रेल निकालेगी जनता की जेब से तेल






 अच्छे दिनों का ख्वाब दिखा कर भारतीय रेल मंत्रालय नया खेल -खेलने जा रहा है। टिकटों पर ये संदेश दिया जा रहा है कि रेल की  टिकटों पर भी सरकार 43 फीसदी की रियायत दे रही है। इससे रेलवे को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। तो क्यों न इसको भी समाप्त कर दिया जाए। यानि महंगाई की मार झुकी जनता की कमर पर रेल मंत्रालय की ये लाठी ऐसी चोट पहुंचाएगी कि वो सीधे धराशाई हो जाएगा। एक्सप्रेस या मेल को समय पर चलाने में फेल हुई रेल का ये नया खेल जनता की जेब का निकालेगा तेल।

यात्री टिकटों पर 43 फीसदी रियायत के नाम पर किराया बढ़ाने की कवायद
रायपुर। लोगों की जेब काटने का नया पैंतरा रेल बड़ी चतुराई से खेल रही है। इसके माध्यम से भारतीय रेल मंत्रालय जनता की जेब काटने का पुख्ता इंतजाम कर चुका है। लोगों के टिकटों पर अब ये जानकारी छापी जा रही है कि रेलवे अपने आरक्षित और अनारक्षित टिकटों पर 43 फीसदी की रियायत दे रही है।
ऐसे समझें इस चाल को-
अगर आपके टिकट का दाम 57 रुपए है तो आप ये मानकर चलिए कि आप सौ रुपए के टिकट पर सफर कर रहे हैं। उसका बगैर सब्सिडी मूल्य सौ रुपए है। अगर मान लिया जाए कि रायपुर से इलाहाबाद का यात्री किराया 570 रुपए का है तो सब्सिडी हटते ही उसका दाम एक हजार रुपए हो जाएगा। इसी हिसाब से दूसरे टिकटों पर भी किराया बढ़ेगा। अब रेल मंत्री सुरेश प्रभु की आगामी योजना नहीं होगी कि इसके माध्यम से लोगों को ये अहसास कराया जा रहा है कि आपके टिकट पर भी सरकार का 43 फीसदी उपकार लदा हुआ है। उसको सरकार कभी भी हटा सकती है। यानि इसी बहाने रेल मंत्रालय यात्री किराया बढ़ाने का नया खेल-खेलने जा रहा है। सरकार की उसी कवायद का हिस्सा है टिकटों पर सब्सिडी का दर्ज होना।
क्या होगा इसका प्रभाव-
रेलवे के जानकार सूत्रों के मुताबिक हर साल रेलवे को तकरीबन 30 हजार करोड़ का घाटा होता है। इसको कम करने के लिए लगातार माल भाड़े में वृध्दि की जा रही थी। अबकी बार रेल मंत्रालय योजनाबध्द तरीके से देश के रेल यात्रियों की जेब कायदे से काटने जा रहा है। यदि ऐसा हुआ तो इसके व्यापक असर आम लोगों की जिंदगी पर देखने को मिलेंगे।
एक बार फिर बढ़ेगी महंगाई-
ऐसा नहीं है कि यात्री भाड़े में 43 फीसदी की बढोत्तरी होने पर सब कुछ सामान्य ही रहेगा। टिकटों के दाम बढ़ते ही तमाम दूसरी चीजें भी महंगी होने लगेंगी।
क्या संदेश देना चाह रहा रेल मंत्रालय-
अब आप जब कभी रेल में सफर करेंगे तो टिकट बताएगी कि रेलवे आप पर कितना खर्च करती है। रेलवे टिकट पर रियायत वाले इस संदेश पर लोगों को हैरानी जरूर हुई है। इसका कारण यह है कि आम लोगों को अभी तक इस बात की जानकारी नहीं थी कि रेल टिकट की कीमत में सरकार की ओर से रियायत दी जा रही है। 
रेलवे टिकट पर सब्सिडी प्रिंट करेगी और यात्रियों को बताएगी कि रियायत पर कितना भार वहन करना पड़ रहा है। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ जब टिकटों पर यात्रा का लागत मूल्य और किराया लिख कर यह बताने की कोशिश की गई हो। रियायत पर सफर को लेकर सरकार ने यात्रियों को इसका एहसास करने के लिए आरक्षण टिकट पर यह छपवाना शुरू कर दिया है।
विशषज्ञों के अनुसार, सरकार ऐसा कदम इसलिए उठा रही है कि यदि किराये में बढ़ोतरी की गई तो लोग उसका विरोध न करें। रेलवे को यात्री गाडिय़ों से लगातार घटा हो रहा है जिसकी भरपाई गुड्स ट्रेनों की कमाई से की जाती है। यह स्थिति पिछले बीस सालों से है। सरकार ने घाटे में कमी के लिए सुपर फास्ट चार्ज समेत कई चार्ज में वृद्धि की है। चार्ट बनने के चार घंटे बाद कंफर्म टिकट और ट्रेन चलने के आधे के बाद वेटिंग टिकट वापसी भी बंद कर दी गई
है।
टूट जाएगी जन साधारण की कमर-
सरकार के इस कदम से देश की जनता को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। तो वहीं रेलवे के अच्छे दिन आ जाएंगे। अब तक कभी पांच तो कभी दस रुपए यात्री किराया रेलवे बढ़ाती थी। अब सीधे 43 फीसदी बढ़ाकर आम लोगों की गृहस्थी में सीधे आग लगाने जा रही है।
संकेत साफ है कि एक बार फिर देश की जनता महंगाई की मार सहने को तैयार रहे।
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कितने सुरक्षित हैं इस रेल में यात्री
घूस नहीं देने पर टीटीई ने 50 गुंडे बुलवाकर सवारियों को पिटवाया

