सियासी टूटन पर कायदे का प्लास्टर
जहां रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा, चरा$ग का कोई अपना मकां नहीं होता।
कांग्रेस के कद्दावरों ने अजीत जोगी के गढ़ में उन्हीं के नाम का सहारा लेकर उन्हीं पर जमकर ताने कसे। जनता में गुस्सा दिखा और जानकार ये देखकर हंसे। बेचारे गांव के सीधे-सादे लोग जोगी की माया और नाचा के चक्कर में उल्टे फंसे। उसके बाद भीड़ के अलग-अलग दावे किए गए। किसी का कोई फिक्स आंकड़ा नहीं जो जितनी मर्जी आई बता दिया।
अजीत जोगी की नई पार्टी के अस्तित्व में आते ही प्रदेश का सियासी माहौल पूरी तरह से गर्म हो गया। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों के अंदर हलके तक में उथल-पुथल मच गई है। कांग्रेस अपनी सियासी ताकत दिखाने के बहाने फर्जी भीड़ जुटाकर मनमर्जी बयान दे डाला। तो वहीं भाजपाई अपने प्रदेश कार्यालय में इसी बात को लेकर मंथन किया। इसमें अजीत जोगी की बढ़ती ताकत और कांग्रेस की क्षीण होती शक्तियों के भाजपा पर पडऩे वाले प्रभावों पर विमर्श किया गया।
अजीत जोगी की पार्टी में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस(जोगी) यानि तीनों महत्वपूर्ण शब्दों का समावेश है। इसको भी लेकर सियासी चर्चा गर्म है। कुछ लोग इसको बैसाखी बता रहे हैं तो कुछ इसको लेकर दूसरी तरह के तंज कस रहे हैं। वहीं इसके पीछे की दूरंदेशी ये है कि इसमें जनता छत्तीसगढ और कांग्रेस के अलावा जोगी भी मौजूद हैं।
ठाठापुर में अस्तित्व में आई जोगी की नई पार्टी के जन्म से ही राज्य की राजनीति में एक नया बदलाव आ गया है। बगावतियों को अब एक नई छांव मिलने की उम्मीद जग गई है।
अब अजीत जोगी के अश्वमेघ का घोड़ा बलरामपुर से बीजापुर तक जाने के लिए छटपटा रहा है। तो वहीं घोड़े की चाल देखने के लिए विरोधी भी बेचैन हैं।
अजीत जोगी को राजनीति का चाणक्य कहा जाता है। ऐसे में जो गलतियां विद्या भैया कर गए थे उनके दोहराए जाने की उम्मीदें तो कतई नहीं हैं। इनके पास संसाधन भी है और समय भी। ऐसे में इनको राष्ट्रीय पार्टियां कोई ज्यादा नुकसान पहुंचा पाएंगी ऐसा नहीं लगता। अलबत्ता भाजपा को अब थोड़ी चिंता जरूर सताने लगी है। यही कारण है कि इन पार्टियों ने मंथन का क्रम शुरू कर दिया है।
भाजपा और कांग्रेस से लगातार टूटने वाले बगावतियों के लिए छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी)एक बेहतरीन विकल्प साबित होगी। इसका सीधा फायदा भी अजीत जोगी को मिलेगा इसमें कोई दो राय नहीं है। अब देखना ये होगा कि भाजपा और कांग्रेस अपने भीतर की टूटन पर नियम कायदे का कितना मोटा प्लास्टर चढ़ाकर उसके खतरे को कम कर सकती हैं।
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