रेत माफिया चीर रहे शिवनाथ का सीना




खनिज और पर्यावरण की आपसी खींचतान का फायदा उठाते हुए रेत माफिया राजनांदगांव में शिवनाथ नदी का सीना लगातार चा$क किए जा रहे हैं। आलम ये है कि यहां से रोजाना सैकड़ों ट्रिप रेत निकाली जा रही है। खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे पंच-सरपंच और खनिज अधिकारियों तक को कुछ नहीं समझ रहे हैं। माफिया राज में पंचायतों के अधिकार महज कागजों पर ठप्पे लगाने तक ही सीमित रह गए हैं। तो उधर खनिज विभाग सारी गलती पर्यावरण विभाग के मत्थे मढ़कर खुद को बेदा$ग साबित करने में लगा हुआ है। इनके इस कारनामे से शिवनाथ का सीना और राज्य सरकार का खजाना दोनों खाली हो रहे हैं। इन पर अगर तत्काल कार्रवाई नहीं हुई तो फिर ग्रामीणों का आक्रोश किसी दिन किसी बड़ी अनहोनी का कारण बनेगा और उसका जिम्मेदार सिर्फ प्रशासन होगा।
नियम-कायदे को ताक पर रखकर रोज हो रही है धड़ल्ले से रेत की अवैध  खुदाई, सरकारी अधिकारी नहीं कर रहे हैं कोई कार्रवाई
 पंचायतों के सचिव और सरपंच बने हैं कठपुतली

राजनांदगांव।
क्या है पूरा मामला-
जिले के कुमर्दा से कुछ किमी की दूरी पर स्थित ग्राम धनगांव के पास शिवनाथ नदी में मशीनों से लगातार रेत निकाली जा रही है। दिन- रात मिलाकर रोजाना सैकड़ों ट्रिप रेत का परिवहन किया जा रहा है। पिछले पखवाड़े भर में इस खदान से निकली गाडिय़ों पर दो बार कार्रवाई हुई है। एक बार खनिज विभाग ने रात में रेत परिवहन करते वाहनों को पकड़ा था। दूसरी बार ग्रामीणों ने अवैध परिवहन करते वाहनों को दबोच लिया, लेकिन कार्रवाई करने के नाम पर पुलिस ने महज खानापूर्ति कर वाहनों को छोड़ दिया।
अवैध परिवहन करते वाहनों को पकडऩे वाले ग्रामीणों आरोप लगा रहे हैं कि डोंगरगांव पुलिस ने इस मामले में अपना उल्लू सीधा किया है। पुलिस पर आरोप हैं कि उसने वाहनों के खिलाफ  गलत मामला दर्ज कर दूसरे दिन सुबह ही वाहनों को छोड़ दिया। इस मामले में पुलिस लगातार जानकारी देने से कतरा रही है।
0 पुलिसवालों ने रेत खाली करवाई और गाड़ी ले गए-
हमारी सरकार संवाददाता ने धनगांव पहुंचकर रेत माफिया और अवैध रेत उत्खनन के पूरे मामले की पड़ताल की। इस पड़ताल में जो कुछ सामने आया वो काफ ी चौंकाने वाला है। ग्रामीण, वाहन चालक और पोकलेन ऑपरेटर खुले तौर पर सारी सच्चाई बयान कर रहे हैं।
वाहन - सीजी 04 एचएन 3098 के चालक ने बताया कि बीते रविवार की रात ग्रामीणों ने रेत परिवहन कर रही गाडिय़ों को बंधक बना लिया था। जब पुलिस आई तब ग्रामीणों ने गाडिय़ां उन्हें सौंप दी। उसने बताया कि रेत से भरी गाडिय़ों को पुलिस ने रेत डंप करने वाली जगह पर खाली करवाया और गाडिय़ों को अपने साथ ले गई।  इस मामले में ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने रेत से लोड गाडिय़ां ही पुलिस के हवाले की थीं। लेकिन दूसरे दिन जानकारी मिली की सारी गाडिय़ों को नो पार्किंग का मामला बनाकर छोड़ दिया गया। न जाने गाडिय़ों में लोड रेत कहां डंप कर दी गई और मामला दबा दिया गया।
 जेसीबी ऑपरेटर ने माना पूरी रात निकाली रेत
कुमर्दा के ग्राम धनगांव में रेत खदान पर पिछले 15 जून से काम शुरू हुआ। यहां के जेसीबी ऑपरेटर ने बताया कि पिछले कई दिनों से यहां पूरी रात रेत निकाली गई। उसने पूरी कहानी ही साफ  कर दी।
रायपुर के अजय जैन की जेसीबी-
जेसीबी के ऑपरेटर के अनुसार, यहां लगी सभी जेसीबी रायपुर के किसी अजय जैन की है। हम यहां 15--16 जून से काम कर रहे हैं। इस दौरान देर रात को भी रेत निकालने का काम हुआ है। हॉ लेकिन जो रेत निकाल रहा था रात में वो दूसरा ऑपरेटर है।
 मामला रफादफा कर लो: सरपंच पति
हमारे संवाददाता ने ग्रामीणों से बात करने के बाद जब इस मामले में सरपंच पति जैसिंग रावटे से बात की तो वह हड़बड़ा गया। किसी भी सवाल के जवाब में उसने चुप्पी साधे रखी और अंत में उसने पंचायत की रेत खदान को लीज पर चला रहे ठेकेदार से बात करवाने की बात कही। इससे पहले उसने मामले को यहीं रफ ादफ ा करने की बात कही। इसके बाद उसने रेत खदान के ठेकेदार का नंबर देने की भी बात कही।
 आनन-फ ानन में बैठक सौ रुपए में मामला तय
 ग्राम धनगांव में रेत उत्खनन के संबंध में पंचायत प्रतिनिधियों ने बैठक की। इस बैठक मेें रेत खदान चलाने वाले ठेकेदार के भी मौजूद थे। ग्राम पंचायत के उपसरपंच छबिराम मलगाम ने बताया कि सरपंच पति जैसिंग रावटे ने हमें रेत खदान से संबंधित कोई जानकारी ही नहीं दी थी। बैठक में उसने बताया कि जो ठेकेदार ग्राम पंचायत की रेत खदान चला रहा है वह प्रति ट्रिप सौ रुपए देगा। इसमें से 50 रुपए पंचायत और 50 रुपए ग्रामीणों के हिस्से में आएगा। इस तरह से पूरे मामले में मंगलवार को सौ रुपए में मामला तय कर लिया गया।