किरंदुल। कोलकाता से बस्तर के किरंदुल आ रहे एक परिवार को रेल के टीटीई को घूंस न देने पर टीटीई रामदेव ने फोन पर 50 से ज्यादा गुंडे बलवाकर यात्रियों को जमकर पिटवाया। तो उनके गुंडों ने महिलाओं से छेड़छाड़ भी की। इतना ही नहीं इन गुंडों ने इन सभी यात्रियों के मोबाइल अपने कब्जे में लेकर उनके वीडियो भी डीलिट कर दिए। ऐसे में सवाल तो ये भी उठता है कि आखिर रेल में यात्रा कर रहे यात्री की क्या सुरक्षा है?
लूटपाट का भी आरोप-
पीडि़त परिवार का आरोप है कि  बदमाशों ने पीडि़त परिवार के साथ न केवल मारपीट की बल्कि उनके पैसे और सोने की चेन भी लूट ली गई।  पीडि़त परिवार का आरोप है कि यह सब ट्रेन के टीटीई रामदेव के इशारे पर हुआ।
क्या है पूरा मामला-
जानकारी के अनुसार, पीडि़त प्राणलाल चक्रवर्ती का परिवार कोलकाता से किरंदुल में अपने रिश्तेदार रिंकू राजवंशी के यहां आ रहा था।  ये लोग किरंदुल आने के लिए विशाखापट्टनम से पैसेंजर ट्रेन में 5 रिजर्वेशन करवाकर बैठे थे।  वैध टिकट होने के बावजूद टीटीई ने जगदलपुर के पास पीडि़त परिवार से पैसे देने की मांग की।  पैसे नहीं देने पर सभी को गिरफ्तार करवा देने की बात कहते हुए फोन कर कुछ लोगों को भी बुला लिया।
इसके बाद कोडेनार थाना क्षेत्र के पास बड़े आरापुर में टीटीई समेत 50 से अधिक गुंडों ने मिलकर उनके साथ जमकर मारपीट की।  जब इसकी जानकारी आरपीएफ को दी गई तो आरपीएफ ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी।  आरपीएफ के जवानों ने पीडि़त परिवार को बदनामी का डर दिखाकर इनके फोन जमा करवा लिए और उन पर हुए अत्याचार के सभी वीडियो डिलीट कर दिए।
10 माह की बच्ची को भी पीटा-
प्राणलाल की बहू नेहा ने बताया कि उसकी 10 माह की बच्ची को भी मारा गया।  जिस तरीके से उन जालिमों ने मुझे व मेरे परिवार को मारा है उससे पूरा परिवार डरा हुआ है।  नेहा ने कहा कि जब मेरा छोटा देवर प्रसन्नजीत मुझे बचाने के लिए पहुंचा तो उसके सिर व चेहरे पर डंडों से वार कर लहूलुहान कर दिया।  मेरे गले में सोने की चेन छीन ली गई।  मैं जैसे-तैसे खुद की आबरू बचाते वहां से भागकर दूसरी जगह पहुंची।  मेरे ससुर ने उनसे बहुत मिन्नतें की लेकिन फिर भी वो मारते चले गए।
किरंदुल थाने ने दर्ज किया मामला-
पीडि़त परिवार की शिकायत पर किरंदुल थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।  किरंदुल थाने के थानेदार मनीष सिंह परिहार ने कहा कि चूंकि यह मामला कोडेनार थाना क्षेत्र का है इसलिए इस केस को कोडेनार भेज दिया जाएगा।

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