेत्र में स्थित स्वास्थ केन्द्र में पोस्टमार्टम के लिए उपयुक्त जगह नहीं है।  यही कारण है कि यहां पुरुष या महिलाओं का पोस्टमार्टम खुले में होता है।  परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम इतने सालों से हो रहा है यह अपने आप में शर्मनाक है।  जबकि यहां कि विधायक पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी है।  मारपीट, फांसी, आत्महत्या लावारिस लाश या संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के कारणों पर भारत के कानून के अनुसार मौत के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस कार्रवाई के तहत स्पेश्लिस्ट डॉक्टरों के द्वारा पोस्टमार्टम किया जाता है।  इतना ही नहीं यहां गंदगी की भी बहुत बुरा हाल है।
वर्जन-
साहब अभी कोलकाता जा रहे हैं, वे प्लेन में बैठ चुके हैं। लिहाजा उनसे बात नहीं हो सकती।
प्रवीण शर्मा
पीए
अजय चंद्राकर स्वास्थ्य मंत्री


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