बॉक्स-- सीधी बात-
 सरपंच ही मिला हुआ है तो हम क्या करें: खनिज अधिकारी

अवैध रेत उत्खनन मामले में हमारी सरकार के संवाददाता ने खनिज अधिकारी एम. चंद्रशेखर से बात की। उन्होंने साफ.-साफ  लहजे में विभाग की ही कमियां गिनाते हुए खुद को मजबूर और लाचार बता दिया।
पेश है बातचीत का अंश-
हमारी सरकार - धनगांव की रेत खदान से देर रात मशीनों से उत्खनन हो रहा है। आप क्या कार्रवाई कर रहे हैं।
एम. चंद्रशेखर - हमने पहले ही उस खदान से अवैध रेत उत्खनन कर रेत ले जा रही गाडिय़ों के खिलाफ  कार्रवाई की है। और क्या कर सकते हैं?
हमारी सरकार- पर ऐसा तो अब भी हो रहा है?
एम. चंद्रशेखर- तो हम क्या करें? हमारे पास कोई लिखित शिकायत भी नहीं आई है। हम अपने स्तर पर कार्रवाई कर रहे हैं। हमारा काम पेनाल्टी काटना है बस! लीज सस्पेंड करना या कोई और कार्रवाई करना हमारे बस में नहीं है।
हमारी सरकार - मशीनों का उपयोग भी तो हो रहा है?
एम. चंद्रशेखर - हां वो तो सभी जगहों पर हो रहा है। इस पर पर्यावरण विभाग ही कार्रवाई करेगा न। हम क्या कर सकते हैं। हमारा जो काम है हम कर रहे हैं।

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