अब नारी या नर बन सकेंगे किन्नर





 प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में ऑपरेशन करके किन्नर को नारी या  नर बनाया जाएगा। प्लास्टिक सर्जरी प्रदेश के 10 हजार से ज्यादा किन्नरों के लिए वरदान साबित होगी। मेकाहारा के अधीक्षक डॉ. विवेक चौधरी ने खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसकी शुरुआत जल्दी ही की जाएगी। यानि बहुत जल्दी ही सड़कों पर तालियां बजाते घूमने थर्ड जेंडर बीते जमाने की बात हो जाएंगे।



रायपुर।
चेन्नई और पुडूचेरी के बाद अब रायपुर का नंबर-
चेन्नई और पुडूचेरी के बाद रायपुर में हो सकेगी सर्जरी
समाज की मूलधारा में जुडऩे की चाह रखने वाले किन्नरों के लिए ये अच्छी खबर है। क्योंकि जल्द ही रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में किन्नरों की सेक्स रेजीजमेंट सर्जरी की सुविधा मिलनी शरू हो जाएगी। अब तक ये सर्जरी केवल चेन्नई और पुडूचेरी के ही सरकारी अस्पतालों में ही होती थी, लेकिन अब छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में भी किन्नरों का सेक्स चेंज ऑपरेशन होगा।

थर्ड जेंडर के लिए बनेगी अलग से ओपीडी
वहीं अंबेडकर अस्पताल देश का पहला ऐसा सरकारी अस्पताल होगा जहां किन्नरों के लिए अलग से ओपीडी भी बनाई जाएगी, जिसमें इस सर्जरी के अलावा अन्य मर्जों का भी इलाज होगा। अस्पताल प्रबंधन ने इसके लिए एक प्रस्ताव सरकार के पास भेजा था, जिसे मंजूर कर लिया गया है और अब जल्द ही शासन के आदेश के बाद सर्जरी की सुविधा अस्पताल में शुरू होगी।
क्या कहती हैं थर्ड जेंडर वेलफेयर बोर्ड की सदस्य
वहीं छत्तीसगढ़ थर्ड जेंडर वेलफेयर बोर्ड की सदस्य विद्या राजपूत ने बताया कि साल 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को थर्ड जेंडरों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए काम करने का निर्देश दिया था, लेकिन छत्तीसगढ़ में उससे पहले ही सरकार ने किन्नरों के लिए सर्जरी की पॉलिसी तैयार कर ली थी, लेकिन अब तक प्रदेश में कहीं भी ये ऑपरेशन शुरू नहीं हो पाया था, लेकिन अब रायपुर में ये सुविधा मिलने से किन्नरों में काफी हर्ष का माहौल है, क्योंकि लाखों के खर्च में होने वाली इस सर्जरी का खर्च भी सरकार वहन करेगी।

हार्मोंस के लेबल के अनुसार होगा सेक्स चेंज
इस सर्जरी तहत किन्नरों का मेडिकल चेकअप कराया जाएगा। उनमें ये देखा जाएगा कि उनके अंदर पुरुष या महिलाओं के कितने हार्मोंस तत्व हैं। यदि जरूरी हार्मोंस तत्व पाए गए तो उनके अविकसित अंगों (गुप्त अंग) की प्लास्टिक सर्जरी की जाएगी। इसके तहत 5 लाख रुपए तक का खर्च शासन वहन करेगा। यदि महिला के रूप में अविकसित अंग है तो प्लास्टिक सर्जरी कर महिला बना दिया जाएगा। इसके विपरीत पुरुष के रूप में अविकसित अंग पाया गया तो प्लास्टिक सर्जरी के माध्यम से उन्हें पुरुष बनाया जाएगा।
प्रदेश में 10 हजार के पार किन्नरों की संख्या
परिवार एवं समाज कल्याण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शहर सहित जिले भर के किन्नरों की पहचान किए जाने का जाने आदेश आया था। इसके तहत किन्नरों के लिए अलग से कई तरह की व्यवस्था किए जाने की स्वीकृति थी। इसके लिए सर्वे करने का भी आदेश था। जिसके तहत पूरे प्रदेशभर में 2 हजार 7 सौ 98 किन्नरों की पहचान हुई थी, लेकिन अपनी पहचान गुप्त रखने वालों को मिलाकर देखें तो प्रदेशभर में ये संख्या दस हजार का भी आंकड़ा पार कर सकती है। हालांकि इस सर्जरी के लिए कई प्रोसेस से गुजरना होता है जिसमें किन्नरों के मानवाधिकार का भी ध्यान अस्पताल प्रबंधन को रखना होगा।
वर्जन-
 अस्पताल प्रबंधन द्वारा सारी व्यवस्था कर ली गई है और शासन का निर्देश मिलने के बाद सर्जरी शुरू की जाएगी।
डॉ. विवेक चौधरी
अधीक्षक
अंबेडकर अस्पताल


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