जोगी मेल बिगड़ेगी भाजपा-कांग्रेस का खेल






 कांग्रेस से अजीत जोगी और भाजपा से सोहन पोटाई की बगावत से प्रदेश में नई सियासी आहट सुनाई दे रही है। एक ओर नई पार्टी की घोषणा के पहले ही जोगी देने में लगे है छोटे-छोटे छत्रपों को अपनी छाया। तो यूथ कांग्रेस छोड़ चुके लोगों ने भी अपना विश्वास जोगी के नेतृत्व में जताया। तो पोटाई ने आदिवासी इलाकों में अपनी आदिवासी एक्सप्रेस चलाएंगे। ये आदिवासी एक्सप्रेस और जोगी मेल बिगाड़ेंगे भाजपा -कांग्रेस का सियासी खेल। पेश है इन्हीं समीकरणों की संभावनाओं को तलाशती हमारी ये खास रिपोर्ट-
छोटे-छत्रपों को मिली जोगी की छाया,पोटाई चलाने जा रहे आदिवासी एक्सप्रेस
रायपुर।
जानकारों का मानना है कि सोहन पोटाई का असर बस्तर में अधिक पड़ सकता है, लेकिन वहां भाजपा पहले ही कमजोर है।  इसका नुकसान कांग्रेस को हो सकता है।  जोगी मेल के बारे में कहा जा रहा है कि यह भाजपा को ज्यादा डैमेज कर सकती है, क्योंकि अनुसूचित जाति की 10 में से 9 सीटें भाजपा के पास हैं।  कांग्रेस छोड़कर नई पार्टी बनाने की राह पर चल पड़े पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने सभी छोटे दलों को उनके साथ एकजुट होने का पहले ही आह्वान कर चुके हैं।  अब तक तीन दलों के लोगों ने नई पार्टी बनने पर उनके साथ विलय करने की सहमति दे दी है।
आधा दर्जन छोटे छत्रपों ने जताई आस्था-
वहीं आधा दर्जन पार्टियां ऐसी हैं जो जोगी के नेतृत्व में अपनी आस्था जता चुकी हैं। उनको पूर्व मुख्यमंत्री की नई पार्टी बनने का इंतजार है।
जोगी के कांग्रेस छोडऩे की घोषणा के बाद से ही छोटी पार्टियों के प्रमुख जोगी से संपर्क साधने लगे।  कांग्रेस छोडऩे के पहले ही स्वाभिमान मंच के महेश देवांगन ने जोगी से मुलाकात कर उनके नेतृत्व पर आस्था जताई थी।  उन्होंने नई पार्टी बनने के साथ ही समर्थकों सहित पार्टी में जाने की घोषणा पहले ही कर दी।  वहीं काफी संख्या में पूर्व विधायकों ने जोगी के नेतृत्व में आस्था जताई है।
जनता दल के प्रदेश सचिव ऋ षभ भगत के साथ उनके समर्थक कुछ दिनों पहले जोगी निवास अनुग्रह पहुंचे और नई पार्टी बनने के साथ ही पार्टी का विलय जोगी की नई पार्टी में किए जाने की घोषणा है।  कांग्रेस से अलग होकर पिछड़ा वर्ग संगठन बनाने वाले सूरज निर्मलकर ने पहले ही जोगी से जुडऩे की घोषणा कर दी।  उल्लेखनीय है कि जोगी शासन काल में निर्मलकर उनके करीबियों में शामिल थे।
छत्तीसगढिय़ा पार्टी के अध्यक्ष देवराज साहू ने रविवार को जोगी से मुलाकात की थी और उन्हें नई पार्टी बनाने के लिए शुभकामनाएं दी थीं।  इसके साथ ही उन्होंने जोगी से नई पार्टी में अपनी पार्टी का विलय करने की इच्छा जताई।  जोगी ने उन्हें इसके लिए सहमति दे दी है।
छत्तीसगढ़ में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा, छत्तीसगढ़ समाज पार्टी व अन्य अभी जोगी के नई पार्टी के गठन का इंतजार कर रहे हैं।
भीतर ही भीतर गठजोड़ की तैयारी-
जोगी खेमे के मुताबिक, जल्द ही जोगी अपने पार्टी के नाम की घोषणा कर देंगे।  पार्टी की घोषणा होने के बाद इन दलों के लोग जोगी के साथ मिलकर या गठजोड़ कर चुनाव की तैयारी कर सकते हैं।
सोहन पोटाई के प्रभाव पर भी मंथन-
छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की नई पार्टी की सुगबुगाहट के बीच कांग्रेस और भाजपा विधानसभा चुनाव में पडऩे वाले असर का आकलन शुरू कर दिया है।  भाजपा के बागी सांसद सोहन पोटाई और वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविंद नेताम की आदिवासी एक्सप्रेस का बस्तर में संभावित असर को लेकर दोनों पार्टियों में मंथन शुरू हो गया है।
बस्तर में भारी पड़ेंगे पोटाई-
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के आलावा पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की नई पार्टी महत्वपूर्ण भूमिका में रहेगी।  ऐसे में आदिवासी एक्सप्रेस बस्तर की 12 विधानसभा सीट पर खासा असर डाल सकती है।
वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में बस्तर की 12 सीट में से कांग्रेस को आठ और भाजपा को चार सीट पर जीत मिली थी।  इसमें छह विधानसभा में हार-जीत का अंतर पांच से छह हजार वोट हैं।  राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो अजीत जोगी के हर विधानसभा में लगभग पांच से दस हजार वोटर हैं।  ऐसे में आदिवासियों की नई पार्टी आने के बाद बस्तर के राजनीति समीकरण उलट जाएंगे।
भाजपा को लगता है उसे होगा फायदा-
भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, कोंटा, दंतेवाड़ा, कोंडागांव, कांकेर में कांग्रेस को पांच हजार वोट से जीत मिली है।  ऐसे में आदिवासी एक्सप्रेस चलने से भाजपा को सबसे ज्यादा फायदा होगा।  बताया जा रहा है कि बस्तर की जिन चार सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है, वहां हार-जीत का अंतर दस हजार वोट से ज्यादा है।  ऐसे में भाजपा का आंकलन यह है कि जोगी की नई पार्टी और आदिवासी एक्सप्रेस भाजपा के लिए फायदे का सौदा हो सकती है।
सोहन पोटाई और अरविंद नेताम के प्रभाव वाली विधानसभा कांकेर, केशकाल, भानुप्रतापुर, कोंडागांव और अंतागढ़ में से चार सीट पर कांग्रेस के विधायक हैं।  ऐसे में यह आकलन किया जा रहा है कि इन चारों विधानसभा में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
माना जा रहा है कि मंतूराम प्रकरण के बाद कांकेर क्षेत्र में कांग्रेस अब तक उबर नहीं पाई है।  विधानसभा चुनाव में झीरम कांड के असर के कारण भी कांग्रेस की सीट बढ़ी थी।
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बॉक्स-
30 यूथ कांग्रेसियों ने दिया इस्तीफा, जताई जोगी के नेतृत्व में आस्था

अम्बिकापुर। सरगुजा में यूथ कांग्रेस के 30 से अधिक पदाधिकारियों ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता के साथ ही यूथ कांग्रेस के सभी पदों से दिया इस्तीफा दे दिया है। सभी ने अपना इस्तीफा इमेल के माध्यम से राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा बरार को भेजने का दावा किया है और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की नई पार्टी में शामिल होने का फैसला लिया है। इसके अलावा 100 से अधिक सक्रिय यूथ कांग्रेस सदस्यों ने भी प्रथम चरण मे अपना इस्तीफा अपने आलाकमान को सौंपने का दावा किया है। दानिश रफीक ने दावा किया कि सरगुजा लोकसभा में आने वाले जिलों के 25 हजार यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ ही एनएसयूआई कार्यकर्ताओं द्वारा इस्तीफा दिया जाएगा।
 इस्तीफा देने वाले बड़े नेताओं के नाम-
राष्ट्रीय  कार्यकारिणी और लोकसभा के बडे चेहरे-
दानिश रफीक राष्ट्रीय  सचिव भारतीय युवा कांग्रेस, राकेश सिंह प्रदेश महासचिव छत्तीसगढ़ युवा कांग्रेस, बलविंदर सिंह छाबड़ा (बल्ली) लोकसभा अध्यक्ष सरगुजा, संतोष पावले लोकसभा महासचिव, मो. हसीब लोकसभा महासचिव, सुरेश आयाम लोकसभा महासचिव, तैयब अंसारी लोकसभा महासचिव, संतोष गोस्वामी लोकसभा महासचिव, अभिषेक सिंह सोमू लोकसभा सचिव, गीता सिंह लोकसभा सचिव

विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष
1. अंबिकापुर - धनमीत सिंह
2. लुण्ड्रा - चेतराम मानिकपुरी
3. प्रेमनगर - इमाम हसन
4. भटगांव - अभिषेक श्रीवास्तव
5. प्रतापपुर - जिशान खान
6. सामरी - बृजेश यादव
7. सीतापुर - नीरज श्रीवास्तव और समस्त विधानसभा पदाधिकारी




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